अयोध्या में आज धूमधाम से होगा सीताराम का विवाह
अयोध्या में रामविवाह की पूर्व संध्या तक रामनगरी उत्सव के आगोश में समाती नजर आई। नगरी के सैकड़ों मंदिरों न केवल यथाशक्ति विवाह की रस्म का संपादन आगे बढ़ा बल्कि राम विवाह के प्रसंग पर केंद्रित लीला के मंचन एवं रामकथा का क्रम आगे बढ़ा।
लखनऊ। अयोध्या में रामविवाह की पूर्व संध्या तक रामनगरी उत्सव के आगोश में समाती नजर आई। नगरी के सैकड़ों मंदिरों न केवल यथाशक्ति विवाह की रस्म का संपादन आगे बढ़ा बल्कि राम विवाह के प्रसंग पर केंद्रित लीला के मंचन एवं रामकथा का क्रम आगे बढ़ा। रसिक परंपरा की प्रमुख पीठ रंगमहल में विवाह की रस्म के तहत दो सौ वर्ष पुराने मंडप में तिलकोत्सव की रस्म संपादित हुई बल्कि विवाह गीतों की महफिल सजी। रात्रिकालीन सत्र धनुषभंग की लीला के नाम रहा।
उत्सव का संयोजन कर रहे रंगमहल के महंत रामशरणदास ने बताया कि बुधवार को मुख्य विवाह की रस्म संपादित होने से पूर्व भव्य राम बरात निकाली जाएगी। रसिक परंपरा की ही एक अन्य प्रमुख पीठ जानकीमहल में भी विवाह महोत्सव की धूम रही। इस दौरान मिथिला की संस्कृति के साथ मारवाड़ की संस्कृति की छटा भी बिखरी। इस बीच जानकीमहल की परंपरा के अनुरूप भगवान राम को इस तरह शिरोधार्य किया गया, जैसे वे अयोध्या छोड़कर अपने विवाह के संदर्भ में मिथिला में विराजे हों। दशरथमहल में विवाहोत्सव की रस्म के तहत भगवान राम एवं सीता के विग्रह का वैदिक रीति से पूजन किया गया। ङ्क्षवदुगाद्याचार्य महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य के संयोजन में संचालित लीला एवं रामकथा का क्रम आगे बढ़ा। तपोवन आश्रम, मोढ़ेरा- गुजरात से पधारे कथाव्यास अवधकिशोरदास बापू ने रामकथा की सुधावृष्टि करते हुए बताया कि चक्रवर्ती महाराज दशरथ के महल में राम का जन्म हुआ है। महल सहित संपूर्ण अवध में खुशियां मनाई जा रही हैं। दशरथ जी के द्वार पर नौबत बज रही है, नर-नारि सभी झूम रहे हैं, नृत्य कर रहे हैं। राजा दशरथ को बधाई देने वालों का तांता लगा है, महिलाएं बधायी गा रही हैं। त्रेता का यह उल्लास मंगलवार को भी पूरी शिद्दत से मुखर हुआ। कनकभवन, मणिरामदास जी की छावनी, रामवल्लभाकुंज, लक्ष्मणकिला, मंत्रार्थ मंडपम, विअहुतिभवन, दिव्यकला कुंज आदि मंदिरों में भी विवाहोत्सव की सरगर्मी तारी रही।
मंदिरों से आज निकलेगी राम बरात
बुधवार को सायं नगरी के कई मंदिरों से राम बरात निकलेगी। जानकीमहल से निकलने वाली बरात में अनके पालकियां, बैंड पार्टियां, घोड़े, आर्केस्ट्रा आदि संयोजित किए जाने की तैयारी है तो दशरथमहल बड़ास्थान से निकलने वाली बरात को पूरी राजकीय गरिमा देने की तैयारी है।