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Ramadan Helpline: कोरोना संक्रमित के इलाज में लगे डाक्टर न रखें रोजा, मौलाना इरफान मियां फरंगी महली का फतवा

कोरोना वायरस के अलावा और अन्य बीमारियों के मरीजों के लिए शरीयत ने रोजा ना रखने की छूट दी है? और हर रोजे उसके बदले में फिरता है? । (एक किलो 635 ग्राम आटा या उसके दाम) और सेहत ठीक होने पर छूटे हुए रोजे रखे जाएंगे।

By Rafiya NazEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 01:00 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 01:00 PM (IST)
Ramadan Helpline: कोरोना संक्रमित के इलाज में लगे डाक्टर न रखें रोजा, मौलाना इरफान मियां फरंगी महली का फतवा
लखनऊ में इदारा-ए-शरिया रंगी महल से कोरोना के लिए जारी किया गया फतवा।

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना वायरस के अलावा और अन्य बीमारियों के मरीजों के लिए शरीयत ने रोजा ना रखने की छूट दी है? और हर रोजे उसके बदले में फिरता है? । (एक किलो 635 ग्राम आटा या उसके दाम) और सेहत ठीक होने पर छूटे हुए रोजे रखे जाएंगे। ये फतवा इंदारा-ए-शरिया फरंगी महल ने दिया। बुधवार को काजी-ए-शहर मौलाना इरफान मियां फरंगी महली से कारी शकील निजामी खदरा के सवाल पर फतवा जारी किया है। माैलाना ने कहा है? कि जो डाक्टर्स व पैरामेडिकल स्टाफ अस्पतालों में कोरोनावायरस के मरीजों के इलाज और खिदमत में लगे हैं ,अपने घरों को भी नहीं जा पा रहे हैं और रोजा रख कर के वह मरीजों का इलाज ठीक से नहीं कर पाएगा तो मजबूरी के हालत में वह भी रोजा ना रखकर फिदया देगा और बाद में कजा रोजे रखेगा।

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कोरोना का असर दिखे तो रोजा न रखें

सवाल-जवाब 

सुन्नी

सवाल- अगर कोरोना वाइरस का कुछ असर महसूस हो रहा हो तो रोजे का क्या हुक्म है?

जवाब- अगर कोई मरीज इस हालत में पहुच जाए कि कोरोना का असर उस पर जाहिर होने लगे जैसे लगातार सूखी खांसी व तेज बुखार तो उसको रोजा नही रखना चाहिए और बाद में रोजे की कजा करें।

सवाल- कोरोना वाइरस या अन्य बीमारियों से बचने के लिए शरीअत ने क्या रहनुमाई फरमाई है?

जवाब-रसूल पाक सल्लाह की हिदायत है कि अगर तुम बीमार हो तो डाक्टरों से इलाज कराओ और उनके बताए हुए उपायों पर अमल करो। हदीस शरीफ में है कि कलौंजी में हर बीमारी की दवा मौजूद है। इसलिए इफ्तारी व सहरी के दरमियान कलौंजी का प्रयोग करें।

सवाल- हम को सिर्फ कुरआन शरीफ की दस सूरतें ही याद हैं, तो क्या तरावीह पढ़ सकते हैं?

जवाब-आप को अगर सिर्फ 10 सूरतें ही याद हैं तो पहली 10 रकातों में इन सूरतों को पढ़ें और अगली 10 कातों में उन्हीं सूरतों को दोहरा लें।

सवाल-रोजे की हालत में बुखार जांचने के लिए मुंह में थर्मामीटर लगाया जा सकता है?

जवाब- मुंह में थर्मामीटर लगाया जा सकता है। इसलिए कि इसके जरिये कोई चीज हलक़ में नही जाती।

सवाल-क्या कुरआनी आयतों और जिक्र यानी तस्बीह वगैरा बिना वुजू पढ़ सकते हैं?

जवाब- कुरआनी आयातों और तस्बीह वगैरा बिना वुजू पढ़ सकते हैं, लेकिन कुरआन बिना वुजू छूना जायज नहीं।

शिया

सवाल-क्या कोरोना संक्रमण की वजह से घर में नमाज जमात से हो सकती है?

जवाब-घर में नमाज जमात से हो सकती है। ।

सवाल-शुगर के मरीज के लिए लिए रोजे का क्या हुक्म है?

जवाब-अगर शुगर के मरीज के लिए रोजा रखना नुकसानदेय नहीं है तो रोजा रखा सकता है।

सवाल- रोजा रखते हुए शुगर चेक करवाएं तो क्या रोजा टूट जाएगा?

जवाब-अगर रोजेदार शुगर ही नहीं किसी भी तरह की खून की जांच करवाए, लेकिन रोजा नहीं टूटेगा।

सवाल-रोजों के अनिवार्य होने का हुक्म कुरआन पाक में किस जगह पर मौजूद है?

जवाब-खुदा ने अपनी किताब कुरआन के दूसरे सूरह में रोजों के अनिवार्य होने का हुक्म दिया है।

सवाल-अगर कोई रोजाना सफर करता है? तो कारोबार ओर नौकरी के लिए क्या हुक्म है?

जवाब-जो व्यक्ति ज्यादातर सफर करता हो वह सफर में रोजा रख सकता है।


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