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यूपी में जनगणना ड्यूटी न करने पर हो सकती है तीन साल की कैद, नगर निगम ने जारी की नोटिस

लखनऊ नगर निगम ने जारी की नोटिस गुरुवार दोपहर तीन बजे तक कर्मचारियों को दिया अंतिम समय।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 11 Mar 2020 08:14 PM (IST)Updated: Thu, 12 Mar 2020 07:42 AM (IST)
यूपी में जनगणना ड्यूटी न करने पर हो सकती है तीन साल की कैद, नगर निगम ने जारी की नोटिस
यूपी में जनगणना ड्यूटी न करने पर हो सकती है तीन साल की कैद, नगर निगम ने जारी की नोटिस

लखनऊ, जेएनएन। जनगणना की ड्यूटी करने से सरकारी विभाग पीछे हट रहे हैं। नगर निगम में अधिकांश विभागों ने यह सूचना भेज दी है कि जनगणना ड्यूटी में कर्मचारियों की तैनाती किया जाना संभव नहीं है। हर विभाग ने तमाम तर्क भी गिनाए हैं। इसमे कर्मचारियों की कमी भी बताया जा रहा है। 

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अब नगर निगम ने संबंधित विभागों को नोटिस जारी की है। बारह मार्च तक कर्मचारियों की तैनाती सुनिश्चित न करने पर नगर निगम विधिक कार्यवाही करेगा। 

अपर नगर आयुक्त राकेश कुमार यादव ने बताया कि जनगणना 2021 का प्रथम चरण में मकान सूचीकरण, मकान गणना व एनपीआर किया जाना है और इसकी अधिसूचना दिनांक 19 नवंबर 2019 को जारी हो चुकी है। यह कार्य 16 मई से 30 जून के बीच की जानी है। नगर निगम को नोडल विभाग बनाया गया है लेकिन कई विभाग विभिन्न कारण गिनाते हुए जनगणना कार्य के लिए कर्मचारियों की सूची नहीं भेज रहे हैं तो कुछ विभाग जनगणना ड्यूटी से अलग रखने का पत्र भेज रहे हैं। 

बारह मार्च को दोपहर तीन बजे तक कर्मचारियों की सूची भेजने का अंतिम समय रखा गया है। अगर इस अवधि में कर्मचारियों की सूची नहीं आती है तो अनुपस्थित कर्मचारियों के विरुद्ध जनगणना अधिनियम 1948 में निहित प्राविधानो के अंतर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी, जिसमें तीन साल का कारावास एवं अर्थदण्ड शामिल है।


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