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बोगी 16, चार ट्रायल और 180 KM की गति से दौड़ेगी ट्रेन-18

आरडीएसओ ने तय की ट्रायल की टीम और कार्यक्रम। अगले माह तक पूरी होगी ट्रायल की प्रक्रिया।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 18 Oct 2018 07:07 PM (IST)Updated: Fri, 19 Oct 2018 07:00 AM (IST)
बोगी 16, चार ट्रायल और 180 KM की गति से दौड़ेगी ट्रेन-18
बोगी 16, चार ट्रायल और 180 KM की गति से दौड़ेगी ट्रेन-18

लखनऊ(जेएनएन)। बिना इंजन के पटरियों पर 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से हवा से बात करने वाली ट्रेन-18 का ट्रायल चार चरणों से होकर गुजरेगा। इस ट्रेन को इसी साल दिसंबर में चलाने की तैयारी है। ट्रायल में शामिल होने वाली अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) के विशेषज्ञों की टीम भी तैयार हो गई है। ट्रायल के कार्यक्रम को भी अंतिम रूप दे दिया गया है। अगले महीने के पहले सप्ताह से यह ट्रायल होगा। 

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इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई ने मेक इन इंडिया के तहत पहली बार सेमी हाईस्पीड ट्रेन को तैयार किया है। कुल 16 बोगियों वाली इस ट्रेन का नाम ट्रेन 18 रखा गया है। यह नाम इसलिए चुना गया क्योंकि वर्ष 2018 में ही इसे पटरियों पर दौड़ाने की तैयारी है। पहला सेट रेल कोच फैक्ट्री से नवंबर माह के पहले सप्ताह में बरेली आ जाएगा। यहां से आरडीएसओ के परीक्षण निदेशालय की टीम चार चरणों में अपना ट्रायल पूरा करेगी। इसी टीम ने पिछले साल टैल्गो और देश में पहली एसी डबल डेकर ट्रेन के साथ लखनऊ मेट्रो का ट्रायल भी किया था।

आरडीएसओ की टीम तीन आइश्योलेसन और एक इमरजेंसी ब्रेक का ट्रायल करेगी। पहले बरेली-मुरादाबाद रेलखंड पर 115 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से ट्रेन का रोलिंग ट्रायल होगा। जिससे इसके कलपुर्जों के 180 किलोमीटर प्रतिघंटे से दौडऩे की फिटनेस की जांच हो सके। आरडीएसओ के महानिदेशक वीरेंद्र कुमार पूरी ट्रायल प्रक्रिया की सीधे निगरानी करेंगे। नवंबर में ही चारों ट्रायल पूरा होने के बाद इसकी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजी जाएगी। जिससे दिसंबर में इस ट्रेन का संचालन शुरू हो सके। 

 

ऐसे चलेगी यह ट्रेन 
यह ट्रेन सेल्फ प्रोपल्सन सिस्टम से चलेगी। बोगियों केनीचे ट्रैक्शन मोटर लगी होगी जो कि ऊर्जा और गति प्रदान करेगी। इस ट्रेन को शताब्दी एक्सप्रेस के रूप में चलाया जाएगा। आरडीएसओ 180 किलेामीटर प्रतिघंटे की गति से तीन ट्रायल पूरा करेगा। जबकि एक ट्रायल इसकी इमरजेंसी ब्रेक सिस्टम को परखने के लिए होगा। 

 

बहुत खास है यह स्वदेशी ट्रेन
ट्रेन 18 का मॉडल ऐरोडायनेमिक नोज की तरह है। इस नोज वाले हिस्से में बने क्रू केबिन में ही लोको पायलट बैठेगा। यह ट्रेन पूरी तरह एसी रहेगी। ट्रेन को दो भागों एग्जीक्यूटिव व नॉन एग्जीक्यूटिव क्लास में बांटा गया है। इसकी  एग्जीक्यूटिव क्लास की कुर्सियों को ट्रेन के चलने की दिशा में आसानी से रोटेट किया जा सकेगा। हर बोगी में आटोमेटिक दरवाजे, दिव्यांगों के लिए प्लेटफॉर्म की ओर खुलने वाला रैंप होगा। सीसीटीवी के साथ यात्रियों के लिए इमरजेंसी टॉकबैक यूनिट, यूरोपियन स्टाइल सीटें, मॉड्यूलर शौचालय, पैंट्रीकार, एलईडी, वाईफाई, जीपीएस पैसेंजर इंफोटेनमेंट सिस्टम जैसी सुविधा होगी। 


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