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बॉडी वार्न कैमरों से लैस होंगे परिवहन कर्मी, भ्रष्टाचार और दुर्व्यवहार पर लगेगी लगाम

जांच के दौरान परिवहन कर्मियों पर लगते आरोपों और वाहन स्वामियों द्वारा प्रवर्तन दलों से की जा रही अभद्रता से बचने के लिए परिवहन विभाग 360 बॉडी वार्न कैमरा खरीदने जा रहा है। जांच के दौरान अधिकारी और प्रवर्तन टीम इन कैमराें को अपने कपड़ों में लगाकर रखेगी।

By Vikas MishraEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 12:04 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 03:39 PM (IST)
बॉडी वार्न कैमरों से लैस होंगे परिवहन कर्मी, भ्रष्टाचार और दुर्व्यवहार पर लगेगी लगाम
कैमरे जल्द ही जेम पोर्टल के माध्यम से इसे सड़क सुरक्षा निधि द्वारा खरीदे जाएंगे।

लखनऊ, [नीरज मिश्र]। जांच के दौरान परिवहन कर्मियों पर लगते आरोपों और वाहन स्वामियों द्वारा प्रवर्तन दलों से की जा रही अभद्रता से बचने के लिए परिवहन विभाग 360 बॉडी वार्न कैमरा खरीदने जा रहा है। जांच के दौरान अधिकारी और प्रवर्तन टीम इन कैमराें को अपने कपड़ों में लगाकर रखेगी। इसमें न केवल फोटो बल्कि रिकार्डिंग की भी व्यवस्था रहेगी। इससे जांच में पारदर्शिता आएगी साथ ही गाड़ी छुड़ाए जाने को लेकर बनाए जा रहे बेजा दबाव से भी राहत मिलेगी। चेकिंग दस्ते में शामिल आरटीओ, एआरटीओ और पीटीओ को यह बॉडी वार्न कैमरे दिए जाएंगे। जल्द ही जेम पोर्टल के माध्यम से इसे सड़क सुरक्षा निधि द्वारा खरीदा जाएगा। इसकी तैयारियां विभाग ने पूरी कर ली हैं। अधिकारियों के मुताबिक इसकी निगरानी किया जाना भी आसान होगा।

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ये होंगी खूबियांः जांच के दौरान बॉडी पर लगाए गए इन कैमरों से न केवल पिक्चर और वीडियो बनता रहेगा, बल्कि इसकी रिकार्डिंग भी रहेगी। नियम तोड़ते वक्त वाहन स्वामी पर कार्रवाई की पूरी बातचीत और एक्शन इसमें दर्ज रहेगा। जिससे न तो गाड़ी मालिक किसी प्रकार का गलत आरोप लगा पाएगा और न ही प्रवर्तन टीम से जुडे़ अधिकारियों की गलत एक्टविटी या फिर दबाव बनाकर मनमाने तरीके से अवैध पैसा नहीं वसूल पाएंगे।

कसेगी फर्राटा भर रहे वाहनों पर भी नकेल की तैयारीः महंगी होने के कारण अभी तक प्रवर्तन दस्तों के पास गिनी-चुनी रडारगन ही हैं। इसकी वजह से परिवहन विभाग की चेकिंग टीम अक्सर तेज गति से दौड़ाए जा रहे वाहनों पर कार्यवाही नहीं कर पाती है। इस आवश्यकता को भी जल्द पूरा किया जाएगा। प्रदेश के आगरा और मथुरा एक्सप्रेस-वे समेत नेशनल हाइवे पर जांच के लिए करीब 175 स्पीड रडारगन भी जल्द खरीदे जाने की प्रक्रिया चल रही है। उप परिवहन आयुक्त पुष्पसेन सत्यार्थी ने बताया कि दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए परिवहन आयुक्त इसे लेकर गंभीर हैं। कोशिश है कि इसे भी इसी वित्तीय वर्ष में खरीद लिया जाए जिससे प्रवर्तन टीम तकनीकी रूप से और सक्षम हो सके।


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