लखनऊ में गन्ना शोध संस्थान के सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक से हड़पे 2.71 करोड़, मुकदमा दर्ज
26 अप्रैल को आरोपितों ने फोन कर जीएसटी के 93 लाख रुपये जमा करने को कहा। पीड़ित ने इंकार किया तो आरोपितों ने 18 करोड़ रुपये नहीं देने की बात कही। झांसे में आकर पीड़ित ने रुपये जमा कर दिए। इसके बाद से ठगों ने फोन बंद कर लिया।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। इंश्योरेंस पालिसी और आइपीओ में निवेश का झांसा देकर जालसाजों ने गन्ना शोध संस्थान से सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक डा. कन्हैयालाल से जालसाजों ने दो करोड़ 71 लाख रुपये हड़प लिए। पीड़ित ने कृष्णानगर कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई है। पीड़ित को आरोपित ने 18 करोड़ रुपये देने का लालच दिया था। गीतापल्ली में रहने वाले डा. कन्हैयालाल के मुताबिक उन्होंने दो बैंकों से इंश्योरेंस पालिसी ली थी। 10 मई 2015 को उनके पास फोन आया था।
फोन करने वाले ने खुद को इंश्योरेंस कंपनी का प्रमुख आरके मेहरात्रा बताया। इसके बाद पालिसी पूरी होने का झांसा देकर आरोपित ने रकम निवेश करने का झांसा दिया। इसके बाद अमित गुप्ता और आशीष नाम के दो लोगाें ने संपर्क किया और संदीप जायसवाल के नाम से बनी ई-मेल पीड़ित से कुछ दस्तावेज मंगाए। आरोपितों ने पीड़ित से संदीप के खाते में 21 लाख रुपये ट्रांसफर करवाए। आरोपितों ने दोबारा पीड़ित से एक करोड़ 78 लाख लिए और इसके बदले में 18 करोड़ रुपये देने की बात कही।
26 अप्रैल को आरोपितों ने फोन कर जीएसटी के 93 लाख रुपये जमा करने को कहा। पीड़ित ने इंकार किया तो आरोपितों ने 18 करोड़ रुपये नहीं देने की बात कही। झांसे में आकर पीड़ित ने रुपये जमा कर दिए। इसके बाद से ठगों ने फोन बंद कर लिया। पीड़ित ने शुक्रवार को कृष्णानगर कोतवाली में जाकर शिकायत की, जिसके बाद उनकी रिपोर्ट लिखी गई। पुलिस सर्विलांस और साइबर सेल की मदद से छानबीन कर रही है।