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लखनऊ में भारत बंद के विरोध में सड़क पर उतरे व्यापारी, मेय फेयर चौराहे पर पुलिस ने रोका; सौंपा ज्ञापन

उप्र खाद्य पदार्थ उद्योग व्यापार मंडल के तत्वावधान में किसानों के प्रस्तावित भारत बंद के खिलाफ व्यापारी रविवार को सड़क पर उतरे और पैदल मार्च निकाला। परिवर्तन चौक से निकाले गए इस मार्च में व्यापारियों के हाथों में पुष्प और स्लोगन-सुझाव लिखी तख्तियां थीं।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 03:30 PM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 05:11 PM (IST)
लखनऊ में भारत बंद के विरोध में सड़क पर उतरे व्यापारी, मेय फेयर चौराहे पर पुलिस ने रोका; सौंपा ज्ञापन
कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए किसानों के भारत बन्द का किया विरोध।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। उप्र खाद्य पदार्थ उद्योग व्यापार मंडल के तत्वावधान में किसानों के प्रस्तावित भारत बंद के खिलाफ व्यापारी रविवार को सड़क पर उतरे और पैदल मार्च निकाला। परिवर्तन चौक से निकाले गए इस मार्च में व्यापारियों के हाथों में पुष्प और स्लोगन-सुझाव लिखी तख्तियां थीं। कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए कारोबारियों ने कानूनों में कुछ संशोधन की मांग भी की।

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व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेश मिश्र के नेतृत्व में विभिन्न गल्ला मंडियों के आढ़ती, व्यापारी, मंडी के बाहर खाद्य पदार्थ की बिक्री करने वाले लोग रविवार को अपराह्न परिवर्तन चौक पर जुटे। इसमें आढ़ती व व्यापारी कृषि कानूनों का समर्थन करते दिखे। प्रदर्शन में गल्ला दाल मिलर्स, राइस मिलर्स, किराना व्यापारी, सब्जियों के कारोबारियों की मौजूदगी रही।

कारोबारी कृषि उत्पादों से जुड़े कृषि बिलों का समर्थन करते हुए इसमें एक संशोधन की मांग रखी। इसके तहत मंडियो के अंदर मंडी शुल्क 0.25 प्रतिशत करने की बात कही। व्यापारियों ने परिवर्तन चौक में पहले कृषि कानूनों के समर्थन में नारेबाजी की और फिर फूल व तिरंगा लेकर सत्याग्रह पैदल मार्च निकाला। व्यापारियों ने केंद्रीय कृषि मंत्री को संबोधित कृषि कानूनों के पूर्णतया समर्थन में व सुझावों के दो अलग-अलग ज्ञापन मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपे। इस मौके पर

भारतीय उद्योग व्यापार मंडल प्रदेश के वरिष्ठ महामंत्री ज्ञानेश मिश्र ने कहा कि भारत सरकार द्वारा देश में पांच जून 2020 को " कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन एवं सुविधा) 2020" समेत लाए गए तीनों कृषि बिलों के लागू किए जाने का समर्थन करते हैं। इन कृषि कानूनों के अध्यादेश से प्रदेश की गल्ला मंडियों व सब्ज़ी मंडियों के बाहर कृषि उत्पाद की खरीद बिक्री पर मंडी शुल्क समाप्त हो गया है। साथ ही मंडी समितियों के कई कागजातों की लंबी प्रक्रिया भी समाप्त हो गई। यहां तक कि कृषि उत्पादों की खरीद बिक्री के लिए किसी भी तरह के लाइसेंस की ज़रूरत भी समाप्त हो गई है। इसका लाभ व्यापारियों सहित किसानों को मिल रहा है । संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने तीनों कानूनों से मिलने वाली राहत और किसानों को होने वाले फायदों की जानकारी दी। इस दौरान प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय वाजपेयी ने भी अपनी बात रखी। उप्र आलू सब्ज़ी व्यापार मंडल के अध्यक्ष पंकज कुशवाहा ने भी कृषि कानूनों का पूर्णतया समर्थन किया और ज्ञापन सौंपा।


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