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लखनऊ में दस दिन तक लुभाएगी पुरानी माटी कला, यूपी के कारीगरों और कलाकारों ने सजाए उत्पाद

उत्तर प्रदेश के हुनरमंद कारीगर माटी की कला में कैसे चीनी तकनीक से बेहतर हैं इसकी झांकी राजधानी लखनऊ में सज चुकी है। माटी कला बोर्ड द्वारा आयोजित माटी कला मेले के जरिये कद्रदान और खरीदार वर्षों पुरानी इस कला से रूबरू होंगे।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 12:02 AM (IST)Updated: Fri, 06 Nov 2020 06:53 AM (IST)
उत्तर प्रदेश के हुनरमंद कारीगर माटी की कला में कैसे चीनी तकनीक से बेहतर हैं, इसकी झांकी सज चुकी है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के हुनरमंद कारीगर माटी की कला में कैसे चीनी तकनीक से बेहतर हैं, इसकी झांकी राजधानी लखनऊ में सज चुकी है। माटी कला बोर्ड द्वारा आयोजित माटी कला मेले के जरिये कद्रदान और खरीदार वर्षों पुरानी इस कला से रूबरू होंगे। ऐसे छोटे शिल्पकारों व कारीगरों के लिए बड़ा मंच सरकार ने माटी कला मेले के रूप में सजाया है।

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खादी भवन में दस दिवसीय माटी कला मेले का शुभारंभ गुरुवार को खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा माटी कला बोर्ड के माध्यम से प्रजापति समाज के व्यक्तियों को पिछले दो वर्षों से विद्युत चालित कुम्हारी चाक और मूर्तियां बनाने के लिए विभिन्न आकार की डाई का निश्शुल्क वितरण कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री माटी कला रोजगार योजना के माध्यम से प्रदेश में माटी कला से जुड़े कारीगरों-शिल्पकारों को बैंकों से वित्तीय सहायता दिलाकर इकाइयां स्थापित कराई जा रही हैं। व्यावहारिक प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गई है।

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश में माइक्रो माटी कला कॉमन फैसिलिटी सेंटर योजना के अंतर्गत माटी कला के छोटे सामूहिक केंद्र बनाकर उन्हें सुविधा संपन्न कराने की दिशा में सरकार लगातार प्रयासरत है। उप्र माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष डॉ.धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से न सिर्फ शिल्पकारों व कारीगरों को प्रोत्साहन मिलता है, बल्कि उत्पादों का उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए मंच भी उपलब्ध होता है।

मेले में विभिन्न जिलों से आए उत्कृष्ट शिल्पकारों द्वारा निर्मित लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां, डिजाइनर दीये, गोरखपुर का टेराकोटा उत्पाद, आजमगढ़ की ब्लैक पॉटरी, खुर्जा के मिट्टी निर्मित कुकर-कढ़ाई व पानी की बोतल आदि आकर्षण बनेंगे।

खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ.नवनीत सहगल ने बताया कि 13 नवंबर तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में मीरजापुर, कुशीनगर, आजमगढ़, बाराबंकी, बलिया, वाराणसी, उन्नाव, पीलीभीत, लखनऊ, अयोध्या, कानपुर, गोरखपुर, बुलंदशहर और प्रयागराज से आए शिल्पकारों द्वारा अपने उत्कृष्ट उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस बार दीपावली पर उत्कृष्ट श्रेणी के स्वदेशी लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां तैयार करने के लिए कारीगरों को पीओपी मास्टर डाई, स्प्रे-पेंटिंग मशीन, पगमिल, आधुनिक भट्ठी और दीया मेकिंग मशीनें निश्शुल्क उपलब्ध कराई गई हैं।


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