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अब कुशल हा‍थों में होगी रफ्तार, जल्द खुलेंगे ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट

दिया जाएगा प्रशिक्षण, तैयार होंगे कुशल चालक। दुर्घटनाओं में आएगी कमी, पहले चरण में सात जिलों में बनाए जाएंगे।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 02:18 PM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 03:56 PM (IST)
अब कुशल हा‍थों में होगी रफ्तार, जल्द खुलेंगे ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट

लखनऊ[नीरज मिश्र]। परिवहन विभाग प्रदेश 16 मंडलों के आइटीआइ (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) परिसर में जल्द ही ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलने जा रहा है। इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। कोष प्रबंध समिति ने इस पर अनुमोदन दे दिया है। पहले चरण में प्रदेश के सात स्थानों पर और दूसरे चरण में नौ जगह इंस्टीट्यूट तैयार किए जाएंगे। मंशा है कि बेहतर प्रशिक्षण लेने के बाद ही कुशल चालक वाहन की कमान थामें जिससे दुर्घटनाओं में कमी आए। 

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जमीन उपलब्ध कराएगा आइटीआइ : ड्राइविंग टेनिंग इंस्टीट्यूट के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान अपने परिसर में निश्शुल्क भूमि उपलब्ध कराएगा। 

सेंटर को तैयार करेगा परिवहन विभाग : परिवहन विभाग ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना में योगदान करेगा। चालकों को बेहतर ढंग से प्रशिक्षित किए जाने को लेकर विभाग आटोमेटिक ट्रैक से लेकर प्रशिक्षण तक से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं को तैयार कराएगा। इस ट्रैक के लिए विभाग धन सड़क सुरक्षा कोष से लगाएगा। वहीं संचालन का जिम्मा कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआइआइ) के हाथ होगा। 

पहले चरण में सात जिले में होंगे आइटीआइ तैयार 

अपर परिवहन आयुक्त के मुताबिक यह इंस्टीट्यूट प्रथम चरण में वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, इलाहाबाद, मुरादाबाद, मेरठ और मीरजापुर समेत सात जिलों में तैयार किए जाएंगे। उसके बाद शेष नौ जिलों की आइटीआइ में इन्हें बनाया जाएगा।

क्‍या कहते हैं अफसर ?

अपर परिवहन आयुक्त गंगाफल का कहना है कि सरकार दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए चालकों को बेहतर ढंग से प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से ठोस प्रयास शासन की ओर से शुरू हो गए हैं। इन इंस्टीटयूट से प्रशिक्षण के बाद दक्ष हाथों में वाहन का संचालन होगा। कुल 16 जिलों के में ड्राइविंग टेनिंग इंस्टीट्यूट जल्द बनाए जाने हैं। तैयारियां तेज हो गई हैं। इस संबंध में सड़क सुरक्षा कोष से प्रथम किस्त भी जारी कर दी गई है। साल भर में पहले चरण के सात स्थानों पर इन सेंटर की स्थापना कर दी जाएगी। वहीं दूसरे चरण में शेष रहे नौ को भी छह माह में तैयार किया जाना है। मंशा साफ है कुशल चालक वाहन की स्टेयरिंग थामें।


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