लखनऊ के कई अस्पतालों में नहीं हैं बचाव के कोई भी इंतजाम, दमकल विभाग के नोटिस पर भी नहीं सुधरे हालात
आग के मुहाने पर शहर के दर्जनों अस्पताल हैं। अस्पताल गली-कूचों में बिना अग्नि सुरक्षा संसाधनों के संचालित है। सीएम योगी के आदेश पर दमकल विभाग ने अस्पतालों व्यवसायिक और सरकारी प्रतिष्ठानों में अग्नि सुरक्षा के मद्देनजर निरीक्षण तो शुरू कर दिया है पर हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। आग के मुहाने पर शहर के दर्जनों अस्पताल हैं। अस्पताल गली-कूचों में बिना अग्नि सुरक्षा संसाधनों के संचालित है। कई तो बेसमेंट तक में चल रहे हैं। दिल्ली में हुए भीषण अग्निकांड के बाद सीएम योगी के आदेश पर दमकल विभाग ने अस्पतालों, व्यवसायिक और सरकारी प्रतिष्ठानों में अग्नि सुरक्षा के मद्देनजर निरीक्षण तो शुरू कर दिया है पर हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं। पूर्व में भी करीब डेढ़ दर्जन अस्पतालों को दमकल विभाग ने नोटिस दी थी, लेकिन आज भी वहां की स्थिति पहले जैसी ही है।
बहुत से अस्पतालों के पास तो नोटिस तक नहीं है। अस्पताल संचालक इलाज के नाम पर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। इसके बाद भी क्षेत्रीय फायर स्टेशन और स्वास्थ्य विभाग के कुछ जिम्मेदारों की मदद से इनका धड़ल्ले से संचालन चल रहा है। दमकल विभाग के जिम्मेदार सिर्फ नोटिस देकर चुप्पी साध गए हैं।
इन्हें दी गई थी नोटिस
- विद्या अस्पताल एवं ट्रामा सेंटर रायबरेली रोड, फायर स्टेशन पीजीआइ
- अर्थव हास्पिटल आइआइएम रोड, फायर स्टेशन चौक
- पंडित राम सागर मिश्र 100 शैया संयुक्त चिकित्सालय, फायर स्टेशन बीकेटी
- वागा हास्पिटल अलीगंज, फायर स्टेशन इंदिरानगर
- उत्तर रेलवे मंडलीय चिकित्सालय, फायर स्टेशन आलमबाग
- इंटीग्रल मेडिकल कालेज कुर्सी रोड, फायर स्टेशन इंदिरानगर
- राम प्रकाश गुप्त शिशु एवं मातृ चिकित्सालय शहीद पथ, फायर स्टेशन गोमतीनगर
- मैकवेल हास्पिटल ट्रामा सेंटर, विकल्प खंड, गोमतीनगर
- लोकबंधु चिकित्सालय कानपुर रोड, आलमबाग
यहां पहले हो चुके अग्निकांड, अब तक नहीं सुधरे हालात : तीन साल पहले रायबरेली रोड वृंदावन कालोनी सेक्टर 19 स्थित स्कोप हास्पिटल में भीषण आग लगी थी। अग्निकांड के बाद नोटिस भी दी गई थी, लेकिन अब तक फायर सुरक्षा के बंदोबस्त नहीं हुए। वहीं, विद्या हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर आग के मुहाने पर है। यहां ठीक ऊपर से हाई टेंशन लाइन निकली है। वहीं, काकोरी स्थित लक्ष्य हास्पिटल बेसमेंट में चल रहा है। यहां भी फायर सुरक्षा के बंदोबस्त नहीं हैं।
मई 2018 में ग्लोब अस्पताल में भीषण आग लगी थी। यहां कई मरीजों की जान पर बात आयी थी। वहीं, दिसंबर 2016 में फैजाबाद रोड स्थित सुषमा अस्पताल में भीषण अग्निकांड हुआ था। जुलाई 2019 में लोहिया संस्थान में आग लगी थी। इन अस्पतालों में हादसे के बाद दमकल विभाग सक्रिय हुआ था निरीक्षण कर अधिकारियों ने फायर फाइटिंग की व्यवस्थाएं सुनिश्चत कराने के निर्देश दिए। मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
सीएम के निर्देश के बाद अस्पतालों के साथ ही व्यवसायिक और सरकारी प्रतिष्ठानों, संस्थानों का निरीक्षण किया जा रहा है। जहां पर अग्नि सुरक्षा से संबंधित संसाधन नहीं हैं। वहां पर व्यवस्थाएं कराने के सख्त निर्देश दिए जा रहे हैं। लोगों को अग्नि सुरक्षा के लिए जागरूक किया जा रहा है। - विजय कुमार सिंह, सीएफओ