मॉडल पेपर व उत्तरकुंजी जारी करेगा यूपी बोर्ड, हजारों छात्रों को होगा फायदा
इससे जहां एक ओर बोर्ड के विशेषज्ञों को हाईस्कूल व इंटर के प्रश्नपत्र तैयार करने में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर छात्र-छात्राओं को उसी के हिसाब से तैयारी करना भी आसान होगा।
इलाहाबाद (जेएनएन)। यूपी बोर्ड प्रशासन प्रदेश भर के 26 हजार से अधिक कालेजों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं के लिए अगले माह मॉडल पेपर और उत्तरकुंजी जारी करने जा रहा है। यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इससे जहां एक ओर बोर्ड के विशेषज्ञों को हाईस्कूल व इंटर के प्रश्नपत्र तैयार करने में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर छात्र-छात्राओं को उसी के हिसाब से तैयारी करना भी आसान होगा। इस बार माध्यमिक कालेजों में पढ़ाई पर विशेष जोर है, इसलिए मॉडल पेपर जल्द जारी करने की तैयारियां तेज हो गई हैं।
माध्यमिक शिक्षा परिषद यानि यूपी बोर्ड में इसी सत्र से एनसीइअारटी का पाठ्यक्रम लागू हुआ है। इसकी किताबें अप्रैल में ही बाजार में आ चुकी हैं और उसी के तहत पढ़ाई भी होनी है। ग्रीष्मावकाश के पहले तक कालेजों में प्रवेश व किताब-कॉपी खरीदी गईं। अब जुलाई से कालेजों में पढ़ाई शुरू होगी। पाठ्यक्रम बदलने से सभी छात्र-छात्राओं में प्रश्नपत्र व उनके उत्तर लिखने की जिज्ञासा बनी है।
ऐसे में शासन ने बोर्ड प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह जल्द मॉडल प्रश्नपत्र व उसकी उत्तरकुंजी जारी करे, ताकि छात्र-छात्राओं व शिक्षकों को तैयारी कराने में मदद मिले। जुलाई से ही बोर्ड परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र भी बनाए जाएंगे, इससे मॉडल पेपर तैयार करने वाले विशेषज्ञों को भी सहूलियत मिलेगी। अफसरों का कहना है कि जुलाई में यह पेपर तैयार करके वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा, ताकि उसे हर कोई आसानी से देख सके।
इंटर के प्रश्नपत्र पर खास निगाह
यूपी बोर्ड में हाईस्कूल के विषयों की परीक्षा एक ही प्रश्नपत्र से होती आ रही है, लेकिन 2019 से इंटरमीडिएट के भी हर विषय का एक प्रश्नपत्र होगा। ऐसे में सबकी निगाह इंटर के मॉडल पेपर पर विशेष रूप से रहेगी। इस कदम से परीक्षा का समय भी पिछले वर्षों की अपेक्षा काफी कम होगा। फरवरी से होने वाली परीक्षा मार्च के पहले पखवारे में ही खत्म हो जाएंगी।
मेधावियों की उत्तरपुस्तिका अपलोड होने की प्रक्रिया खारिज
शासन ने यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर परीक्षा 2018 के मेधावियों की उत्तर पुस्तिका वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया था। इस पर अफसरों की बैठक में विस्तार से मंथन हुआ और कहा गया कि जब इसी सत्र से पाठ्यक्रम और प्रश्नपत्र सब बदल रहा है तब पुराने पाठ्यक्रम की उत्तर पुस्तिका अपलोड करने से छात्र-छात्राओं को क्या लाभ होगा? इस आधार पर एक तरह से उत्तर पुस्तिका अपलोड करने का प्रकरण बंद हो गया है।