श्रद्धांजलि देने को कुछ देर के लिए मौन हो गया यूपी विधानमंडल, कार्यवाही स्थगित
विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के बाद कार्यवाही 27 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई।
लखनऊ (जेएनएन)। विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के बाद कार्यवाही 27 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में शोक प्रस्ताव रखते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी को उनके सांस्कृतिक और राजनीतिक योगदान के लिए हमेशा ही याद किया जाएगा। उन्होंने देश के हित में कड़े फैसले किए। उनके निधन से देश ने महान सपूत खो दिया, जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती। मुख्यमंत्री ने उनकी उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि अटलजी जो कुछ बोलते थे उनकी बातों को विपक्षी भी बहुत गंभीरता से लिया करते थे। उन्होंने हिंदी भाषा को विश्व भर में महत्वपूर्ण स्थान दिलाने का काम किया। अटलजी ने सुशासन की नींव रखी और देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि अटलजी का सब सम्मान करते थे तो उन्होंने भी सबको भरपूर सम्मान दिया। अटलजी का विनोदी स्वभाव याद करते हुए चौधरी ने उनकी भाषण कला को अद्भूत बताया। बसपा विधानमंडल दल नेता लालजी वर्मा ने कहा कि अटलजी ने विभिन्न विचारधारा वाले दलों को साथ मिलकर सरकार चलाने की गजब क्षमता दिखायी। वर्मा ने अटलजी को बाहुबल और धनबल से हटकर स्वच्छ राजनीति करने वाला पुरोधा बताया। उन्होंने कहा कि प्रतिकूल परिस्थितियों में मर्यादाओं वाली राजनीति करने की पे्ररणा अटलजी से मिलती रहेगी।
कांग्रेस विधानमंडल दलनेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि वाजपेयी एक पत्रकार व बड़े रचनाकार भी थे। सबके दिलों पर राज करने वाले अटलजी से सदैव सबको ऊर्जा मिलती रहेगी। अपना दल के नीलरतन सिंह पटेल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
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इतनी ऊंचाई न देना कि गैरों के गले न लगा सकूं
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि अटलजी हमेशा सबके रहे और सभी को ऊपर उठाने का प्रयास किया। अटलजी का कहना था कि प्रभु मुझे इतनी ऊंचाई न देना कि गैरों को गले न लगा सकूं। दीक्षित ने कहा कि उनके तौरतरीकों का अनुसरण करना आज बेहद जरूरी है। अटल जी को कभी कटुवाणी का इस्तेमाल करते नहीं देखा गया। करीब आधा घंटा की कार्यवाही के बाद दो मिनट का मौन धारण करके सदन 27 अगस्त तक स्थगित कर दिया गया।
आजम खां रहे गैरहाजिर
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए विधानसभा में अधिकतर सदस्य मौजूद थे लेकिन, सपा के आजम खां व उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम की अनुपस्थिति चर्चा में रही। वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव उपस्थित रहे और पीछे की पंक्ति में बैठे। सपा के बागी नितिन अग्रवाल और बसपा के बागी अनिल सिंह निर्दलीय सदस्यों के साथ बैठे थे।