बहराइच से लश्कर का आतंकी इरफान गिरफ्तार
इंटेलिजेंस ब्यूरो की मदद से दिल्ली पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी इरफान को बहराइच से गिरफ्तार किया है। इरफान को कल एक गोपनीय अभियान में बहराइच से दबोचा गया। फिलहाल इरफान दिल्ली पुलिस की कस्टडी में दिल्ली में है।
लखनऊ। इंटेलिजेंस ब्यूरो की मदद से दिल्ली पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी इरफान को बहराइच से गिरफ्तार किया है। इरफान को कल एक गोपनीय अभियान में बहराइच से दबोचा गया। फिलहाल इरफान दिल्ली पुलिस की कस्टडी में दिल्ली में है।
लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी इरफान नेपाल के पालपा जेल में बंद था। नेपाल में भूकंप के दौरान जेल ढह गया था। इसका लाभ लेकर हजारों कैदी वहां से भाग निकले। इन्हीं में शामिल इरफान भी बहराइच के रास्ते भारत में प्रवेश कर गया। बहराइच के बागवानी क्षेत्र के निवासी इरफान की गिरफ्तारी की जानकारी बहराइच के एसपी रामलाल को भी नहीं है। कल दिन में एक गोपनीय ऑपरेशन में इंटेलिजेंस ब्यूरो ने इरफान को बहराइच में पकड़ लिया। इरफान फिलहाल दिल्ली पुलिस की कस्टडी में है। पुलिस उसको लेकर दिल्ली गई है।
लश्कर का आतंकी इरफान (50) आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन से भी जुड़ा रहा है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इरफान को पहले भी गिरफ्तार किया था, लेकिन पैरोल पर छूटकर वह फरार हो गया था। वह उत्तर प्रदेश के बहराइच का ही रहने वाला है, जहां से उसे दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, इरफान कई आतंकी वारदातों में शामिल रहा है। कई शहरों में हुई आतंकवादी धमाकों में इरफान का हाथ रहा है। लश्कर इस समय नेपाल में आई विपदा का फायदा उठा रहा है। इसी कारण से भारत का खुफिया तंत्र भी सक्रिय हो गया है। गौरतलब है कि 1993 में हुए बाबरी मस्जिद मामले के बाद उसने कई ट्रेनों में ब्लास्ट करवाया था। आठ वर्ष तक जेल में रहने के बाद हुई पैरोल पर बाहर आने के बाद से ही इरफान फरार था। सीबीआई ने इरफान पर 50 हजार का इनाम भी घोषित किया था।
दहशतगर्दी की पनाह में कोमलता का कारोबारी
फूलों का कारोबार कर घर-घर महक पहुंचाने वाले परिवार में कब दहशतगर्दी के पांव जम गए पता हीं नहीं चला। बहराइच के नाजिरपुरा बागवानी मोहल्ले का रहने वाला इरफान तब सुर्खियों में आया जब वर्ष 1993 में कानपुर में राजधानी एक्सप्रेस में विस्फोट हुआ। पुलिस ने इरफान को आरोपी बनाया। उसे आजीवन कारावास की सजा हुई। वर्ष 2001 में वह पैरोल पर छूटा और फरार हो गया। परिवार में इरफान सबसे बड़ा है। पड़ोसियों के मुताबिक छोटा भाई रिजवान अहमद, बहन चांदबीबी उर्फ मुन्नी, मुल्ला, तसलीमी, नसीम हैं। एक का विवाह बलरामपुर व तीन का बहराइच में हुआ है। आर्थिक विपन्नता से जूझ रहे परिवारीजन इरफान को लेकर कभी चर्चा नहीं करना चाहते। ऐसे हालात के लिए उसे ही दोषी ठहरा रहे हैं। परिवार का पैतृक फूल का कारोबार मंद पड़ गया है। उसके पिता फारूक व मां की पहले ही मौत हो चुकी है।
हिमालय तली आतंकियों की पनाहगाह
भारत-नेपाल की खुली सीमा आतंकियों के लिए पनाहगाह बनती जा रही है। पाक जासूस मशरूर की गिरफ्तारी 12 अगस्त 2008 को रुपईडीहा रेलवे स्टेशन के निकट से एटीएस ने की थी। बहराइच में न्यायिक प्रक्रिया शुरू होने के बाद इसे उन्नाव जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। मुंबई से पेशी के दौरान फरार हुए इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी अफजल उस्मानी को मुंबई एटीएस की टीम ने यूपी पुलिस व एटीएस के सहयोग से रुपईडीहा क्षेत्र के भारत-नेपाल सीमा स्थित अमवा तेतारपुर गांव में बहन सूफिया के यहां 27/28 अक्टूबर 2013 की रात को गिरफ्तार किया था। उसी समय से फरार चल रहे लश्कर के आतंकी इरफान की भी सरगर्मी से तलाश की जा रही थी। उसे दिल्ली पुलिस की सेल ने लखनऊ से दबोचा है।