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उन्नाव में कंपोजिट ग्रांट घोटाला : ईओडब्ल्यू की जांच में दोषी पाए गए डीएम समेत अन्य अफसर

उन्नाव जिले के बहुचर्चित करोड़ों के कंपोजिट ग्रांट घोटाले की जांच में ईओडब्ल्यू ने तत्कालीन डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय समेत अन्य अधिकारियों व कर्मियों को दोषी पाया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 10:39 PM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 10:39 PM (IST)
उन्नाव में कंपोजिट ग्रांट घोटाला : ईओडब्ल्यू की जांच में दोषी पाए गए डीएम समेत अन्य अफसर
उन्नाव में कंपोजिट ग्रांट घोटाला : ईओडब्ल्यू की जांच में दोषी पाए गए डीएम समेत अन्य अफसर

लखनऊ, जेएनएन। उन्नाव जिले के बहुचर्चित करोड़ों के कंपोजिट ग्रांट घोटाले की जांच में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने तत्कालीन डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय समेत अन्य अधिकारियों व कर्मियों को दोषी पाया है। ईओडब्ल्यू ने शासन को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। सूत्रों का कहना है कि तत्कालीन डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है, जबकि तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी बीके शर्मा व अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने की संस्तुति की है। ईओडब्ल्यू ने प्रकरण में उन्नाव की सदर कोतवाली में दर्ज कराई गई एफआइआर की विवेचना भी अपने हाथ में ले ली है। आरोपित तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी बीके शर्मा अनियमितता के अन्य मामले में पूर्व में निलंबित भी हो चुके हैं।

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आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की जांच में तत्कलीन डीएम व बीएसए के अलावा जौनपुर की मां वैष्णव एजेंसी के संचालक जितेंद्र सिंह, तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी रामकिशुन यादव, कृष्ण देव यादव, आशीष चौहान, दिनेश सिंह, शैलेंद्र कुमार शर्मा, सुरेंद्र कुमार मौर्य, मृत्युंजय यादव, सुषमा सेंगर, नसरीन फारुकी, अरुण कुमार अवस्थी, अशोक कुमार सिंह, प्रवीण कुमार दीक्षित, मधुलिका वाजपेयी व राजेश कुमार को दोषी पाया गया है। इनमें कई के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है।

ईओडब्ल्यू ने मां वैष्णव एजेंसी को ब्लैक लिस्ट किए जाने की सिफारिश भी की है। पूर्व में इस प्रकरण की जांच कमिश्नर ने की थी, जिसमें डीएम समेत अन्य अधिकारी दोषी पाए गए थे। प्रकरण में तत्कालीन डीएम को निलंबित कर दिया गया था। शासन ने मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी थी।

ध्यान रहे, उन्नाव के स्कूलों में कंपोजिट ग्रांट के तहत सप्लाई किए गए डेस्टबिन, दीवार घड़ी, पेंसिल व अन्य सामग्री की सप्लाई में घोटाला किया गया था। खंड शिक्षा अधिकारियों व प्रधानाध्यापकों पर मां वैष्णव एजेंसी से ही सामग्री खरीदने का दबाव भी बनाया गया था। ईओडब्ल्यू एफआइआर में कुछ अन्य धाराओं की बढ़ोत्तरी भी कर सकती है। ईओडब्ल्यू की विवेचना में कुछ अन्य अधिकारियों व कर्मियों की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। जल्द उसका शिकंजा दोषियों पर कसेगा।


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