सिपाही ने मानवाधिकार आयोग में आत्महत्या करने की दी अर्जी, जानिए क्यों Amethi News
हृदय रोग से पीडि़त है सिपाही तीन साल से स्थानांतरण के लिए दे रहा अर्जी।
अमेठी [अभिषेक मालवीय]। पुलिस विभाग जनता के लिए ही नहीं बल्कि अपनों के लिए भी क्रूरता से पेश आ रहा है। जिले के पुलिस लाइंस में तैनात हृदय रोग से पीडि़त एक सिपाही इलाज के लिए घर से निकट स्थानांतरण के लिए तीन साल से अर्जी लगा रहा है, लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है। हार कर सिपाही ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर स्थानांतरण न होने पर आत्महत्या की अनुमति मांगी है।
इटावा जिले के शांति कॉलोनी निवासी महावीर सिंह पुत्र बाबूराम यादव जिले की पुलिस लाइंस में आरक्षी के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। महावीर की मानें तो उनको दो बार दिल का दौरा पड़ चुका है, जिससे उनकी तबीयत लगातार खराब रहती है। पिछले तीन सालों से उनके द्वारा इलाज के लिए चार जनपदों का विकल्प देते हुए आइजी स्थापना व सीओ स्थापना जैसे उच्चाधिकारियों के साथ ही जिले के कई अधिकारियों से पत्राचार किया गया, लेकिन किसी ने भी उनकी पीड़ा नहीं सुनी। हार कर उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर कानपुर, औरेया, कानपुर देहात तथा फर्रुखाबाद का विकल्प देते हुए वहां स्थानांतरण कराए जाने अथवा आत्महत्या की अनुमति प्रदान किए जाने की गुजारिश की है।
महावीर सिंह ने बताया कि अधिकारियों के रवैये से उनका जीवन बेकार हो चुका है। कोई सुनने वाला नहीं है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक डॉ. ख्याति गर्ग से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उनसे संपर्क नहीं हो सका। वहीं डीआइजी अयोध्या डॉ. संजीव कुमार गुप्ता ने कहा कि मुझे मामले की जानकारी नहीं है। ऐसे में मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता।