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UP Board Exam 2020: वेबसाइट पर गलत ब्योरा दर्ज होने पर सचिव ने फटकारा, अमान्य विद्यालयों ने भी दर्ज कराई मान्यता Lucknow News

माध्यमिक शिक्षा परिषद वेबसाइट पर गलत ब्योरा दर्ज होने पर सचिव ने फटकारा अमान्य विद्यालयों ने भी दर्ज कराई मान्यता।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 24 Dec 2019 01:07 PM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 01:07 PM (IST)
UP Board Exam 2020: वेबसाइट पर गलत ब्योरा दर्ज होने पर सचिव ने फटकारा, अमान्य विद्यालयों ने भी दर्ज कराई मान्यता Lucknow News
UP Board Exam 2020: वेबसाइट पर गलत ब्योरा दर्ज होने पर सचिव ने फटकारा, अमान्य विद्यालयों ने भी दर्ज कराई मान्यता Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। माध्यमिक शिक्षा परिषद यूपी बोर्ड 2020 की परीक्षा के लिए परिषद की वेबसाइट पर विद्यालय के शिक्षकों और प्रिंसिपल द्वारा दिए गए विवरण में गलत शैक्षिक विषय और ब्योरे के जानकारी दी गई। इतना ही नहीं अवकाश प्राप्त शिक्षकों ने तो अपनी जन्मतिथि ही नहीं दर्शायी है।

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इसके कारण परिषद को प्रयोगात्मक परीक्षक की नियुक्ति करने में दिक्कत होने के साथ ही मूल्यांकन की ड्यूटी के लिए शिक्षकों की नियुक्ति करने में भी असुविधा हो रही है। इस पर परिषद ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सचिव को फटकार लगाई है और कहा है कि 31 जनवरी तक वेबसाइट पर दी गई सभी जानकारियां सही करें। अन्यथा संबंधित शिक्षक और विद्यालय प्रबंधक और प्रिंसिपल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव नीना श्रीवास्तव के पत्र के बाद आनन-फानन डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह भी हरकत में आए। उन्होंने बोर्ड से संबंधित सभी विद्यालयों के प्रिंसिपल को पत्र जारी कर तत्काल वेबसाइट पर सारा ब्योरा ठीक कराने के निर्देश दिए हैं।

इस तरह की दी गईं गलत जानकारियां

जो विद्यालय हाईस्कूल स्तर तक मान्यता प्राप्त हैं, उनके द्वारा इंटरमीडिएट तक अध्यापन कार्य होना दर्शाया गया, जो मान्य नहीं है। प्रिंसिपल द्वारा स्वयं के स्नातकोत्तर परीक्षा के विषय दर्शाए गए हैं, लेकिन स्नातक किन विषयों से उन्होंने उत्तीर्ण किया यह नहीं बताया गया। अवकाश प्राप्त शिक्षक, शिक्षिकाओं ने जन्मतिथि का उल्लेख नहीं किया। शिक्षक, शिक्षिकाओं को हाई स्कूल स्तर पर विद्यालय में अध्यापन कार्य हेतु नियुक्त दर्शाया गया है, लेकिन उनके प्रशिक्षित स्नातक होने की स्थिति को वेबसाइट पर स्पष्ट नहीं है।

शिक्षक, शिक्षिकाओं को इंटरमीडिएट स्तर पर अध्यापन कार्य हेतु नियुक्ति दर्शाया गया है किंतु स्नातकोत्तर उन्होंने किन विषयों से उत्तीर्ण किया यह ब्योरा नहीं दिया गया। प्रिंसिपल द्वारा अपने विद्यालय के उन विषयों में अध्यापक, अध्यापिकाओं की नियुक्ति कर जिन विषयों में अध्यापक कार्य होना दर्शाया गया है। उन्हें परिषद द्वारा मान्यता प्रदान ही नहीं की गई। शैक्षिक योग्यता में एमएससी दर्शाया गया है किंतु विषय एमए, एमकॉम के अंकित किए गए हैं।

माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव नीना श्रीवास्तव ने डीआइएएस और संयुक्त शिक्षा निदेशक को निर्देश देकर राजधानी के 112 केंद्रों में व्यवस्थाओं की सूची मांगने के साथ ही यह रिपोर्ट भी तलब की है कि अबतक कहां-कहां राउटर डिवाइस और कैमरे नहीं लगे हैं। 24 दिसंबर को दोनों अधिकारियों को यह सूची माध्यमिक शिक्षा परिषद को देनी है। जानकारी के मुताबिक राजधानी स्थित आर्यकन्या इंटर कॉलेज निशातगंज, कुम्हरांवा इंटर कॉलेज बीकेटी, महात्मागांधी इंटर कॉलेज समेत 40 फीसद विद्यालयों में अभी राउटर डिवाइस, वायस रिकार्डर और कक्षों में दो-दो कैमरे नहीं लगे हैं। ध्यान रहें, 27 नवंबर को प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में आधारभूत सुविधाएं पूरा कराने के निर्देश दिए गए थे। डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि सभी विद्यालयों को सभी आधारभूत व्यवस्थाएं कराने के निर्देश दिए गए हैं। जो विद्यालय नहीं कराएंगे उनकी सूची परिषद को दी जाएगी। जिसके बाद कार्रवाई की संस्तुति होगी।


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