फर्जी वीजा देकर भेजते थे फॉरेन, राजफाश कर पुलिस ने दो एजेंटों को दबोचा
विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर तैयार करते थे फर्जी कागजात।
विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर तैयार करते थे फर्जी कागजात। मलेशिया में बंधक बना लिए गए थे आजमगढ़ के पाच लोग। चिनहट पुलिस ने दो एजेंटों को दबोचा, 26 पासपोर्ट जब्त। लखनऊ[जागरण संवाददाता]। फर्जी वीजा के जरिए लोगों को विदेश भेजने वाले गिरोह का चिनहट पुलिस ने राजफाश किया है। पुलिस ने विदेशों में नौकरी दिलाने का झासा देकर जाली दस्तावेज तैयार करने वाले दो अनाधिकृत एजेंटों को गिरफ्तार किया है। एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक, पकड़े गए आरोपितों ने आजमगढ़ के पाच लोगों को मलेशिया भेजा था, जहा वैध वीजा नहीं होने के कारण उन्हें बंधक बना लिया गया था। सीओ गोमतीनगर दीपक कुमार सिंह ने बताया कि पकड़े गए लोगों में मूलरूप से ग्राम पुरसिया, थाना वाल्टरगंज, जिला बस्ती निवासी जावेद अहमद एवं उसका दोस्त इरफान शामिल हैं। आरोपितों ने 15 मार्च को आजमगढ़ निवासी ओमप्रकाश यादव, अमरजीत यादव, अजय यादव, योगेंद्र यादव और देवेंद्र कुमार को नौकरी के नाम पर मलेशिया भेजा था। मलेशिया पहुंचते ही डब्ल्यूआरपी कंपनी ने पाचों लोगों के पास वैध वीजा नहीं होने पर उनके पासपोर्ट छीनकर रख लिए और बंधक बना लिया था। विदेश मंत्रालय ने लिखा था पत्र
मलेशिया में पाच भारतीयों के फंसे होने की सूचना मिलने पर विदेश मंत्रालय ने पत्र लिखा था। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से हस्तक्षेप के बाद फंसे लोगों को भारत लाने की प्रक्रिया शुरू की गई। पड़ताल में पता चला कि एजेंटों ने पाच लाख 70 हजार रुपये लेकर पीड़ितों को मलेशिया भेजा था। परिवारीजनों ने जब फंसे हुए लोगों से संपर्क साधा तो उन्हें पूरे मामले की जानकारी हुई और उन्होंने जिलाधिकारी आजमगढ़ से इसकी शिकायत की थी। इसके बाद जिला प्रशासन ने शासन को रिपोर्ट भेजी थी। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ दर्ज कराई एफआइआर
इंस्पेक्टर चिनहट राजकुमार सिंह के मुताबिक, इस प्रकरण में पुलिस ने तीनों आरोपितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है। आरोपितों के पास से 26 पासपोर्ट, 11 बैंकों के पासबुक, 39 मेडिकल प्रपत्र, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और वीजा तथा पासपोर्ट के कागजात समेत अन्य सामान बरामद किए गए हैं। सीओ का कहना है कि सभी पीड़ित सकुशल भारत वापस आ गए हैं। पूछताछ में पीड़ितों ने बताया कि पासपोर्ट वापस मागने पर डब्लूआरपी कंपनी के लोग रुपये की भी माग करते थे।