बीडीसी सदस्य को धमकाने के मामले में मंत्री ओपी सिंह की जांच
गाजीपुर में एक बीडीसी सदस्य को धमकाने के मामले में प्रदेश के पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह की जांच होगी। ब्लॉक प्रमुख चुनाव के लिए बीडीसी सदस्य को धमकाने के मामले में निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल ने प्रमुख सचिव(गृह) व पुलिस महानिदेशक को जांच सौंपी है।
लखनऊ। गाजीपुर में एक बीडीसी सदस्य को धमकाने के मामले में प्रदेश के पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह की जांच होगी। ब्लॉक प्रमुख चुनाव के लिए बीडीसी सदस्य को धमकाने के मामले में निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल ने प्रमुख सचिव(गृह) व पुलिस महानिदेशक को जांच सौंपी है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने आडियो क्लिप की सीडी भेजते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर चार फरवरी तक रिपोर्ट मांगी है। कल आयोग की वीडियो कांफ्रेंसिंग में गाजीपुर के डीएम-एसपी से भी संबंधित आडियो क्लिप के बारे में जवाब-तलब किया गया है। सात फरवरी को ब्लॉक प्रमुख चुनाव होने हैं। इस बीच चर्चा में आये एक ऑडियो टेप में कथित रूप से गाजीपुर के जमानियां से विधायक एवं पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह रेवतीपुर ब्लाक के बीडीसी सदस्य प्रिंस को ब्लॉक प्रमुख के लिए अपने पसंदीदा व्यक्ति को वोट देने की बात कह रहे हैं। सोशल मीडिया तक पहुंचे इस ऑडियो में वोट न देने पर नुकसान करने की धमकी भी दी जा रही है।
इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग ने सोमवार को प्रमुख सचिव (गृह) और पुलिस महानिदेशक को पत्र भेजकर कहा है कि 28 जनवरी को दोपहर 3.50 बजे आयोग के ई-मेल पर एक शिकायती ऑडियो क्लिप प्राप्त हुई है। इसमें एक व्यक्ति अपने को ओमप्रकाश बताकर दूसरे व्यक्ति को प्रिंस नाम से संबोधित करते हुए वोट देने के लिए धमका और दबाव बना रहा है। चुनाव तैयारियों के संबंध में की गई वीडियो कांफ्रेंसिंग में भी राज्य निर्वाचन आयुक्त ने गाजीपुर के जिलाधिकारी डॉ.अशोक चंद्र एवं पुलिस अधीक्षक रामकिशोर से स्थिति स्पष्ट करने को कहा। पुलिस अधीक्षक ने आयुक्त को बताया कि कॉल डिटेल देखने पर संदर्भित दोनों व्यक्तियों के बीच बातचीत होने की पुष्टि हुई है। आयोग के विशेष कार्याधिकारी एवं विभागाध्यक्ष जय प्रकाश सिंह के प्रमुख सचिव गृह को आडियो क्लिप की सीडी के साथ भेजे गए पत्र में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि प्रकरण की जांच में यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसके विरुद्ध विधिक कार्रवाई कर आयोग को रिपोर्ट दी जाए।
आडियो टेप का अंश...
मंत्री : ऐ प्रिंस, सुना बेटा, हम ओमप्रकाश बोलत हईं। टेप करत हवे त टेप कर ले। वोटवा दे दे, नाही त ना दे पइबे। सुनले बेटवा। कौनो काबुल कंधार का न हुएवे। वोटवा बसुका में नाही पड़त ह हम नाही चाहत हई कि तू जेल जो। वोटवा दे दे। हम बेटा कहत हई मान जो तोरा पर कई ठो केस बा। वोट दे दे बेटा। बेटा मान जाओगे तो अच्छा है। वोट तो तुमको हमी को देना है। अल्लाह का इतना फरमान है कि बेटा वोट तो तू हमरे के देबा। हमहू कुछ समझावत हई। मान जइब, बड़ अदमी क बात मानल जाला जे उमर में बड़ होला ओके दवाई ऐतना फयदा करला। तोहार हीत हवन की मीत हवन की तू प्रिंस हवन। तोहार कुल मोबाइल में लोकेशन में आवत बाड़ा। एही से हम मिलवली ह प्रिंस। बेटा वोट...।
प्रिंस : बताईं जे दूसरा में चल गयल बा त कइसे होई।
मंत्री : कहां चल गइल बेटा।
प्रिंस: दूसरा में चल अरे मुकेश के खेमा में।
मंत्री : कहां चल गइल बाट तू।
प्रिंस: मुकेश के खेमा में। कइसे वोट ओहर दियाई।
मंत्री : कहां चल गइल बाट तू।
प्रिंस : मतलब मुकेश क खेमा में।
मंत्री : मुकेश क कौन खेमा ह..।
प्रिंस : ना कसम से, जवन मुकेश के खेमा है, आप की बात नहीं टाल सकते थे। हमलोग आप को बहुत ज्यादा मानते हैं।
मंत्री : जाए द हमे मनिहय मत, वोटवा दे दिहय। प्रिंस वोट दे दा बेटा। तोहके कहा क काल बोलवा लेही।