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लखनऊ में बेकाबू कार ने भाई-बहन समेत चार को रौंदा, दो की मौत-ग्रामीणों ने पुलिस पर किया पथराव

आक्रोशित ग्रामीणों ने हाईवे किया जाम पुलिस को दौड़ाया। एसपी और तहसीलदार के कार्रवाई और मुआवजे के आश्वासन के बाद शांत हुए ग्रामीण।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 04:34 PM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 11:26 PM (IST)
लखनऊ में बेकाबू कार ने भाई-बहन समेत चार को रौंदा, दो की मौत-ग्रामीणों ने पुलिस पर किया पथराव
लखनऊ में बेकाबू कार ने भाई-बहन समेत चार को रौंदा, दो की मौत-ग्रामीणों ने पुलिस पर किया पथराव

लखनऊ, जेएनएन। थाना इलाके के मस्तीपुर गांव में बेकाबू कार ने हाइवे किनारे बैठे भाई-बहन समेत चार लोगों को रौंद दिया। घटना में भाई-बहन की मौत हो गई, जबकि दो अन्य लोग घायल हो गये। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने हाईवे जामकर दो घंटे तक जमकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने मौके पर पहुंची पुलिस को दौड़ाकर पथराव किया। घटना में पुलिसकर्मियों समेत कई राहगीरों को चोटें आईं। पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल न होने के चलते उपद्रवी उनपर भारी पड़े। वहीं मौके पर पहुंचे एसपी ग्रामीण और तहसीलदार ने मुआवजे और कार्रवाई का आश्वासन देकर किसी तरह ग्रामीणों को शान्त कराया। तब जाकर जाम खुल सका और स्थिति सामान्य हो सकी। निगोहां के मस्तीपुर गांव निवासी कुलदीप अपनी बहन रीना, भांजी आंचल व भतीजी आरूषी के साथ हाइवे किनारे परचून की दुकान के सामने बैठे थे। सोमवार दोपहर लखनऊ से इलाहाबाद की ओर कार जा रही थी। तभी अचानक हाईवे पर मवेशी आ गया। जिसके बाद तेज रफ्तार कार बेकाबू कार ने हाइवे से नाले की तरफ चढ़कर भाई-बहन समेत चार लोगों को रौंद डाला। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने आनन-फानन सभी को उपचार के लिए सीएचसी मोहनलालगंज भेजा, जहां से उन्हें ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया।

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उधर ग्रामीणों को उत्तेजित देख पुलिस ने आरोपित चालक को हिरासत में लेकर थाने भेज दिया। इसी बीच कुलदीप और रीना की मौत की सूचना गांव पहुंची। सूचना पहुंचने के बाद ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचे पुलिस कार्मियों को दौड़ाकर ईंट-पत्थर व लाठी-डंडे से हमला बोल दिया। ग्रामीणों की ओर से बार-बार पथराव देख पुलिस को कई बार घटनास्थल से दूर भागना पड़ा। अफरा-तफरी के महौल के बीच हाइवे पर करीब दो घंटे जाम लगा रहा। ग्रामीण मुआवजे की मांग पर अड़े थे।

  

घटना के बाद बेबस नजर आई पुलिस

घटना के बाद मौके पर पहुंची और घायल कार चालक को लेकर थाने गई। इसके बाद नाराज ग्रामीण उग्र होकर हाइवे जाम कर विरोध प्रदर्शन करने लगे। ग्रामीणों के आगे पुलिस की एक न चली और उन्हें भगाना पड़ा। ग्रामीणों में इसकदर आक्रोश था कि अगर किसी राहगीर ने भी मोबाइल फोन से फोटो खींचने का प्रयास किया तो उसे भी दौड़ा लिया।

एसपी ग्रामीण के साथ कमिश्नरेट पुलिस ने संभाला मोर्चा

जब स्थिति निगोहां पुलिस के नियंत्रण से बाहर हो गयी तो इसकी सूचना एसपी ग्रामीण को देने के साथ कमिश्नरेट में मोहनलालगंज पुलिस को दी गई। जिसके बाद मोहनलालगंज पुलिस मौके पर पहुंची और एसपी के साथ मोर्चा संभाला। उग्र ग्रामीणों को समझाकर शांत कराने में भी अहम भूमिका रही। इसके बाद हाइवे का जाम खुलवाकर उसमें फंसी गाड़ियां निकलवानी शुरू की गईं। तब जाकर जाम समाप्त हुआ।

आक्रोश के दौरान दिखी मानवता

हादसे के बाद नाराज ग्रामीण हाइवे जामकर चार पहिया से लेकर बाइक तक नहीं निकलने दे रहे थे। जिसकी वजह से हाइवे पर लम्बा जाम लग गया। इस दौरान कई एम्बुलेंस भी फंस गयी। यह देख प्रदर्शनकारियों ने एम्बुलेंस को जाने के लिये सड़क पर लगाई गई बल्लियां हटा दीं।


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