Uttar Pradesh Weather: जनवरी-फरवरी में रहा बारिश का टोटा, मात्र आठ मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड
Uttar Pradesh Weather कृषि विभाग के सांख्यिकी डिवीजन के निदेशक राजेश गुप्ता बताते हैं कि जनवरी में सामान्य रूप से 17.6 मिलीमीटर बारिश होती है लेकिन इस बार मात्र छह मिलीमीटर ही हुई। बीते कई वर्षों के मुकाबले यह बहुत कम है।
लखनऊ, जेएनएन। मौसमी बारिश का किसानों को इंतजार रहता है, क्योंकि मौसम में उठापटक का असर सीधे फसलों पर पड़ता है। इस बार भी जनवरी-फरवरी में होने वाली बारिश ने अन्नदाता की परेशानी बढ़ा दी है। प्रदेश में दो माह के दरम्यान मात्र आठ मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि मौसम विभाग के अनुसार सामान्य रूप से इस दौरान 37.5 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी। ऐसे में रबी की फसल के लिए बड़ा संकट पैदा हो गया है। विशेष रूप से गेहूं व तिलहन फसलों को बचाने के लिए किसानों को कठिन परिश्रम करना पड़ रहा है।
कृषि विभाग के सांख्यिकी डिवीजन के निदेशक राजेश गुप्ता बताते हैं कि जनवरी में सामान्य रूप से 17.6 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार मात्र छह मिलीमीटर ही हुई। बीते कई वर्षों के मुकाबले यह बहुत कम है। बीते वर्ष 27.5 और वर्ष 2018-19 में 40.1 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई थी। फरवरी में भी सामान्य 19.9 के मुकाबले केवल 1.9 मिलीमीटर बारिश हुई। बीते वर्ष 11.4 और 2018-19 में 17.2 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड हुई थी। साफ है कि इस वर्ष जनवरी-फरवरी में बारिश का गणित लडख़ड़ा गया है। राजेश गुप्ता बताते हैं कि एक तो सामान्य के मुकाबले बेहद कम बारिश हुई, वहीं तापमान भी 30 के ऊपर बना हुआ है। बावजूद इसके किसान रात में सिंचाई करके किसी तरह बढ़ते तापमान व जाड़े के मौसम में हुई बेहद कम बारिश से उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों सेे निपटने का प्रयास कर रहे हैं। बीते कई दिनों से रात में चल रही हवा के चलते तिलहन व गेहूं के फसल के गिरने का खतरा बना हुआ है। कई जगह फसल गिरी भी है।
तापमान 32 डिग्री के पार : बीते तीन दिनों से तापमान लगातार बढ़ रहा है। गुरुवार को लखनऊ में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 32.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, वहीं न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 14.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल मौसम साफ रहेगा और तापमान में कुछ वृद्धि दर्ज की जाएगी। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 34 डिग्री तक होने की उम्मीद है।