Move to Jagran APP

अनदेखा लखनऊ: अलौकिक अनुभूति देता आम्र पल्लव से आच्छादित बड़े महादेवन यह धाम

लखनऊ कोरी कस्बे की आबादी से दूर स्थित यह पुण्य स्थली आम्र पल्लव से आच्छादित है। इस पावन धाम का सीधा संबंध पावन नगरी अयोध्या से है।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 03 Apr 2020 09:45 AM (IST)Updated: Fri, 03 Apr 2020 03:43 PM (IST)
अनदेखा लखनऊ: अलौकिक अनुभूति देता आम्र पल्लव से आच्छादित बड़े महादेवन यह धाम

लखनऊ [पवन तिवारी]। अयोध्या राम की नगरी है तो लखनऊ लक्ष्मण जी की। यह कहना अतिशयोक्ति न होगी कि दोनों नगरों में भ्रातृत्व का संबंध है। इसकी पुष्टि यहां के तीर्थ स्थलों-देवालयों से भी होती है। इस बार हम आपको ऐसे ही एक धाम के दर्शन करा रहे हैं, जिसका सीधा संबंध पावन नगरी अयोध्या से है।

loksabha election banner

काकोरी आजादी के आंदोलन की एक चर्चित घटना काकोरी कांड के लिए मशहूर है। यह लखनऊ की फलपट्टी के तौर पर भी मशहूर है। एक खूबी और है। यहां एक से बढ़कर एक सिद्ध स्थल भी हैं। ऐसा ही एक पावन धाम बड़े महादेवन का। काकोरी कस्बे की आबादी से दूर स्थित यह पुण्य स्थली आम्र पल्लव से आच्छादित है। यानी इसके चारों तरफ आम के बाग सुशोभित हैं। कई बीघे में विस्तीर्ण इस बड़े महादेवन मौनी आश्रम में मंद सुगंधित हवाएं वातावरण को अलौकिक बना देती हैं। लगता है भगवान शिव साक्षात रूप में यहां विद्यमान हैं।

प्राचीनता ही विशेषता

धाम में झारखंडी नाथ बड़े महादेव जी का मंदिर है। कहते हैं कि यहां स्थापित शिवलिंग त्रेतायुग के हैं। शिवजी के साथ ही यहां आपको श्री राम दरबार, बजरंग बली और मां दुर्गा के भव्य विग्रह के दर्शन का सौभाग्य भी मिलेगा। यह आश्रम अयोध्या स्थित सुप्रसिद्ध मौनी मांझा आश्रम से सम्बद्ध है। महंत श्री श्री 108 श्री राम आसरे दास महाराज जी बताते है कि बड़े महादेव मंदिर में स्थापित शिवलिंग की स्थापना त्रेता युग की है। जब लक्ष्मण जी सीता माता को वाल्मीकि आश्रम छोड़ने जा रहे थे तब इस शिवलिंग की स्थापना की गई थी।

21 साल रहे मौन

आसपास के लोग बताते हैं कि आश्रम में किसी जमाने में शानदार रामलीला होती थी, जिसे देखने हजारों की तादाद में ग्रामीण जुटते थे। हालांकि कुछ व्यवस्थागत दिक्कतों की वजह से कई वर्षो से रामलीला ठप है। काकोरी का प्राचीनतम मंदिर होने की वजह से यहां के ज्यादातर परिवार इससे जुड़े हैं। सर्वप्रथम यहां के महंत श्री 1008 श्री मौनी दास महाराज थे जो मौन रहते थे। बाद में महंत श्री श्री 1008 श्री शत्रुघ्न दास जी महाराज रहे। अब महंत श्री श्री 108 श्री राम आसरे दास महाराज जी है। उन्होंने करीब 21 वर्ष मौन रह कर तपस्या की है। बड़े महादेवन धाम में प्रत्येक वर्ष विशाल श्री राम महायज्ञ का आयोजन होता है। यज्ञ के लिए अयोध्या से साधु-संतों का आमंत्रित किया जाता है।

ऐसे पहुंचें, पर अभी न जाएं

चारबाग से चौक फिर चौक से हरदोई रोड से होते हुए दुबग्गा। दुबग्गा से काकोरी। दुर्गागंज चौराहे से कस्बा काकोरी में बढ़ौना गांव जाने वाले लिंक मार्ग पर स्थित है । चारबाग से आलमबाग नहर से दुबग्गा। दुबग्गा से हरदोई रोड स्थित दुर्गागंज काकोरी। दुर्गागंज से कस्बा काकोरी। कस्बा काकोरी में बढ़ौना गांव के लिंक मार्ग पर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.