यूपी एटीएस के सीओ सविरत्न गौतम को मिलेगा गृहमंत्री का मेडल, पीएफआइ से रिश्तों के जुटाए थे पुख्ता साक्ष्य
यूपी एटीएस के सीओ को उत्कृष्ट विवेचना के लिए गृहमंत्री का मेडल मिलेगा। सीओ सविरत्न गौतम ने 90 दिनाें में दो आरोपितों के पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के सक्रिय सदस्य होने के पुख्ता साक्ष्य जुटाकर आरोपपत्र दाखिल कर दिया था।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। देश को दहलाने की साजिश के आरोप में लखनऊ से फरवरी, 2021 में पकड़े गये दो आरोपितों के विरुद्ध तकनीकी विवेचना कर उनके पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के सक्रिय सदस्य होने का तथ्य स्थापित करने वाले पुलिस उपाधीक्षक सविरत्न गौतम को भी गृहमंत्री के पदक से सम्मानित किया जायेगा।
पीएफआइ के सक्रिय सदस्यों से बरामद हुआ था विस्फोटक
- आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) मुख्यालय में तैनात गौतम ने आरोपितों के विरुद्ध विवेचना 90 दिनों में ही पूरी कर आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया था, जबकि विवेचना पूरी करने के लिए छह माह का समय था।
- स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने लखनऊ से अन्सद बदरुद्दीन व फिरोज खान को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से विस्फोटक बरामद किये थे।
- दोनों के एक आतंकी संगठन से रिश्ते होने की बात सामने आई थी। एसटीएफ ने राजफाश किया था कि दोनों कई शहरों में धमाके करने के साथ ही हिंदुत्व वादी संगठनों के नेताओं को निशाने बनाने का षड्यंत्र रच रहे थे।
- दोनों आरोपितों के विरुद्ध विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया था।
- इसके चलते ही मामले की विवेचना एटीएस के पुलिस उपाधीक्षक को सौंपी गई थी, जिसमें उन्होंने आरोपितों के मोबाइल से हासिल डेटा व बैंक खातों का गहनता से विश्लेषण किया था और दोनों के पीएफआइ से रिश्तों के प्रमाण जुटाये थे।
जेल में बंद हैं दोनों आरोपित
वर्तमान में दोनों आरोपित लखनऊ जेल में हैं और मामले की कोर्ट में सुनवाई चल रही है। उल्लेखनीय है कि एक्सीलेंस इन इनवेस्टीगेशन-2022 अवार्ड के लिए इस वर्ष पूरे देश के 151 पुलिसकर्मियों को चुना गया है, जिन्हें गृहमंत्री का मेडल मिलेगा। इनमें पुलिस उपाधीक्षक सविरत्न गौतम समेत उत्तर प्रदेश के 10 पुलिसकर्मी शामिल हैं।