UP: निपुण भारत मिशन के जरिए प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक होंगे प्रशिक्षित, महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने जारी किए सख्त निर्देश
उत्तर प्रदेश छात्र-छात्राओं से पहले प्राथमिक स्कूलों के शिक्षको को निपुण भारत मिशन के जरिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इस मिशन के तहत हर जिले में जिला व ब्लाक संदर्भदाता शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। शिक्षक अनुपस्थित होने पर खंड शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। योगी आदित्यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने पर बेहद फोकस कर रही है। ऐसे में प्राथमिक कक्षाओं में नामांकित कक्षा तीन तक के सभी छात्र-छात्राओं को पढ़ने-लिखने व संख्या ज्ञान कराने के लिए निपुण भारत मिशन शुरू हुआ है।
बच्चों में भाषा व गणित का कौशल विकास करने के लिए परिषदीय विद्यालयों के सभी शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। शिक्षकों का प्रशिक्षण खंड शिक्षा अधिकारी की अगुवाई में विकासखंड के एकेडमिक रिसोर्स पर्सन यानी संदर्भदाता 25 जुलाई से 15 सितंबर तक देंगे। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने सभी प्राचार्य डायट व बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इसके लिए जिला स्तरीय संदर्भदाताओं का प्रशिक्षण राज्य शैक्षिक प्रबंधन सीमैट प्रयागराज में 11 जुलाई से दिया जाएगा।
हर जिले से चार संदर्भदाता राज्य स्तरीय प्रशिक्षण में शामिल होंगे। ब्लाक स्तरीय संदर्भदाताओं का प्रशिक्षण डायट प्राचार्य की अध्यक्षता में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में होगा। इसमें हर ब्लाक व नगर के पांच एआरपी शामिल होंगे, जिन ब्लाकों में एआरपी की संख्या शून्य है वहां निष्ठा कार्यक्रम में चिन्हित सदस्य जाएंगे। खंड शिक्षा अधिकारी व जिला समन्वयक प्रशिक्षण इस संबंध में चयन करेंगे। प्रशिक्षण सामग्री राज्य परियोजना कार्यालय व सीमैट की ओर से मुहैया कराई जाएगी।
महानिदेशक ने निर्देश दिया है कि प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक व शिक्षामित्रों का चार दिवसीय प्रशिक्षण बीआरसी पर अलग-अलग हाल में होगा। हर बैच में 50 शिक्षक रखे जाएंगे। प्रशिक्षण की तैयारियों, समय व अन्य कार्यों के लिए विस्तृत निर्देश दिए गए हैं। यह भी निर्देश है कि प्रशिक्षण में यदि शिक्षक अनुपस्थित होते हैं तो खंड शिक्षा अधिकारियों की जवाबदेही होगी। हर बैच में ऐसे प्रधानाध्यापक व शिक्षक की पहचान की जाए जो विद्यालय में सक्रिय पुस्तकालय, कक्षा शिक्षण, आपरेशन कायाकल्प सहित अन्य नवाचार किया हो। प्रशिक्षण के दौरान ऐसे प्रधानाध्यापक व शिक्षकों को 15 मिनट का समय दिया जाए ताकि वे अपनी सफलता की कहानी अन्य शिक्षकों के बीच साझा कर सकें।
निर्देश है कि प्रशिक्षण का राज्य स्तर से आनलाइन निगरानी की जाएगी। जिला स्तर पर डीएम व सीडीओ अनुश्रवण करेंगे, मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक मंडल के हर जिले के कम से कम तीन विकासखंड व प्राचार्य डायट और बेसिक शिक्षा अधिकारी जिले के सभी विकासखंडों में संचालित प्रशिक्षण का अनुश्रवण करेंगे। कार्यक्रम में अनियमितता या शिक्षक गैरहाजिर मिलते हैं तो उसकी आख्या राज्य परियोजना कार्यालय को भेजी जाएगी।