देश भर में ट्रेन ड्राइवर करेंगे भूख हड़ताल, सांसत में रेलवे की जान Lucknow News
रेलवे बोर्ड ने जारी की एडवाइजरी। बिना अनुमति के हड़ताल पर न जाने के दिए निर्देश।
लखनऊ, जेएनएन। जिन ट्रेन ड्राइवरों को मेडिकल रूप से फिट हुए बिना ट्रेन चलाने की अनुमति नहीं होती है। वह ड्राइवर खाली पेट ही दो हजार से 2500 यात्रियों को लेकर ट्रेनें दौड़ाएंगे। इसमें मधुमेह से ग्रसित ड्राइवर भी होंगे जिनका खाली पेट रहकर ट्रेन चलाना संरक्षा मानकों की अनदेखी करना होगा। इस बार ट्रेनों के पहिए न थम जाएं इसके लिए रेलवे बोर्ड ने एडवाइजरी जारी कर दी है। जिसके तहत हड़ताल में शामिल होने से पहले ट्रेन ड्राइवरों को अपने सक्षम अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी। इतना ही नहीं हर जोनल को यह सुनिश्चित करना होगा कि हड़ताल से ट्रेनों के संचालन पर असर न पड़े।
दरअसल, माइलेज एलाउंस बढ़ाने सहित वेतन विसंगति से जुड़ी लंबित मांगों को लेकर पिछले साल भी देश भर के ट्रेन ड्राइवरों ने भूख हड़ताल की थी। हालांकि, उस समय ड्राइवरों ने खाली पेट रहकर ट्रेनें चलाई थी। इस बार रेलवे बोर्ड को अंदेशा है कि ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के आहवान पर होने वाली ट्रेन ड्राइवर 15 से 17 जुलाई तक भूख हड़ताल के साथ ट्रेन संचालन को भी प्रभावित कर सकते हैं।
इसके चलते रेलवे बोर्ड के एक्जक्यूटिव डायरेक्टर आलोक कुमार ने सभी जोनल को आदेश दिया है कि कोई भी ट्रेन ड्राइवर संरक्षा नियमों का उल्लंघन न करे। वह ट्रेन संचालन में बाधा न पहुंचाए। बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के ट्रेन ड्राइवर छुट्टी पर न जाएं। जोनल मुख्यालयों को यह तय करना होगा कि ट्रेन का संचालन किसी तरह बाधित न हो सके। यदि ट्रेन ड्राइवर बिना अनुमति के ड्यूटी नहीं करता है, या फिर ट्रेन संचालन में बाधा पहुंचाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। निर्देश में यह भी कहा गया है कि यात्री की सुरक्षा को खतरा बना तब भी कड़ी कार्रवाई होगी। रेलवे का आशय ट्रेन ड्राइवरों को खाली पेट रहकर ट्रेन न चलाने देने से है।