UP Assembly By-Election Result 2019 : गठबंधन न टूटता तो भाजपा को लगता और बड़ा झटका
UP Assembly By-Election Result 2019 सपा-बसपा का गठबंधन उपचुनाव तक बरकरार रहता तो आज की तस्वीर कुछ अलग ही होती।
लखनऊ [अजय जायसवाल]। सत्ता संघर्ष के लिए अकेले चल पड़े अखिलेश यादव की साइकिल बेशक उम्मीदों के ट्रैक पर आ गई है। मगर, सपा-बसपा का गठबंधन उपचुनाव तक बरकरार रहता तो आज की तस्वीर कुछ अलग ही होती। न सिर्फ बसपा को खड़े होने का सहारा मिलता, बल्कि इन दो दलों का साथ भाजपा को और बड़ा झटका दे सकता था। गंगोह, मानिकपुर और घोसी ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां सपा-बसपा के कुल वोट भाजपा से कहीं अधिक हैैं। ये तीन सीटें तो भाजपा के हाथ से फिसल ही सकती थीं।
वैसे तो विधानसभा की जिन 11 सीटों के उपचुनाव हुए हैं, उनमें से सपा व बसपा की एक-एक सीट ही थी, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद गठबंधन बरकरार रखकर दोनों ही पार्टियां भाजपा से कम से कम तीन और सीटों को झटकने में कामयाब हो सकती थीं। गोविन्दनगर और लखनऊ कैंट जैसी शहरी सीट छोड़कर ग्रामीण परिवेश वाली ज्यादातर सीटों पर मतदाताओं की सत्ताधारी भाजपा से नाराजगी के चलते विपक्षी पार्टियां भी वोट बटोरने में कामयाब रही हैं। हालांकि, बिखराव के चलते विपक्ष पार्टियां सीटों के रूप में वोटों का फायदा उठाने में सफल नहीं हो सकी हैं।
मसलन, गंगोह सीट को ही ले लीजिए। यहां पर भाजपा ने 68300 वोट हासिल कर जीत दर्ज की है, जबकि सपा और बसपा को मिले वोट इससे कहीं अधिक 89650 हैं। इसी तरह मानिकपुर सीट पर सपा व बसपा को कुल 91766 वोट मिले हैं, जबकि भाजपा को 66310 वोट ही प्राप्त हुए हैं। घोसी सीट पर सपा सिंबल के साथ तो चुनाव लड़ने में चूक गई, लेकिन निर्दलीय ही उसके प्रत्याशी और बसपा को को कुल 117373 वोट मिले हैं। भाजपा 68371 वोट पाकर इसलिए जीतने में कामयाब रही, क्योंकि सपा व बसपा के वोट बंट गए।
ऐसे में उपचुनाव के नतीजों से साफ है कि यदि बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव के बाद, सपा से किनारा न किया होता हो उपचुनाव में भाजपा को तमाम कोशिशों के बावजूद कम से कम तीन सीटें और गंवानी पड़ सकती थीं। उल्लेखनीय है कि राज्य में योगी सरकार बनने के बाद लोकसभा के उपचुनाव में विपक्षी एकता ने भाजपा को झटका दिया था। हालांकि, आम चुनाव में विपक्षी एकजुटता भी भाजपा को सत्ता में आने से रोकने में कामयाब नहीं रही है।