केजीएमसू में परीक्षा धांधली में फंसे शिक्षक को मिलेगी दोबारा नौकरी? कुलसचिव ने मांगी रिापोर्ट Lucknow News
केजीएमयू में डिप्लोमा फार्मेसी परीक्षा की धांधली में फंसे डॉक्टर को नौकरी देने की जा रही है तैयारी।
लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू में संविदा शिक्षक भर्ती को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। इसमें डिप्लोमा फार्मेसी परीक्षा की धांधली में फंसे डॉक्टर को दोबारा नौकरी का तोहफा देने की तैयारी है। कुलसचिव ने संबंधित डॉक्टर के नियुक्ति से पहले विभागाध्यक्ष से रिपोर्ट मांगी है।
दरअसल, केजीएमयू से हाल में सेवानिवृत्ति हुए एक चिकित्सक पर डिप्लोमा इन फार्मेसी प्रवेश परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप हैं। सतर्कता विभाग की जांच के बाद शासन ने वर्ष 2003 में केजीएमयू को डॉक्टर पर अभियोजन स्वीकृत किए जाने का निर्देश दिया, जिसे वर्ष 2004 की कार्यपरिषद में अनुमति प्रदान करने का दावा किया गया था। इसके बाद से मामला कोर्ट में चल रहा है।
वहीं, संस्थान प्रशासन ने आरोपों को दरकिनार कर उसी चिकित्सक को विजिलेंस ऑफीसर बना दिया। संस्थान में तैनात 450 शिक्षकों में से गड़बड़ी में फंसे डॉक्टर को विजिलेंस ऑफीसर बनाने का विरोध हुआ। ऐसे में बलिया निवासी अनूप श्रीवास्तव ने राज्यपाल व चिकित्सा शिक्षा मंत्री से शिकायत की। मंत्री के निर्देश पर सितंबर में चिकित्सा शिक्षा विभाग के उपसचिव कुलदीप कुमार रस्तोगी ने जांच कर सात दिन में रिपोर्ट तलब की मगर, अभी तक चुप्पी रही। नवंबर में शिक्षक को सम्मानजनक सेवानिवृत्ति प्रदान कर दी गई।
वहीं, केजीएमयू प्रशासन अब परीक्षा की धांधली में फंसे शिक्षक को दोबारा संविदा पर नौकरी देने की तैयारी में हैं। शिक्षक ने आवेदन किया है। कुलसचिव आशुतोष कुमार द्विवेदी ने चार दिसंबर को विभागाध्यक्ष को पत्र भेजा। उन्होंने विभागाध्यक्ष से पूछा कि संबंधित चिकित्सक के विरुद्ध कोई प्रतिकूल प्रविष्ट तो नहीं, जिससे नियमानुसार कार्रवाई की जा सके। प्रवक्ता केजीएमयू डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक सेवानिवृत्त शिक्षक का संविदा पर नौकरी के लिए आवेदन आया है। विभागाध्यक्ष फार्माकोलॉजी से रिपार्ट मांगी गई है। फिर आगे विचार किया जाएगा।
गोलमोल जवाब
कुलसचिव आशुतोष कुमार द्विवेदी ने कहा कि शिक्षक का आवेदन आया है मगर, नियुक्ति को लेकर इसके बारे में अभी जानकारी नहीं है।