लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में घंटों फर्श पर तड़पता रहा मरीज, नहीं हुआ अल्ट्रासाउंड Lucknow News
बलरामपुर अस्पताल में लिवर में फोड़े और पेट में पानी की थी समस्या ओपीडी में मरीजों की भीड़ होने के चलते नंबर आने में हुआ विलंब।
लखनऊ, जेएनएन। बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में रामपुर कलां सिधौली से इलाज कराने आए मरीज का अल्ट्रासाउंड नहीं हो सका। परिजन उसे लेकर ओपीडी के बाहर इलाज के लिए घंटों इंतजार करते रहे। ऐसे में वह दर्द से तड़पता रहा, लेकिन इलाज नहीं मिला।
रामपुर कलां सिधौली निवासी 50 वर्षीय मरीज विमलेश को पिछले कई दिनों से पेट दर्द की समस्या थी। सिधौली में प्राइवेट इलाज कराने पर डॉक्टर ने पेट में पानी होने और लिवर में फोड़ा होने की बात बताई। समस्या गंभीर होने पर मरीज को बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया।
सोमवार को परिजन उसे लेकर अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे। यहां ओपीडी में मरीजों की काफी भीड़ होने के चलते विमलेश का नंबर बहुत देर बाद आया। डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी मगर तब तक टोकन मिलना बंद हो गए। ऐसे में मरीज व उसके परिजनों को बहुत देर भटकना पड़ा। उधर विमलेश दर्द के चलते चल तक नहीं पा रहा था, जिससे परिजनों ने उसे ओपीडी के बाहर जमीन पर लिटा दिया। वहीं, विमलेश के छोटे भाई गौतम ने बताया कि अल्ट्रासाउंड न होने के कारण मरीज को फिर वापस लाना पड़ेगा।
इस बाबत प्रवक्ता एसएम त्रिपाठी का कहना है कि इमरजेंसी में अगर जरूरत होती है और डॉक्टर जरूरी समझता है तो अल्ट्रासाउंड कराया जाता है। मरीज के कहने पर अल्ट्रासाउंड नहीं किया जाता है। ऐसा नहीं है कि एक घंटे के भीतर सबकुछ हो जाता है। आज नहीं हुआ तो कल अल्ट्रासाउंड हो जाएगा। यूपी के किसी अस्पताल में एक घंटे के भीतर मरीज का इलाज नहीं हो सकता।
बलरामपुर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन खराब
बलरामपुर अस्पताल में पिछले कई महीनों से अल्ट्रासाउंड मशीन खराब है। जिससे मरीजों का अल्ट्रासाउंड नहीं हो पा रहा है। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की तीन मशीनें हैं जिनमें से एक मशीन पिछले छह महीने से खराब है जिससे हर रोज ज्यादातर मरीजों को वापस लौटना पड़ता है। अस्पताल की ओपीडी में रोज लगभग दो-ढाई हजार मरीज आते हैं। इनमें लगभग तीन सौ मरीज ऐसे होते हैं जिनको डॉक्टर अल्ट्रासाउंड लिखते हैं। ऐसे में, मशीन खराब होने के चलते बहुत से मरीजों का अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाता। इस बाबत प्रवक्ता एसएम त्रिपाठी का कहना है कि रोजाना करीब सौ से डेढ़ सौ मरीजों का अल्ट्रासाउंड किया जा रहा है। मगर मशीन खराब होने से परेशानी हो रही है। हालांकि, अस्पताल प्रशासन की ओर से मशीन को ठीक कराने के लिए शासन को कई बार प्रस्ताव भेजा गया है। जैसे ही प्रस्ताव पास हो जाएगा वैसे ही यह सुविधा प्रारंभ हो जाएगी।
सिविल अस्पताल में नहीं हो रहा एक्सरे
बलरामपुर अस्पताल में एक्सरे यूनिट में एक्सरे फिल्म खत्म होने और इमरजेंसी में एक्सरे प्रिंटर खराब होने के कारण कई मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। वहीं, सिविल में एक्सरे मशीन खराब होने के कारण कई मरीज वापस लौट गए। यहां दो मशीनें हैं, जिनमें से एक पिछले कई दिनों से खराब है। ऐसे में कई मरीजों का एक्सरे नहीं हो पा रहा है। सोमवार को हड्डी रोग ओपीडी में गोंडा से दिखाने आए 45 वर्षीय मरीज दिवाकर सोनी ने बताया कि पैर में फ्रैक्चर होने से डॉक्टर ने एक्सरे कराने को कहा। पर यहां आने पर डॉक्टर ने दो दिन बाद आने को कहा है। वहीं, इमरजेंसी में एक्सरे प्रिंटर खराब होने से मरीजों को बाहर से एक्सरे कराना पड़ा।
डायलिसिस के लिए बाहर से खरीद रहे इंजेक्शन
बलरामपुर अस्पताल में डायलिसिस के लिए आने वाले मरीजों सहित भर्ती मरीजों को बाहर से इंजेक्शन खरीदने पड़ रहे हैं। दरअसल डायलिसिस में इस्तेमाल होने वाला इंजेक्शन डायलिसिस फ्लूड अस्पताल की फार्मेसी में खत्म हो चुका है। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक यूपी मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन से दो महीने पहले ही इंजेक्शन की मांग की थी, मगर अभी तक आपूर्ति नहीं हुई। मरीजों के मुताबिक कई महीनों से डायलिसिस के लिए इंजेक्शन खरीद रहे हैं। अस्पताल के प्रवक्ता एसएम त्रिपाठी के मुताबिक कॉरपोरेशन से इंजेक्शन की मांग की गई है, मगर अभी तक नहीं मिल सकी । लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है।