यूपी विधानमंडल: सपाइयों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने पर विचार करे सरकार
अखिलेश यादव को प्रयागराज जाने से रोकने को लेकर प्रदर्शन करने वाले सपा कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लिये जाने की मांग करते हुए सपा सदस्यों ने विधान परिषद में हंगामा किया।
लखनऊ, जेएनएन। अखिलेश यादव को प्रयागराज जाने से रोकने को लेकर प्रदर्शन करने वाले सपा कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लिये जाने की मांग करते हुए समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने गुरुवार को विधान परिषद में हंगामा किया। हंगामे के बीच सभापति रमेश यादव ने सरकार को निर्देश दिया कि वह सपा कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उन्हें कानूनी रूप से वापस लेने पर विचार करे।
सपाइयों का राजनीतिक उत्पीडऩ
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने कहा कि सपा कार्यकर्ताओं पर कुल 306 फर्जी मुकदमे दर्ज कराये गए हैं। सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पर तो आइपीसी की धारा 307 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। सपाइयों का राजनीतिक उत्पीडऩ हो रहा है। नरेश उत्तम ने कहा कि सपा कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमे इसलिए लगाये जा रहे हैं ताकि वे चुनाव की तैयारी छोड़ थाना-कचहरी में फंसे रहें। सपा के राजेश यादव ने सभापति से कहा कि स्वास्थ्य मंत्री कहते हैं कि सपाइयों के डीएनए में गुंडागर्दी है, आप भी तो सपा कार्यकर्ता रहे हैं। इस पर भाजपा के विजय बहादुर पाठक, केदारनाथ सिंह, देवेंद्र प्रताप सिंह खड़े होकर सपा सदस्यों का प्रतिवाद करने लगे। सपा सदस्य सभापति के आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।
अखिलेश के जाने से शांतिभंग की आशंका थी
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर डॉ.दिनेश शर्मा ने बताया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय की परामर्शदात्री समिति ने तय किया था कि छात्रसंघ समारोह में किसी राजनीतिक दल का कोई नेता नहीं बुलाया जाएगा। समिति के निर्णय से अखिलेश यादव को समय रहते सूचित कर दिया गया था। इसके बावजूद अखिलेश प्रयागराज जा रहे थे। छात्रसंघ की गुटबंदी के मद्देनजर अखिलेश के वहां जाने से शांतिभंग की आशंका थी जबकि प्रयागराज में कुंभ मेला भी चल रहा है। इसलिए उन्हें रोकना पड़ा। उन्होंने कहा कि सपा कार्यकर्ताओं ने इलाहाबाद में बवाल और पत्थरबाजी की, दारोगा को झापड़ मारा। सरकार किसी निर्दोष को फर्जी मुकदमे में नहीं फंसाएगी। सपा कार्यकर्ता निर्दोष हैं तो वे सुबूत दें। इस बीच सपा सदस्य मुकदमे वापस लेने की मांग करते हुए कई बार सभापति के आसन के सामने आए। सभापति ने सरकार को सपाइयों पर दर्ज मुकदमों को विधिपूर्वक वापस लेने के लिए सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का निर्देश दिया। सपा सदस्य इससे संतुष्ट नहीं हुए और नारेबाजी करते हुए सदन के वेल में आ गए। बसपा और कांग्रेस के सदस्य भी उनके साथ आ गए। शोरशराबे के बीच एजेंडे का काम निपटाया गया और राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित कर बजट पर चर्चा शुरू होते ही सभापति ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक स्थगित कर दी।