उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की दुर्घटना: ट्रक के ड्राइवर तथा क्लीनर तीन दिन की सीबीआइ रिमांड पर
सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद उन्नाव के माखी दुष्कर्म कांड की पीडि़ता के साथ हुई सड़क दुर्घटना के मामले की जांच में सीबीआइ तेजी से अपने कदम आगे बढ़ा रही है।
लखनऊ, जेएनएन। उन्नाव की दुष्कर्म पीडि़ता की कार से भिडंत के मामले में शनिवार को सीबीआइ कोर्ट ने ट्रक के ड्राइवर आशीष कुमार पाल व क्लीनर मोहन को तीन दिन की रिमांड पर दिया है। रायबरेली में उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता की कार की दुर्घटना के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी ट्रक ड्राइवर आशीष कुमार पाल और क्लीनर मोहन को सात दिन की न्यायिक हिरासत में लखनऊ जेल भेज दिया है।
दुर्घटना के मामले की जांच कर रही सीबीआई ने शनिवार कोर्ट में नई याचिका दाखिल करके ट्रक ड्राइवर और क्लीनर की रिमांड की मांग की थी, जिसके बाद सीबीआई को दोनों की तीन दिन की रिमांड मिल गई है।
दुष्कर्म पीड़िता के चाचा महेश सिंह को रायबरेली जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। इस केस में सीबीआइ दुष्कर्म पीडि़ता के चाचा से भी पूछताछ करेगी। उन्होंने ही इस सड़क हादसे की शिकायत दर्ज कराई है। वहीं सीबीआई ने ट्रक के मालिक देवेंद्र पाल को भी पूछताछ के लिए रविवार को लखनऊ बुलाया है।
सड़क हादसे की जांच करने को सीबीआइ की विशेष टीम
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को असहज करने वाले उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता के साथ रायबरेली में दुर्घटना की जांच करने को सीबीआइ की विशेष टीम तैनात की गई है। उन्नाव में दुष्कर्म के बाद अब पीड़िता की दुर्घटना के मामले की जांच में काफी तेजी आ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को इस मामले की जांच करने के लिए सिर्फ 15 दिन का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद उन्नाव के माखी दुष्कर्म कांड की पीड़िता के साथ हुई सड़क दुर्घटना के मामले की जांच में सीबीआइ तेजी से अपने कदम आगे बढ़ा रही है। टीम ने आज किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रामा सेंटर में पीड़िता के परिवार के लोगों से पूछताछ की। सीबीआई की एक महिला अधिकारी भी दुष्कर्म पीड़िता से पूछताछ करने ट्रामा सेंटर के सीसीयू वार्ड में हैं। दूसरी टीम ने रायबरेली जेल में बंद पीड़िता के चाचा से पूछताछ के बाद उनको तिहाड़ जेल दिल्ली के लिए रवाना कर दिया।
उन्नाव गैंगरेप पीडि़ता के जानलेवा एक्सीडेंट की गुत्थी सुलझाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) की टीम लखनऊ के ट्रामा सेंटर पहुंची। जहां पीड़िता और उसके वकील भर्ती है। सीबीआई की टीम पीडि़त परिवार वालों से मिलने आई हैं।
पीड़िता को 10 यूनिट चढ़ा खून, खतरा बरकरार
केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती दुष्कर्म पीड़िता की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। उसके फेफड़े में जमा खून निकाल दिया गया है, लेकिन मल्टीपल फ्रैक्चर से काफी रक्तस्राव हुआ था। ऐसे में डॉक्टरों को 10 यूनिट खून चढ़ाना पड़ा। उधर, घायल वकील को एक बार फिर वेंटिलेटर से हटा लिया गया है। केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. संदीप तिवारी के मुताबिक पीड़िता के शरीर पर कई फ्रैक्चर थे। इसीलिए काफी रक्तस्राव हुआ। उसके बेहोशी में होने का कारण अधिक रक्तस्राव के अलावा सिर में छुपी हुई चोट हो सकती है। ऐसे में न्यूरो के डॉक्टर भी जुटे हुए हैं। पीड़िता के शरीर का दाहिना हिस्सा चोटिल हुआ है। उसके सिर में चोट, जबड़े में फ्रैक्चर, पसली में फै्रक्चर व दाहिनी जांघ की हड्डी टूट गई है। आर्थोपेडिक चिकित्सकों ने कच्चा प्लास्टर चढ़ा दिया है।
पुलिस रिमांड पर ट्रक ड्राइवर और क्लीनर
सीबीआइ कोर्ट ने रायबरेली में सड़क दुर्घटना के आरोपी ट्रक ड्राइवर और क्लीनर को कोर्ट ने सात दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। सीबीआई कोर्ट ने उन्नाव दुष्कर्म कांड में ट्रक ड्राइवर और क्लीनर को 3 दिन पुलिस रिमांड पर देने का आदेश किया।आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर से जेल में पूछताछ करने की सीबीआई को इजाजत मिल गई है। इसके अलावा पीडि़ता के चाचा से भी सीबीआई पूछताछ करेगी।
जांच के लिए सीबीआइ की विशेष टीम
