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KGMU में आईं दस नई मशीन, अब 70 मरीजों की हो सकेगी डायलिसिस

केजीएमयू में डायलिसिस यूनिट का किया गया विस्तार गुर्दा रोगियों को मिलेगी राहत।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 17 Jun 2020 07:14 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jun 2020 10:04 PM (IST)
KGMU में आईं दस नई मशीन, अब 70 मरीजों की हो सकेगी डायलिसिस
KGMU में आईं दस नई मशीन, अब 70 मरीजों की हो सकेगी डायलिसिस

लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू में डायलिसिस यूनिट का विस्तार किया गया है। दस नई मशीन लगने से गुर्दा रोगियों को राहत मिलेगी। यहां अब 65 से 70 मरीजों की रोज डायलिसिस हो सकेगी।

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 केजीएमयू के शताब्दी-फेज वन में नेफ्रोलॉजी विभाग है। यहां पीपीपी मॉडल पर डायलिसिस यूनिट का संचालन किया जा रहा है। 27 मई को चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने निरीक्षण किया था। इस दौरान डायलिसिस सेवा का जल्द विस्तार करने का निर्देश दिया था। यहां अभी तक 15 डायलिसिस मशीनें चल रही थीं। हर रोज 30 से 35 मरीजों की डायलिसिस की जा रही थी। इसमें कुछ मशीनें एचआइवी व हेपेटाइटिस मरीजों के लिए आरक्षित की गई हैं। वहीं अब 10 नई मशीनें बुधवार से शुरू हो गई हैं। इनका उद् घाटन कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने किया। विभागाध्यक्ष डॉ. विश्वजीत ने कहा कि अब रोज 60 से 70 मरीजों की डायलिसिस की जाएंगी। ऐसे में गुर्दा रोगियों को काफी राहत मिलेगी। कार्यक्रम में एमएस डॉ. बीके ओझा, सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार भी मौजूद रहे।

नेफ्रोलॉजिस्ट की आवश्यकता

केजीएमयू में 4400 बेड हैं। इतने बड़े संस्थान में एक भी नेफ्रोलॉजिस्ट नहीं है। यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों की देखरेख में विभाग का संचालन हो रहा है। वहीं यदि नेफ्रोलॉजिस्ट की तैनाती हो जाए, तो पीजीआइ-लोहिया संस्थान में लोड को कम किया जा सकेगा। यहां भी किडनी ट्रांसप्लांट शुरू हो सकेगा।

15 और मशीनें जल्द

नेफ्रोलॉजी के मरीजों के लिए सोमवार व बुधवार को डिजिटल ओपीडी चलाई जा रही है। इस पर मरीजों को परामर्श दिया जा रहा है। वहीं 15 डायलिसिस मशीनें और लगाने का प्लान है। ऐसे में मरीजों को काफी राहत मिलेगी।

कोरोना को लेकर किया जागरूक

केजीएमयू के इंस्टीट्यूट ऑफ पैरा मेडिकल के डीन डॉ. विनोद जैन ने ट्रेनिंग फॉर जनरल पापुलेशन कार्यक्रम का आयोजन किया। ऑनलाइन किए गए कार्यक्रम में लोगों को कोरोना से बचाव के उपाए बताए गए हैं। उन्हें क्वारंटीन का महत्व व संक्रमण के प्रभाव के बारे में जानकारी दी है गई। ऐसे में करीब एक हजार लोगों ने ऑनलाइन जानकारी प्राप्त की।


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