मोदीकेयर से इलाज हुआ अासान, गोरखपुर का रोहन बना प्रदेश का पहला 'आयुष्मान मरीज'
योजना में शामिल अन्य लोगों को बीमारी से संबंधित अस्पताल का पता लगाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार के कॉल सेंटरों पर फोन करना पड़ेगा।
लखनऊ (जेएनएन)। गोरखपुर का बालक रोहन राव प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-आयुष्मान भारत के तहत इलाज पाने वाला प्रदेश का पहला मरीज बन गया है। मजदूर पिता के 12 वर्षीय पुत्र रोहन के दिल में छेद है। उसे रविवार को गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने हाथ से योजना के पात्र के तौर पर गोल्डेन कार्ड सौंपा था। मुख्यमंत्री उसकी बीमारी सुनकर द्रवित हुए तो पूरा तंत्र हरकत में आ गया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उसे अपने साथ लेकर सोमवार को कानपुर पहुंच गए। उसे कानपुर के राजकीय कार्डियोलॉजी संस्थान में कार्डियो थोरेसिक सर्जरी के लिए भर्ती करा दिया गया है।
रोहन का इलाज तो विशेषज्ञ संस्थान में शुरू हो गया लेकिन, योजना में शामिल अन्य लोगों को बीमारी से संबंधित अस्पताल का पता लगाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार के कॉल सेंटरों पर फोन करना पड़ेगा। राज्य सरकार की स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रेहेंसिव एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) की वेबसाइट पर यह सूचना आने में अभी दो हफ्ते का समय लगेगा कि किस बीमारी का इलाज किस अस्पताल में मिलेगा। इसी तरह योजना में शामिल हैं या नहीं, यह पता करने के लिए जिला अस्पताल या जन सेवा केंद्र जाना होगा। योजना में पीजीआइ, केजीएमयू और एम्स जैसे बड़े अस्पताल भी अभी शामिल नहीं हो पाए हैं। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि अगले कुछ दिनों में व्यवस्था सुचारु ढंग से काम करने लगेगी।
यूं तो आयुष्मान योजना के तहत करीब 1350 तरह की बीमारियों के कैशलेस इलाज की व्यवस्था है और प्रदेश के 680 अस्पतालों को इलाज के लिए योजना से जोड़ा भी जा चुका है लेकिन, इनमें से एक भी अस्पताल ऐसा नहीं है, जहां सभी सूचीबद्ध बीमारियों का इलाज हो सके। राज्य सरकार इसके लिए एंड्रॉयड मोबाइल एप तैयार कर रही है और बुकलेट भी छपवा रही है। इसमें भी दो से तीन हफ्ते का समय लगेगा।
इस बीच अपने लायक अस्पताल की जानकारी राज्य सरकार के कॉल सेंटर के नंबर 1800-1800-4444 पर या केंद्र सरकार के ऐसे ही टोल फ्री नंबर 14555 से हासिल करनी होगी। राज्य सरकार का टोल फ्री नंबर सुबह 10 से शाम छह बजे तक काम करेगा, जबकि केंद्र का नंबर चौबीसों घंटे सक्रिय रहेगा। हालांकि योजना लागू होने के दूसरे दिन, सोमवार को दोनों ही नंबरों से कई प्रयास के बाद भी लोग संपर्क नहीं कर सके।
ऐसे पता करें अर्हता
इलाज से पहले यह पता करना जरूरी है कि प्रदेश में जिन 1.18 करोड़ परिवारों को योजना में शामिल किया गया है, उसमें आपका परिवार है या नहीं। राज्य सरकार इसके लिए भी मोबाइल एप बना रही है, जो अगले तीन-चार दिनों में लॉन्च होगा लेकिन, तब तक अर्हता पता करने के लिए तीन प्लेटफार्म उपलब्ध कराये गए हैं। आयुष्मान योजना की वेबसाइट 'मेरा.पीएमजेएवाइ.जीओवी.आइएन पर मोबाइल फोन नंबर के जरिये, जन सेवा केंद्र के जरिये या जिला अस्पताल से यह जानकारी हासिल की जा सकती है।
इंश्योरेंस नहीं, प्रदेश में चलेगा एश्योरेंस मॉडल
आयुष्मान योजना को राजस्थान जैसे कुछ राज्य अपनी पुरानी स्वास्थ्य बीमा योजना से जोड़कर बीमा कंपनियों के साथ शुरू कर रहे हैैं, वहीं हरियाणा की तरह उत्तर प्रदेश में यह योजना एश्योरेंस मॉडल पर चलेगी। यानि यहां योजना से कोई बीमा कंपनी नहीं जोड़ी जाएगी। अस्पतालों को खर्च की अदायगी 60 और 40 के अनुपात में क्रमश: केंद्र और राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। प्रदेश को इसके लिए 176 करोड़ रुपये प्राप्त हो गए हैैं। प्रदेश में पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीआइ) संचालित होती थी लेकिन, तीन साल से यह बंद है।
निजी अस्पताल का फ्रॉड थमेगा
सालाना पांच लाख रुपये का हेल्थ कवर देने वाली आयुष्मान योजना में वैसे तो किसी भी बीमारी का पैकेज 1.60 लाख रुपये से अधिक नहीं है लेकिन, इसमें भी निजी अस्पताल अधिक बिलिंग दिखाकर रकम न हड़प सकें, इसके लिए साचीज अपने स्तर से फ्रॉड कंट्रोल टीम बनाकर निजी बिलिंग पर पूरी नजर रखेगा।
खास बातें
-कुल अस्पताल- 680
-लंबित आवेदन- 100
-सरकारी अस्पताल- 376
-निजी अस्पताल- 304
-जिला अस्पताल- 170
-राजकीय मेडिकल कॉलेज- 4
-निजी मेडिकल कॉलेज- 6
-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र-202
-लाभार्थियों के लिए कुल बिस्तर-60,919
सरकार से मिला बजट- 176 करोड़