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यूपी बोर्ड हाईस्कूल इंटर परीक्षायें सात फरवरी से, 30 अप्रैल को अायेगा परिणाम

यूपी बोर्ड ने आज परीक्षा का कार्यक्रम तय कर दिया है। सिर्फ 16 दिन में परीक्षा को सम्पन्न कराया जाएगा। यूपी बोर्ड हाईस्कूल की परीक्षा 15 और इंटर की 16 कार्यदिवसों में संपन्न होगी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 03:50 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 09:51 AM (IST)
यूपी बोर्ड हाईस्कूल इंटर परीक्षायें सात फरवरी से, 30 अप्रैल को अायेगा परिणाम
यूपी बोर्ड हाईस्कूल इंटर परीक्षायें सात फरवरी से, 30 अप्रैल को अायेगा परिणाम

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा-2019 सात फरवरी से शुरू होकर दो मार्च तक चलेगी। दोनों परीक्षाएं इस बार अब तक के सबसे कम समय मात्र सोलह कार्यदिवस में में पूरी कर ली जाएंगी। उप मुख्यमंत्री और माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने सोमवार को परीक्षा की समय सारिणी जारी की। उन्होंने कहा कि समय सारिणी तैयार करने में कुंभ के स्नान पर्व और सार्वजनिक अवकाशों का ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि 30 अप्रैल परीक्षा के परिणाम आने की संभावना है।

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शास्त्री भवन में पत्रकारों से वार्ता में डॉ. शर्मा ने कहा कि छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए परीक्षाओं के समय में परिवर्तन किया गया है। पूर्व के वर्षों में पहली पाली की परीक्षा सुबह साढ़े सात बजे शुरू होती थी। अब यह सुबह आठ बजे शुरू होगी। दूसरी पाली का समय यथावत दो बजे से सवा पांच बजे तक रहेगा। परीक्षा में शुचिता व पारदर्शिता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नकल रोकने के लिए परीक्षा कक्षों में आगे और पीछे दो-दो वीडियो कैमरे लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पिछली बार की तुलना में इस बार नौ लाख परीक्षार्थियों की संख्या कम है। पिछले साल नकल रोकने के लिए उठाए गए कदमों की वजह से बाहर से आकर ठेके पर परीक्षा देने वालों व फर्जी छात्र आवेदन नहीं कर सके हैं।


उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में केंद्र निर्धारण ऑनलाइन माध्यम से कराया जाएगा। पारदर्शी परीक्षा एवं मूल्यांकन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों में क्रमांक वाली उत्तर पुस्तिकाएं प्रयोग होंगी। ऐसे विद्यालयों को केंद्र नहीं बनाया जाएगा जो विगत तीन साल से बोर्ड की परीक्षा में सम्मिलित नहीं हुए हैं अथवा पहले से ब्लैक लिस्टेड हैं। साथ ही परीक्षा केंद्रों पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की जाएगी। नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए परीक्षार्थी के पंजीकरण को आधार से लिंक किया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस तथा पुस्तकें परीक्षा केंद्र पर प्रतिबंधित रहेंगी।


डॉ. शर्मा ने पिछले लगभग डेढ़ वर्षों के दौरान भाजपा सरकार की ओर से माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों का भी जिक्र किया। बताया कि वर्तमान सरकार ने 42 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था कर विगत कई वर्षों से शिक्षकों के मूल्यांकन व कक्ष निरीक्षकों के पारिश्रमिक का भुगतान कराया है। छात्र हित में रिक्त पदों को नियत मानदेय के आधार पर भरने के लिए प्रत्येक जिले में सेवानिवृत्त शिक्षकों का पूल तैयार किया गया है।

जल्द भरे जाएंगे शिक्षकों के रिक्त पद
उप मुख्यमंत्री न कहा कि माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पद जल्द भरे जाएंगे। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों सहायक अध्यापक के 10768 और प्रवक्ता के 3794 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इसी तरह सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के 14062 पद रिक्त चल रहे हैं। उनमें नौ हजार से अधिक पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है।

57.87 लाख परीक्षार्थी पंजीकृत

2019 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए 5787998 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। हाईस्कूल में 3203041 और इंटरमीडिएट में 2584957 छात्र-छात्राएं हैं।

उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि छह फरवरी से होने वाली यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में इस बार और सख्ती होगी। नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए अभी से काम शुरू कर दिया है। इंतजामों पर नजर रखने के लिए कमेटी बना दी गई है।


फैक्ट फाइल
- कुल 57 लाख 87 हजार 998 परीक्षार्थी देंगे परीक्षा।
- हाईस्कूल में 17 लाख 61 हजार 638 बालक व 14 लाख 45 हजार 403 बालिकाएं।
- इंटरमीडिएट में 13 लाख 97 बजार 79 बालक व 11 लाख 87 हजार 878 बालिकाएं।
- इंटरमीडिएट में 39 विषयों की होगी परीक्षा।
- हाईस्कूल में 36 विषयों की होगी परीक्षा।
- पिछले वर्ष की तुलना में इस बार लगभग नौ लाख परीक्षार्थी कम।
 

उप मुख्यमंत्री ने आंकड़ों के हवाले से कहा कि नकल पर शिकंजा कसने से छात्रों की संख्या कम हो गई। बीते वर्ष 67.22 लाख छात्र-छात्राओं ने पंजीकरण कराया था लेकिन सख्ती के कारण 11 लाख परीक्षार्थी परीक्षा छोड़कर भाग गए। पिछली बार 1.81 लाख प्राइवेट बच्चों के पंजीकरण हुए थे लेकिन, इस बार पारदर्शितापूर्ण पंजीकरण कराने पर यह संख्या 93 हजार पर रह गई। इस बार भी नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए और सख्ती की जाएगी। इस बार की बोर्ड परीक्षा को नकलविहीन बनाने के लिए उप मुख्यमंत्री ने हाल ही में परीक्षा केंद्र पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट तैनात करने, परीक्षा कक्ष में बैक और फ्रंट कैमरा के साथ-साथ वॉयस रिकॉर्डर की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए थे।


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