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UP Assembly 2022: समाजवादी पार्टी का RLD के साथ पश्चिम उत्तर प्रदेश में जाट-मुस्लिम एकता पर जोर

UP Assembly 2022 अखिलेश यादव ने रविवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी के आवास पर जाकर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय चौधरी अजित सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। पश्चिम उत्तर प्रदेश में फोकस जाट व मुस्लिम की एकता पर है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 01:23 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 01:25 PM (IST)
UP Assembly 2022: समाजवादी पार्टी का RLD के साथ पश्चिम उत्तर प्रदेश में जाट-मुस्लिम एकता पर जोर
अखिलेश यादव ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय चौधरी अजित सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन करने वाली समाजवादी पार्टी ने अब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इसको जारी रखने का मन बना लिया है। समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी की जोरदार तैयारी कर ली है। पार्टी ने पूर्वांचल से ब्राह्मण सम्मेलन की तैयारी की है तो पश्चिम उत्तर प्रदेश में फोकस जाट व मुस्लिम की एकता पर है।

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अखिलेश यादव ने रविवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी के आवास पर जाकर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय चौधरी अजित सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान इनके बीच लम्बी वार्ता के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट-मुस्लिम एकता के लिए भाईचारा-सम्मेलन आयोजित कराने की योजना पर मुहर भी लगी। उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अब सियासी समीकरण और गठजोड़ ने गति पकड़ ली है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव व राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी की रविवार को दिल्ली में बैठक में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के राजनीतिक समीकरण को मजबूत बनाने की रणनीति पर चर्चा हुई। समाजवादी पार्टी ने भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत के चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल का प्रभाव देखा है।

पश्चिम उत्तर प्रदेश में दोनों युवा नेता अब जाट व मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ तमाम जातियों को जोड़कर नई सोशल इंजीनियरिंग खड़ी करने के प्रयास में है। राष्ट्रीय लोकदल अब जाट-मुस्लिम को एक बार फिर से साथ लाने के लिए 27 जुलाई से भाईचारा सम्मेलन शुरू कर रही है। जिसका आगाज मुजफ्फरनगर के खतौली से किया जा रहा है।

आरएलडी व समाजवादी पार्टी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट-मुस्लिम समीकरण के साथ ही गुर्जर, सैनी, कश्यप समाज के साथ ब्राह्मणों को भी जोड़ने की पूरी कोशिश में हैं। आरएलडी भाईचारा सम्मेलन के बहाने सियासी समीकरण को दुरुस्त करना चाहती हैं। इस राह में उसके सामने कई चुनौतियां भी हैं। भाईचारा सम्मेलन की सफलता के लिए आरएलडी ने पूरी ताकत झोंक दी है। इनकी कोशिश रहेगी कि इसमें सभी वर्गों को जोड़ा जाए और ज्यादा लोगों को जुटाया जाए ताकि केवल जाट-मुस्लिम गोलबंदी का संदेश न जा सके। सम्मेलन में गुर्जर, कश्यप, सैनी और ब्राह्मण समुदाय के लोगों को भी जोड़ा जा रहा है।

उत्तर प्रदेश में जाट समुदाय की आबादी करीब चार प्रतिशत है जबकि पश्चिम उत्तर प्रदेश में यह 17 फीसदी के आसपास है। मुस्लिम आबादी भले ही उत्तर प्रदेश में 20 प्रतिशत है, लेकिन पश्चिम उत्तर प्रदेश में यह करीब 35 से 50 प्रतिशत हैं। जाट और मुस्लिम समुदाय सहारनपुर, मेरठ, बिजनौर, अमरोहा, मुजफ्फरनगर, बागपत और अलीगढ़-मुरादाबाद मंडल सहित करीब सौ विधानसभ सीटों पर निर्णायक भूमिका अदा करते हैं। 


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