रायबरेली में हुए हादसे की जांच के लिए सीबीआइ ने 20 सदस्यीय विशेष टीम गठित की है। इस टीम में एसपी, एएसपी, सीओ, इंस्पेक्टर व उपनिरीक्षक शामिल हैं। सीबीआइ दिल्ली के कुछ अधिकारियों के साथ केंद्रीय फोरेंसिक साइंस लैब के छह विशेषज्ञों की टीम शुक्रवार को लखनऊ पहुंची और फिर रायबरेली जाकर घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। सीबीआइ ने मौके पर घटना का नाट्य रूपांतरण (रीक्रिएशन) भी कराया। एक ट्रक को घटनास्थल पर मंगवाकर फोरेंसिक विशेषज्ञों ने विभिन्न पहलुओं पर पड़ताल की। सीबीआइ हादसा या हत्या के बीच के सभी बिंदुओं को गहनता से खंगाल रही है। शुक्रवार देर शाम तक सीबीआइ की टीम छानबीन में जुटी रही। सीबीआइ ट्रक मालिक, चालक व क्लीनर की मोबाइल कॉल डिटेल खंगालने के साथ ही भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व अन्य आरोपितों के बारे में भी छानबीन कर रही है। सूत्रों का कहना है कि सीबीआइ की एक टीम ने बांदा जाकर भी छानबीन की है। बांदा से ही ट्रक मौरंग लादकर रायबरेली पहुंचा था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को ट्रामा सेंटर के क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) वार्ड में भर्ती पीड़िता व अधिवक्ता तथा परिवारीजन की सुरक्षा में सीआरपीएफ के जवान तैनात कर दिए गए हैं। गेट के बाहर पुलिसकर्मियों का पहरा है। ट्रामा सेंटर के द्वितीय तल पर मेडिसिन यूनिट के कक्ष में पीड़िता के परिवारीजनों को रखा गया है। यहां भी सीआरपीएफ के जवानों का कड़ा पहरा है। पीड़िता और वकील के घर पर भी सीआरपीएफ तैनात कर दी गई है। पीड़िता के दूसरे वकील अजेंद्र अवस्थी और अशोक द्विवेदी की सुरक्षा में भी सीआरपीएफ के तीन-तीन जवान मुस्तैद किए गए हैं।
चाचा को भेजा तिहाड़ जेल
रायबरेली जेल में निरुद्ध पीड़िता के चाचा को सीआरपीएफ की सुरक्षा में दिल्ली की तिहाड़ जेल रवाना कर दिया गया। डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया शुक्रवार देर शाम डीएम-एसपी रायबरेली जेल पहुंच गए थे। उसके बाद सीआरपीएफ के 17 अधिकारियों व कर्मियों की टीम पीड़िता के चाचा को रायबरेली जेल से सड़क मार्ग से लेकर तिहाड़ जेल रवाना हो गई।
सीबीआइ ने दर्ज किए चाचा के बयान
सीबीआइ लखनऊ की ज्वाइंट डायरेक्टर संपत मीणा के नेतृत्व में एक टीम ने शुक्रवार देर शाम रायबरेली जेल में पीड़िता के चाचा से पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए। चाचा से कई अहम बिंदुओं पर जानकारी ली गई।
पुलिसकर्मियों से भी हुई दिनभर पूछताछ
दिल्ली सीबीआइ के अधिकारियों ने शुक्रवार को उन्नाव के माखी थाने के कई पुलिसकर्मियों को लखनऊ स्थित जोनल कार्यालय में तलब कर पूछताछ की। दरअसल, अप्रैल 2018 में शुरू हुए प्रकरण के दौरान माखी थाने में तैनात पुलिसकर्मियों और तब से वर्तमान तक थाना में तैनात रहे अधिकारियों को सीबीआइ ने पूछताछ के लिए बुलाया। प्रमुख रूप से थाना प्रभारी, हल्का इंचार्ज और पीडि़त परिवार की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों से दिनभर पूछताछ की गई। बताया गया कि सीबीआइ ने माखी थाने के 25 और हादसे के दिन पीड़िता की सुरक्षा में तैनात तीन पुलिसकर्मियों को बुलाया था। इसमें 19 महिला और नौ पुरुष पुलिसकर्मी शामिल थे। सूत्रों का कहना है कि कई तत्कालीन पुलिसकर्मी भी बुलाए गए थे। सीबीआइ ने पीड़िता किशोरी व उसके परिवारीजन को दी जा रही धमकियों व स्थानीय पुलिस की भूमिका के अलावा माखी दुष्कर्म कांड को लेकर भी पुलिसकर्मियों से सवाल किए।
सीबीआइ ने सभी आरोपितों की कुंडली मांगी
उन्नाव में माखी गांव की दुष्कर्म पीडि़ता व उसके परिवार और वकील के साथ रायबरेली में हुए कार हादसे में नामजद सभी दस आरोपितों का आपराधिक इतिहास सीबीआइ ने पुलिस से तलब किया है। उन पर कितने और कहां-कहां मुकदमे दर्ज हैं, सभी थाना प्रभारी इसका रिकार्ड खंगालने में जुटे हैं। यही नहीं, उनके करीबियों के मोबाइल नंबर की सूची भी तैयार की जा रही है।
बीते रविवार को रायबरेली में ट्रक से हुए हादसे में पीड़िता के चाचा ने 10 लोगों को नामजद किया था। इसी मामले में गुरुवार को सीबीआइ ने ट्रॉमा सेंटर लखनऊ में भर्ती पीड़िता व उसके वकील के परिजनों के बयान दर्ज किए। अब सीबीआइ ने जिले के सभी थाना प्रभारियों को नामजदों की सूची भेजकर उनकी केस हिस्ट्री मांगी है। कहा गया है कि आरोपितों पर दर्ज सभी मुकदमों की सूची तैयार की जाए। इसके बाद उन पर कार्रवाई शुरू की जाएगी। आदेश के बाद संबंधित थाना प्रभारियों ने केस हिस्ट्री खंगालनी शुरू कर दी है। कुछ ने तो रिपोर्ट में दर्ज बड़े नामों की कुंडली बनाकर भेज भी दी है।
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