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चेक का क्लोन बनाकर खातों से रुपये उड़ाने वाली दिल्ली की गैंग का राजफाश, दो शातिर अरेस्ट

नोएडा लखनऊ प्रयाग व अन्य जगहों तक जुड़े हैं तार। पिछले कई सालों से यह गैंग दर्जनों लोगों को लगा चूका है चूना।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 08:43 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 08:43 PM (IST)
चेक का क्लोन बनाकर खातों से रुपये उड़ाने वाली दिल्ली की गैंग का राजफाश, दो शातिर अरेस्ट
चेक का क्लोन बनाकर खातों से रुपये उड़ाने वाली दिल्ली की गैंग का राजफाश, दो शातिर अरेस्ट

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की राजधानी पुलिस ने शनिवार को चेक का क्लोन बनाकर बैंक खातों से रुपये उड़ाने वाले दिल्ली के गैंग का राजफाश किया है। पीड़ित को इसकी जानकारी खाते से रुपये निकलने के बाद मोबाइल पर आए संदेश के माध्यम व पासबुक में एंट्री कराते वक्त होती थी। पुलिस ने इस गैंग के दो शातिर बदमाशों को गिरफ्तार भी किया है। उनके पास से 10 लाख रुपये का एक क्लोन चेक, फर्जी पते की तीन आइडी, तीन मोबाइल व चार सिम कार्ड बरामद किया गया है। यह गैंग अब तक कई बड़ी कंपनियों व फर्मों के चेक को क्लोन करके उनके अकाउंट से लाखों रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दे चुकें हैं। 

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ये है मामला 

मामला चिनहट थानक्षेत्र का है। एसओ क्षितिज त्रिपाठी ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर दो शातिर बदमाशों मोहम्मद इरशाद अली पुत्र मोहम्मद शफीक निवासी पड़िला थाना रवई जनपद प्रयाग व नूर मोहम्मद पुत्र शमसुद्दीन निवासी जफर कॉलोनी बहरामपुर थाना तिवारीपुर जनपद गोरखपुर को मल्हौर स्टेशन से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उन्हें ऐसे वक्त में दबोचा है, जब वह 10 लाख रुपये का क्लोन किया हुआ चेक अपने गैंग से जुड़े सदस्य के खाते में निकलवाकर भंजाने वाले थे।

दिल्ली से प्रयाग तक जुड़े हैं तार

पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए अभियुक्तों से पूछताछ में यह जानकारी मिली है कि इस गैंग के तार दिल्ली से लेकर नोएडा, लखनऊ, प्रयाग व अन्य जगहों तक जुड़े हैं। ठगी का हेड अड्डा दिल्ली है, जिसका मास्टरमाइंड प्रशांत नाम का शातिर बताया जा रहा है। पिछले कई सालों से यह गैंग चेक को क्लोन करके दर्जनों लोगों को चूना लगा चुका है। इस बार तीन दिनों के लॉकडाउन की वजह से यह चेक नहीं भंजा सके और हत्थे चढ़ गए।

ऐसे करते हैं चेक का क्लोन

इस गैंग की नजर कुछ ऐसी बड़ी कंपनियों, फर्मों और पूंजीपतियों पर होती है, जिनके खाते में अकूत रुपये हों। गैंग के सदस्य पहले संबंधित कंपनी, पूंजीपति या फर्म के कुछ कर्मियों को अपने साथ मिलाते हैं और रुपयों का लालच देकर उनसे कंपनी का चेक प्राप्त करते हैं। इसके बाद बड़ी ही सफाई से नवीन टेक्नोलॉजी के जरिए उसका क्लोन बना डालते हैं। फिर उसी के जरिए अपने गैंग से जुड़े सदस्यों के खाते में चेक लगा कर पैसे निकालते रहते हैं। जिस खाते में चेक को लगाते हैं उसे भी धोखाधड़ी से प्राप्त कुछ फीसद राशि हिस्से के तौर पर देते हैं। उन्होंने बताया की गैंग के अन्य सदस्यों वह मास्टरमाइंड तक पहुंचने की कोशिश जारी है।


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