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ट्रेनें लेट होतीं पलटते-पलटते बच जाती, फिर भी रेलपथ की प्रापर निगरानी नहीं दिखती

कानपुर-लखनऊ के बीच ट्रेनें घंटों के हिसाब से लेट हो रहीं हैं। ट्रेनें पलटते बची हैं। बावजूद इसके रेल पथ निगरानी के प्रति लापरवाह रवैया नहीं सुधर रहा है

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 17 Jun 2018 09:44 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jun 2018 10:00 PM (IST)
ट्रेनें लेट होतीं पलटते-पलटते बच जाती, फिर भी रेलपथ की प्रापर निगरानी नहीं दिखती
ट्रेनें लेट होतीं पलटते-पलटते बच जाती, फिर भी रेलपथ की प्रापर निगरानी नहीं दिखती

उन्नाव (जेएनएन)। कानपुर-लखनऊ के बीच ट्रेनें घंटों के हिसाब से लेट हो रहीं हैं। ऋषिनगर केबिन और मगरवारा स्टेशन के होम सिग्नल पर ट्रेनें पलटते बची हैं। बावजूद इसके रेल पथ निगरानी के प्रति लापरवाह रवैया नहीं सुधर रहा है। उन्नाव, जैतीपुर और गंगाघाट से जुड़े रेल खंड में कई जगह पटरियां बदले लायक है। ग्रीसिंग का कार्य न होने से ज्वाइंट प्लेट जंक खा चुकी हैं। 

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सेक्शन जहां कमियां   

  • उन्नाव स्टेशन से पश्चिम केबिन के मध्य अप ट्रैक 
  • पूर्वी यार्ड केबिन से लोकनगर क्रासिंग 
  • कल्याणी क्रासिंग के पास चार और पांच नंबर लाइन 
  • गंगाघाट स्टेशन और ऋषि नगर केबिन

लूप लाइनें फिट नहीं मिली थी

मालगाड़ी और एलटीटी स्पेशल एसी एक्सप्रेस के पलटने की घटना के बाद उत्तर रेलवे के चीफ ट्रैक इंजीनियर ने पटरियों की सेहत को परखा था। अप और डाउन के साथ लूप लाइनें फिट नहीं मिली थी। मुख्यालय को सौंपी गई रिपोर्ट के बाद लखनऊ रेल मंडल के सेक्शन अधिकारी नींद से जागे थे। ट्रैक पर रेल पथ विभाग के अधिकारियों ने पसीना बहाया। जरा सी पटरी में दिक्कत होने पर उसे तत्काल बदलने के आदेश हुए। यह असर मुख्यालय के अधिकारियों की सख्ती का था।

ट्रैक मरम्मत कार्य 

बीते समय के साथ उन्नाव-जैतीपुर-गंगाघाट के मध्य फिर से पुराना ढर्रा अपनाने में सेक्शन के अधिकारियों ने देरी नहीं की। यही वजह है कि दो बार रेल हादसे टल गए। जंक खाई ज्वाइंट प्लेट पर मालगाड़ी ऋषि नगर केबिन के पास पलटते बची थी। वहीं मगरवारा के होम सिग्नल पर गरीब रथ एक्सप्रेस। बावजूद इसके रेल संरक्षा और यात्री सुरक्षा को खतरे में डाला जा रहा है।  रेल यात्री सुरक्षा को खतरे में डालने से पीछे नहीं है। रेल पथ की प्रापर निगरानी नहीं नजर आती। रेल पथ निरीक्षक  विकास कुमार ने बताया कि क्षतिग्रस्त ट्रैक जानकारी में है। सुरक्षा की दृष्टि से ट्रैक के दोनों और ज्वाइंट प्लेट लगी हैं। लूप लाइन होने की वजह से ट्रेनों का दबाव कम है। वहीं, उन्नाव सहित विभिन्न सेक्शन में ट्रैक मरम्मत कार्य कराए जा रहे हैं। 

झांसी-कानपुर रेल रूट पर मुसीबतों के बादल

झांसी-कानपुर रेल रूट पर इन दिनों मुसीबत के बादल छाये हुए हैं। इस रूट पर चलने वाली अधिकांश रेलगाडिय़ों की लेटलतीफी से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रविवार की सुबह झांसी से लखनऊ जाने वाली 11109 इंटरसिटी एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से 4.30 घंटे की देरी से रवाना हुई। इसी प्रकार झांसी-कानपुर पैसेंजर लगभग 3.30 घंटे की देरी से पूर्वाह्न लगभग 11.30 बजे कानपुर के लिए रवाना हुई। इसके अलावा पुणे-लखनऊ एक्सप्रेस 10 घंटे और लखनऊ एक्सप्रेस 1.30 घंटे की देरी से चल रही थी। इसके कारण कई यात्रियों ने टिकट रद कराकर यात्रा स्थगित कर दी, तो कुछ बस से सफर करने बस स्टैंड पहुंच गए। झांसी-कानपुर रूट पर समयबद्धता को लेकर किए गए तमाम प्रयासों के बाद भी रेलवे असहाय-सा नजर आ रहा है। जिम्मेदार यह कहकर विभाग का बचाव करते हैं कि झांसी-कानपुर लाइन के दोहरीकरण कार्य के चलते यात्रियों को यह परेशानी झेलनी पड़ रही है। 

यात्रियों को अभी झेलनी होगी परेशानी 

झांसी-कानपुर लाइन के दोहरीकरण और अपग्रेडिंग कार्य के चलते यात्रियों को कुछ दिन और परेशानी झेलनी होगी। जब तक यह रूट सुचारू रूप से चालू नहीं हो जाता, गाडिय़ों का समय पर संचालन हो पाना मुश्किल ही दिख रहा है। रेल अधिकारियों का कहना है कि कई गाडिय़ाँ वापसी में देरी से आ रही हैं, इसलिए झांसी से उनका प्रस्थान भी देरी से हो पा रहा है। इन गाडिय़ों के यहां आने के बाद उन्हें यार्ड में साफ-सफाई के लिए भेजा जाता है। इसके बाद ही उनको गंतव्य के लिए रवाना किया जाता है। 


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