Unnao Case: सीबीआइ की 20 सदस्यीय विशेष टीम ने तेज की पड़ताल, हादसे का कराया रीक्रिएशन
सीबीआइ दिल्ली के कुछ अधिकारियों के साथ केंद्रीय फोरेंसिक साइंस लैब के छह विशेषज्ञों की टीम शुक्रवार को लखनऊ पहुंची और फिर रायबरेली जाकर घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया।
लखनऊ, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद उन्नाव दुष्कर्म कांड की पीड़िता के साथ हुई रायबरेली में सड़क दुर्घटना के मामले की जांच में सीबीआइ तेजी से अपने कदम आगे बढ़ा रही है। रायबरेली में हुए हादसे की जांच के लिए सीबीआइ ने 20 सदस्यीय विशेष टीम गठित की है, जिसमें एसपी, एएसपी, सीओ, इंस्पेक्टर और उपनिरीक्षक शामिल हैं।
सीबीआइ दिल्ली के कुछ अधिकारियों के साथ केंद्रीय फोरेंसिक साइंस लैब के छह विशेषज्ञों की टीम शुक्रवार को लखनऊ पहुंची और फिर रायबरेली जाकर घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। सीबीआइ ने मौके पर घटना का नाट्य रूपांतरण (रीक्रिएशन) भी कराया। एक ट्रक को घटनास्थल पर मंगवाकर फोरेंसिक विशेषज्ञों ने विभिन्न पहलुओं पर पड़ताल की। सीबीआइ हादसा या हत्या के बीच के सभी बिंदुओं को गहनता से खंगाल रही है। शुक्रवार देर शाम तक सीबीआइ की टीम छानबीन में जुटी रही। सीबीआइ ट्रक मालिक, चालक व क्लीनर की मोबाइल कॉल डिटेल खंगालने के साथ ही भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व अन्य आरोपितों के बारे में भी छानबीन कर रही है। सूत्रों का कहना है कि सीबीआइ की एक टीम ने बांदा जाकर भी छानबीन की है। बांदा से ही ट्रक मौरंग लादकर रायबरेली पहुंचा था।
सुरक्षा में सीआरपीएफ के जवान तैनात
दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर के क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) वार्ड में भर्ती पीड़िता व अधिवक्ता तथा परिवारीजन की सुरक्षा में सीआरपीएफ के जवान तैनात कर दिए गए हैं। गेट के बाहर पुलिसकर्मियों का पहरा है। ट्रॉमा सेंटर के द्वितीय तल पर मेडिसिन यूनिट के कक्ष में पीड़िता के परिवारीजन को रखा गया है। यहां भी सीआरपीएफ के जवानों का कड़ा पहरा है। पीड़िता और वकील के घर पर भी सीआरपीएफ तैनात कर दी गई है। पीड़िता के दूसरे वकील अजेंद्र अवस्थी और अशोक द्विवेदी की सुरक्षा में भी सीआरपीएफ के तीन-तीन जवान मुस्तैद किए गए हैं।
चाचा को भेजा तिहाड़ जेल
रायबरेली जेल में निरुद्ध पीड़िता के चाचा को सीआरपीएफ की सुरक्षा में दिल्ली की तिहाड़ जेल रवाना कर दिया गया। डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि शुक्रवार देर शाम डीएम-एसपी रायबरेली जेल पहुंच गए थे। रात करीब 8:35 बजे सीआरपीएफ के 17 अधिकारियों व कर्मियों की टीम पीड़िता के चाचा को रायबरेली जेल से सड़क मार्ग से लेकर तिहाड़ जेल के लिए रवाना हो गई।
सीबीआइ ने दर्ज किए चाचा के बयान
इससे पहले सीबीआइ लखनऊ की ज्वाइंट डायरेक्टर संपत मीणा के नेतृत्व में एक टीम ने शुक्रवार देर शाम रायबरेली जेल में पीड़िता के चाचा से पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए। चाचा से कई अहम बिंदुओं पर जानकारी ली गई।
पीड़िता को 10 यूनिट चढ़ा खून, खतरा बरकरार
केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती दुष्कर्म पीड़िता की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। उसके फेफड़े में जमा खून निकाल दिया गया है, लेकिन मल्टीपल फ्रैक्चर से काफी रक्तस्राव हुआ था। ऐसे में डॉक्टरों को 10 यूनिट खून चढ़ाना पड़ा। उधर, घायल वकील को एक बार फिर वेंटिलेटर से हटा लिया गया है। केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. संदीप तिवारी के मुताबिक पीड़िता के शरीर पर कई फ्रैक्चर थे। इसीलिए काफी रक्तस्राव हुआ। उसके बेहोशी में होने का कारण अधिक रक्तस्राव के अलावा सिर में छुपी हुई चोट हो सकती है। ऐसे में न्यूरो के डॉक्टर भी जुटे हुए हैं। पीडि़ता के शरीर का दाहिना हिस्सा चोटिल हुआ है। उसके सिर में चोट, जबड़े में फ्रैक्चर, पसली में फ्रैक्चर व दाहिनी जांघ की हड्डी टूट गई है। आर्थोपेडिक चिकित्सकों ने कच्चा प्लास्टर चढ़ा दिया है।
पुलिसकर्मियों से भी हुई दिनभर पूछताछ
दिल्ली सीबीआइ के अधिकारियों ने शुक्रवार को उन्नाव के माखी थाने के कई पुलिसकर्मियों को लखनऊ स्थित जोनल कार्यालय में तलब कर पूछताछ की। दरअसल, अप्रैल 2018 में शुरू हुए प्रकरण के दौरान माखी थाने में तैनात पुलिसकर्मियों और तब से वर्तमान तक थाना में तैनात रहे अधिकारियों को सीबीआइ ने पूछताछ के लिए बुलाया। प्रमुख रूप से थाना प्रभारी, हल्का इंचार्ज और पीडि़त परिवार की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों से दिनभर पूछताछ की गई। बताया गया कि सीबीआइ ने माखी थाने के 25 और हादसे के दिन पीड़िता की सुरक्षा में तैनात तीन पुलिसकर्मियों को बुलाया था। इसमें 19 महिला और नौ पुरुष पुलिसकर्मी शामिल थे। सूत्रों का कहना है कि कई तत्कालीन पुलिसकर्मी भी बुलाए गए थे। सीबीआइ ने पीड़ित किशोरी व उसके परिवारीजन को दी जा रही धमकियों व स्थानीय पुलिस की भूमिका के अलावा माखी दुष्कर्म कांड को लेकर भी पुलिसकर्मियों से सवाल किए।
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