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शहर में डेंगू से मासूम समेत दो की मौत, अस्‍पताल फुल Lucknow News

लखनऊ में बढ़ रहे हैं डेंगू के मरीज। दो लोगों की हुई मौत।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 07:22 AM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 04:03 PM (IST)
शहर में डेंगू से मासूम समेत दो की मौत, अस्‍पताल फुल Lucknow News
शहर में डेंगू से मासूम समेत दो की मौत, अस्‍पताल फुल Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। शहर में डेंगू दिनों दिन घातक हो रहा है। इसकी चपेट में आकर मरीजों की जान जा रही हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग के कागजों में मौत का ग्राफ शून्य बना हुआ है। राजधानी में मासूम समेत दो की और जिंदगी डेंगू ने छीन ली है।

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कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी सेक्टर डी निवासी शेर सिंह के मुताबिक बेटी प्रितुषा चौधरी को तीन दिन से तेज बुखार था। उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया। शुक्रवार रात उसकी हालत गंभीर हो गई। ऐसे में प्रितुषा को लेकर लोकबंधु अस्पताल पहुंचे। यहां से डॉक्टरों ने ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। वहीं ट्रॉमा सेंटर में बेड फुल बताकर लौटा दिया। इसके बाद आशियाना स्थित एक दूसरे निजी अस्पताल ले गए। यहां जांच में डेंगू की पुष्टि हुई। उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी। डॉक्टरों ने वेंटिलेटर के लिए रेफर किया। इसी दरम्यान उसकी मौत हो गई। वहीं रनजी खंड के 25 वर्षीय रतन की भी शनिवार देर रात डेंगू से मौत हो गई। 

लगातार बढ़ रहे मरीज : शहर में रोजाना 20 से अधिक मरीज डेंगू की चपेट में आ रहे हैं। ड्रग कमिश्नर रमा शंकर सिंह और उनकी पत्‍नी दोनों को डेंगू हुआ है। दोनों का इलाज उनके घर पर ही चल रहा है। शनिवार तक शहर में 597 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। 

बीमारी होने के बाद हुई फागिंग : असिस्टेंट ड्रग कमिश्नर रमाशंकर विभव खंड में 2/ 261 में रहते हैं। उनकेमुताबिक, अभी तक घर के आसपास फा¨गग व एंटीलीर्वा का छिड़काव नहीं हुआ था। बीमारी होने पर शनिवार रात फा¨गग हुई है। ऐसे में शहर में एंटीलार्वा व फा¨गग टीम की कार्रवाई सवालों के घेरे में हैं। एंटीलार्वा टीम के मानदेय के लिए ही सरकार ने 45 लाख रुपये दिए हैं। वहीं नगर निगम में फा¨गग की 24 बड़ी गाड़ियां व 50 फा¨गग की हैंड मेड मशीनें लगी हैं। फा¨गग के लिए प्रति गाड़ी चार हजार से अधिक रुपये प्रतिदिन धन स्वीकृत किया जा रहा है। 

अस्पतालों में बेड फुल

बलरामपुर, सिविल व बलरामपुर में इमरजेंसी व डेंगू वार्ड फुल रहे। वहीं बुखार, डायरिया के बढ़े मरीजों से मेडिसिन व बाल रोग विभाग में बेड मिलना मुश्किल रहा। लोहिया अस्पताल में बाल रोग के 40 बेड, मेडिसिन वार्ड के 100 बेड, सिविल अस्पताल में 150 बेड मेडिसिन वार्ड, बालरोग के 40 बेड, बलरामपुर अस्पताल में मेडिसिन के 200, इमरजेंसी के 50 व बालरोग वार्ड के 30 बेड हैं। इन वार्डो के 98 फीसद बेड रविवार को फुल रहे।

शहर में एंटी लार्वा और फॉ¨गग पर उठ रहे सवाल-कहां खर्च हो रहा धन, वार्ड से लेकर इमरजेंसी तक फुल, इलाज के लिए भटक रहे दूर-दराज से आए मरीज


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