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लखनऊ में एटीएस के ASP राजेश साहनी ने की खुदकुशी, मुख्यालय में मारी गोली

एटीएस में अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी)के पद पर तैनात राजेश साहनी ने आज सुबह अपनी लाइसेंसी पिस्टल से सर में गोली सटाकर आत्महत्या कर ली।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 29 May 2018 02:40 PM (IST)Updated: Tue, 29 May 2018 04:10 PM (IST)
लखनऊ में एटीएस के ASP राजेश साहनी ने की खुदकुशी, मुख्यालय में मारी गोली

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश एटीएस के तेज तर्रार अधिकारी राजेश साहनी ने आज आत्महत्या कर ली। पीपीएस अधिकारी राजेश साहनी ने गोमतीनगर में एटीएस मुख्यालय में आज अपनी सरकारी पिस्टल से कनपटी पर गोली मार ली। एटीएस के आईजी अमिताभ यश ने साहनी के गोली मारने की पुष्टि भी की है।

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राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर थाना क्षेत्र में एटीएस कार्यालय में आज उस समय खलबली मच गई जब जब एक पीपीएस अफसर ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। गोली चलने की आवाज सुनकर कर्मचारी मौके पर दौड़े। वहां उन्होंने खून से लथपथ अधिकारी को तड़पते देख फौरन अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी मौत हो गई। फिलहाल आत्महत्या करने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। राजेश साहनी एटीएस मुख्यालय,गोमतीनगर में थे। एटीएस आफिस पहुंचकर एएसपी राजेश साहनी ने गनर मनोज से पिस्टल मंगाई। पिस्टल देकर गनर बाहर निकला। इस बीच साहनी ने दाए ओर कनपटी पर सटा कर गोली मारी। फोरेंसिक टीम और एसएसपी दीपक कुमार समेत अन्य अधिकारी मौके की कर रहे जांच। मौके से कोई भी सुसाइड नोट बरामद नहीं हो पाया है। खुदकुशी के कारणों को पता नहीं चला है।

एटीएस के आईजी अमिताभ यश ने साहनी के स्वयं गोली मारने की पुष्टि भी की है। एडीजी लॉ एंड आर्डर आनंद कुमार ने बताया कि दिन में करीब एक बजे राजेश साहनी ने अपनी सरकारी पिस्टल ने कनपटी पर गोली मार ली। उनकी आत्महत्या का कारण अभी पता नहीं चल पा रहा है।  पुलिस ने घटना में प्रयुक्त सरकारी पिस्टल कब्जे में ले ली है। पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है। सुसाइड के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो सका है। लखनऊ एटीएस मुख्यालय में सभी बड़े अधिकारी पहुंच गए हैं।

1992 बैच के पीपीएस सेवा में चुने गए राजेश साहनी 2013 में अपर पुलिस अधीक्षक बने थे। वह मूलतः बिहार के पटना के रहने वाले थे। 1969 में जन्मे राजेश साहनी ने एमए राजनीति शास्त्र से किया था। राजेश साहनी ने बीते सप्ताह आईएसआई एजेंट की गिरफ्तारी समेत कई बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया था। उत्तर प्रदेश पुलिस के काबिल अधिकारियों राजेश साहनी की गिनती होती है। बीते सप्ताह आईएसआई एजेंट की गिरफ्तारी समेत कई बड़े ऑपरेशन को राजेश साहनी ने अजाम दिया था। राजेश साहनी 1992 में पीपीएस सेवा में आए थे। 2013 में वह अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर प्रमोट हुए थे।

एटीएस में रहते हुए राजेश साहनी ने कई ऑपरेशन को सफल किया था। राजेश साहनी ने अपने गनर मनोज से पिस्टल मंगाई थी और उसके बाद मुख्यालय में गोली में मार ली। उन्होंने खुदकुशी का फैसला क्यों किया इसको लेकर अभी कोई सुराग नहीं मिल पाया है। मौके से कोई सुसाइड नोट भी बरामद नहीं हुआ है। 

अभी पिछले हफ्ते ही एटीएस की टीम को राजेश साहनी के नेतृत्व में बड़ी सफलता उत्तराखंड में हाथ लगी थी। एटीएस टीम ने यहां मिलिट्री इंटेलिजेंस और उत्तराखंड पुलिस के साथ मिलकर संदिग्ध आईएसआई एजेंट रमेश सिंह को गिरफ्तार किया था। इसके बाद राजेश साहनी ने रमेश सिंह को कोर्ट में पेश​ किया था और उसे ट्रांजिट रिमांड पर यूपी लाए थे। राजेश काफी समय से तमाम आतंकी संगठनों के स्लीपर मॉड्यूल और भारत में आतंक की साजिशों को बेनकाब कर रहे थे। उत्तराखंड आपरेशन में राजेश साहनी के साथ उनकी टीम में इंस्पेक्टर मंजीत सिंह, एसआई शैलेंद्र गिरी, कंप्यूटर आपरेटर वकील अहमद, कांस्टेबल हरीश और मनोज शामिल थे।


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