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राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट से फिर नई तारीख मिलने पर बेचैनी

राम मंदिर मामले की सुनवाई में दोबारा तारीख दिये जाने से लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे लोगों में निराशा और मायूसी है। यूपी सरकार ने तो इसके लिए सीधे कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा दिया

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 09:14 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 08:10 AM (IST)
राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट से फिर नई तारीख मिलने पर बेचैनी
राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट से फिर नई तारीख मिलने पर बेचैनी

लखनऊ, जेएनएन। राम मंदिर मामले की सुनवाई में दोबारा तारीख दिये जाने से लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे लोगों में निराशा और मायूसी है। यूपी सरकार ने तो इसके लिए सीधे कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा दिया और कहा कि कांग्रेस राम मंदिर निर्माण में सबसे बड़ी बाधा है। राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया है। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस राम मंदिर मामले की जल्द सुनवाई नहीं चाहती है इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की शह पर मंदिर विरोध गैंग कोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाकर अदालती कारवाई लटकाने का प्रयास कर रहा है।

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मंदिर-मंदिर जाकर वोट की राजनीति

श्रीकांत शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कांग्रेस भारतीय मूल्यों, परंपराओं और हिंदू आस्था को चोट पहुंचाकर करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को अपमानित कर रही है। राहुल पर हमलावर श्रीकांत ने कहा कि एक तरफ कांग्रेस के ढोंगी अध्यक्ष जनेऊ पहनकर मंदिर-मंदिर जाकर धर्म के नाम पर वोट की राजनीति करते हैं और दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता अदालत में राम के अस्तित्व पर ही सवाल खड़े करते हैं। राम मंदिर निर्माण में बाधा पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे कपिल सिब्बल अदालत में मामले को लगातार लटकाने की पैरवी करते रहे हैं। 

तारीख मिलने से मायूस रामनगरी

सुप्रीमकोर्ट से राममंदिर मामले में एक और तारीख मिलने राम नगरी बेचैन है। रामजन्मभूमि न्यास अध्यक्ष और मणिरामदासजी की छावनी के महंत नृत्यगोपालदास ने कहा कि देश का हर नागरिक सर्वोच्च न्यायालय का सम्मान करता है, लेकिन न्यायिक व्यवस्था में गतिरोध हिंदू समाज को दुख पहुंचा रहा है और ऐसा गतिरोध हिंदू समाज को उद्वेलित कर सकता है। न्यास अध्यक्ष ने यह भी कहा, कांग्रेसी नहीं चाहते कि मामले का समाधान हो और हिंदू समाज को न्याय मिले। तिवारी मंदिर के महंत एवं समाजसेवी गिरीशपति त्रिपाठी के अनुसार अदालत पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी उचित नहीं है पर बार-बार की तारीख इस विवाद के हल की उम्मीद कर रहे लोगों को क्षुब्ध करने वाली है और अदालत को इस पक्ष की ओर भी गौर करना होगा।

रामलला की अवमानना से रौ-रौ नर्क 

विहिप के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा, न्यायालय में अवरोध उत्पन्न करने वाले कांग्रेस और बाबरी समर्थकों का लक्ष्य मामले को लटकाए रखना है पर वह यह भूल रहे हैं कि रामलला की अवमानना से रौ-रौ नर्क भुगतना पड़ेगा। उन्होंने याद दिलाया, पूर्व में कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील कपिल सिब्बल ने जिस प्रकार से मामले में अवरोध उत्पन्न किया और आज वकील राजीव धवन ने विशेष पीठ पर अंगुली उठाई, उससे प्रतीत होता है कि कुछ ताकतें मंदिर निर्माण में व्यवधान चाहती हैं। सनकादिक आश्रम के महंत एवं संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैयादास ने कहा, रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो कर रहेगा यह मुस्लिम पक्षकार भलीभांति समझ रहे हैं, इसलिए वह न्यायिक गतिविधियों में अवरोध डालने का काम कर रहे हैं। 

कोर्ट पर टिप्पणी का हक नहीं : इकबाल

बाबरी के पक्षकार मो. इकबाल ने कहा, विवाद का शीघ्र समाधान होना चाहिए पर हम कोर्ट पर टिप्पणी करने वाले नहीं हैं और सभी पक्षों को कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए। 

मंदिर के समर्थन में शपथ पत्र दाखिल करेंगे मुस्लिम

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रांतीय मंत्री बब्लू खान ने कहा, मंदिर के समर्थन में आम मुस्लिमों को सामने आना होगा। ताकि मंदिर के विरोध की दुकान चलाने वालों से मिली बदनामी का दाग धुला जा सके। उन्होंने बताया कि मुस्लिम सुप्रीमकोर्ट में मंदिर के पक्ष में शपथपत्र दाखिल कर सकते हैं।


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