मंदिर जा रही किशोरी को जंगल में खींच ले गए शोहदे, कार्रवाई की बजाए मामला दबाने में जुटी पुलिस
दुष्कर्म के प्रयास में विफल होने पर शोहदों ने वीडियो किया वायरल। घर पहुंचकर पीड़िता परिवारजनों को सुनाई आपबीती मामले को दबा रही पुलिस।
बहराइच, जेएनएन। जिले में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। स्कूल, कॉलेज हो धार्मिक स्थल। शोहदे बेहिचक फब्तियां ही नहीं कसते बल्कि सरेराह दुष्कर्म का भी प्रयास करने से बााज नहीं आ रहे। मुर्तिहा कोतवाली क्षेत्र में हौसला बुलंद दबंगों ने मंदिर जा रही किशोरी को जंगल में खींच ले गए। उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास विफल हुआ तो सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर दिया। मुर्तिहा कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की किशोरी पास में स्थित मंदिर में पूजा करने जा रही थी। आरोप है कि रास्ते में सूनसान जगह पर शोहदे उसे पकड़कर जंगल में खींच ले गए।आबरू बचाने के लिए किशोरी तीनों शोहदों से भिड़ी रही। लगभग एक घंटे तक संघर्ष करने के बाद वह किसी तरह तीनों शोहदों के चंगुल से भागकर घर पहुंची।
भागते समय शोहदों ने कहा कि शिकायत की तो वीडियो वायरल कर देंगे, लेकिन शोहदों की धमकी से डरने के बजाय किशोरी ने पूरे घटना की आपबीती परिवारजनों को बताई। दो दिनों तक मामला लोकलाज के भय में दबा रहा, लेकिन किशोरी के इंसाफ दिलाने की जिद पर परिवारीजनों ने तहरीर पुलिस को दी गई। तब तक शोहदों ने किशोरी का बनाया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। तहरीर मिलने के बाद भी शोहदों पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने के बजाय पुलिस वायरल वीडियो को ही फर्जी बताती रही, लेकिन जब किशोरी ने आगे कदम बढ़ाने की चेतावनी दी तो पुलिस हरकत में आई। कार्रवाई का भरोसा तो दिया, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। यह हाल तब है जब मुख्यमंत्री स्वयं बेटियों की सुरक्षा प्राथमिकता से करने की हिदायत दे चुके हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
तहरीर मिली है, लेकिन किशोरी को थाने आना चाहिए। अपनी समस्या बतानी चाहिए, किसने तहरीर लिखी उसका नाम नहीं है। यह कहना है मुर्तिहा कोतवाली के प्रभारी सुबोध कुमार का है। कार्रवाई करने के बजाय वे किशोरी पर ही मामले को दबाने की बात कह रहे हैं। वहीं सीओ मिहींपुरवा कमलेश सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान में नही है। मामले की निष्पक्ष जांच कराकर पीड़िता को इंसाफ दिलाया जाएगा।