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यूपी में छोटे-छोटे दलों में विभाजित हुई टिड्डियों से खतरा अधिक, निपटने की तैयारियों में जुटे अधिकारी

Locust Attack in UP यूपी में अलग-अलग छोटी-छोटी टोलियों में पहुंच रहीं टिड्डियों से भले ही बड़े स्तर पर नुकसान की आशंका कम हो परंतु उनको नियंत्रण करने में मुश्किलें आ रही हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 09:44 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 07:08 AM (IST)
यूपी में छोटे-छोटे दलों में विभाजित हुई टिड्डियों से खतरा अधिक, निपटने की तैयारियों में जुटे अधिकारी
यूपी में छोटे-छोटे दलों में विभाजित हुई टिड्डियों से खतरा अधिक, निपटने की तैयारियों में जुटे अधिकारी

लखनऊ, जेएनएन। राजस्थान से उड़ीं टिड्डियों का छोटे दलों में विभाजित होना किसानों का बड़ा सिरदर्द बना गया है। उत्तर प्रदेश में अलग-अलग छोटी-छोटी टोलियों में पहुंच रहीं टिड्डियों से भले ही बड़े स्तर पर नुकसान की आशंका कम हो परंतु उनको नियंत्रण करने में मुश्किलें आ रही हैं। इसको देखते हुए राज्य के सीमावर्ती जिलों में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए गए है। वहीं, राजधानी लखनऊ, कानपुर समेत अन्य जिलों में भी टिड्डियों से निपटने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

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यूपी के राज्य नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार दौसा राजस्थान से उड़ान भरने वाला टिड्डी दल एक बड़े और कई छोटे दलों में विभाजित हो गया है। बड़ा दल गुरुवार को देर शाम राजस्थान में अलवर भारगढ़ के पास देखा गया जो आगरा से करीब 200 किलोमीटर दूरी पर है। कृषि निदेशक सौराज सिंह ने बताया कि आगरा व मथुरा में सतर्कता बढ़ाने को कहा गया है। इसके अलावा एक छोटा दल राजस्थान में दौसा से दस किलोमीटर दूर अलूदा के निकट देखा गया। इसके भी आगरा की ओर बढ़ने की संभावना है।

कृषि निदेशक सौराज सिंह ने बताया कि छोटे दलों को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। झांसी के पास पारीछा बांध के निकट गुरुवार को सुबह टिड्डियों ने हमला बोला। यह दल बंगरा ब्लाक के सकरार होते हुए मध्य प्रदेश के निवाड़ी की ओर निकल गया। शाम को उसी दल के वापस लौटकर झांसी के बरुआ सागर के पास पहुंचने की सूचना है। सोनभद्र से मिली जानकारी के अनुसार विकास खंड घोरावल के कर्मा में बुधवार को देखा गया टिड्डी दल मीरजापुर के अहरौरा जंगल की ओर जाता हुआ देखा गया जबकि एक अन्य छोटे दल को हलिया क्षेत्र में पहुंचने पर ग्रामीणों ने भगा दिया जो मध्य प्रदेश की तरफ जाता देखा गया।

कीटनाशक दवाओं कमी न होने दें : कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने गुरुवार को टिड्डी नियंत्रण अभियान की समीक्षा करते हुए सीमावर्ती जिलों में कीटनाशक दवाओं की कमी न होने देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टिड्डियों को भगाने के बजाय उनको नष्ट करने की कोशिश की जाए। उन्होंने प्रभावित जिलों में सांय काल से दवाएं छिड़काव कराने को कहा। बता दे कि टिड्डी सायं दिन ढ़लने के बाद पेड़ पौधों पर आश्रय लेती है और दिन निकलने तक वहीं रहती है। ऐसे में उनको वहीं नष्ट करना आसान होता है।

सेटेलाइट रिपोर्ट से किया जा रहा आकलन : गुरुवार को मीरजापुर के लालगंज हालियां क्षेत्र में दस्तक दे चुका है। ऐसे में ग्रामीणों में हड़कंप मचा हुआ है। इसके चलते राजधानी लखनऊ में भी हमीरपुर की ओर से टिड्डियों के आने की आशंका पर प्रशासन द्वारा सभी को अलर्ट मोड पर रखा गया है। साथ ही किसानों को भी जागरुक किया जा रहा है। वहीं, बुलंदशहर में टिड्डी दल की आहट से जिला प्रशासन और किसान सतर्क हो गए हैं। उपनिदेशक कृषि आरपी चौधरी ने बताया कि टिड्डियों से बचाव के लिए सभी तैयारियों को पूरा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सेटेलाइनट रिपोर्ट के आधार पर तैयारियां की जा रही है।

झांसी में टिड्डियों ने मचाया उत्पात : झांसी के टहरौली के ताई व सिलोरी गांव में पड़ाव डाले टिड्डियों के खिलाफ प्रशासन ने रातभर ऑपरेशन कत्ल-ए-आम चलाया, जिससे टिड्डियों के दल में भगदड़ मच गई। इस ऑपरेशन में लाखों टिड्डियां मारी गईं, जबकि बड़ी तादाद में जान बचाकर भाग निकलीं, जिन्होंने दिनभर जिले के अलग-अलग हिस्सों में उत्पात मचाया। ग्वालियर के चीनोर गांव से उड़े टिड्डियों के दल ने झांसी की सीमा में प्रवेश किया। समथर के रास्ते आईं टिड्डियों ने कई गांवों में लगभग चार किलोमीटर हिस्से को कब्जे में ले लिया। सूचना पर डीएम आन्द्रा वामसी टीम के साथ पहुंचे और आधी रात टिड्डियों के खिलाफ ऑपरेशन कत्ल-ए-आम शुरू किया गया। चार फायर ब्रिगेड की गाड़ियों के साथ हाथ की मशीनों से दवा का छिड़काव किया गया, लेकिन क्षेत्र अधिक होने के कारण टिड्डियों को कवर नहीं किया जा सका। इससे टिड्डी दल में भगदड़ मची और यह अलग-अलग दलों में बंट गईं। टहरौली के दो गांवों में भी टिड्डियों की घेराबंदी की गई, लेकिन दल इतने बड़े क्षेत्रफल के लिए ऑपरेशन के संसाधन कम पड़ गए।


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