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Lucknow University: काशी विश्वनाथ मंदिर पर विवादित बयान देने वाले शिक्षक ने मानवाधिकार आयोग में की शिकायत, लगाया षडयंत्र का आरोप

काशी विश्वनाथ मंदिर पर विवादित बयान देने वाले लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. रविकांत चंदन ने अब मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में ई-मेल के जरिए शिकायत भेजकर जांच की मांग की है।

By Vrinda SrivastavaEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 01:50 PM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 03:13 PM (IST)
Lucknow University: काशी विश्वनाथ मंदिर पर विवादित बयान देने वाले शिक्षक ने मानवाधिकार आयोग में की शिकायत, लगाया षडयंत्र का आरोप
एलयू के हिन्दी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर ने मानवाधिकार आयोग में की शिकायत।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। काशी विश्वनाथ मंदिर पर बयान देकर विवादों से घिरे लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. रविकांत चंदन ने अब मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में ई-मेल के जरिए शिकायत भेजकर जांच की मांग की है। उनका आरोप है कि लखनऊ विश्वविद्यालय के भूगर्भ विभाग के एक प्रोफेसर ने साजिश के तहत शिक्षकों के वाट्सएप ग्रुप पर पोस्ट डालकर मामले को भड़काया, जिसकी वजह से विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्रों ने उन्हें अपमानजनक जातिसूचक शब्दों के तहत अपशब्द कहे। साथ ही नारेबाजी भी की।

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बीते सात मई को एक राजनैतिक परिचर्चा के दौरान ज्ञानव्यापी सर्वे प्रकरण पर शिक्षक डा. रविकांत ने काशी विश्वनाथ मंदिर पर विवादित बयान दे दिया था। उनका कहना है कि पुस्तक 'फैदर्स एंड स्टोंस' की विषयवस्तु के आधार पर अपनी बात कही थी। इसी के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी ने उनके खिलाफ परिसर में विरोध प्रदर्शन किया था। शिक्षक ने परिषद के छात्र नेताओं पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने व जान से मारने की धमकी का आरोप लगाकर शिकायत की है। मानवाधिकार आयोग, डीपीजी सहित लखनऊ विश्वविद्यालय के चीफ प्राक्टर को मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग के लिए मंगलवार को पत्र भेजा गया है।

भू-गर्भ विभाग के शिक्षक पर आरोप : आरोप है कि साजिश के सूत्रधार षडयंत्र के कर्ताधर्ता भू-गर्भ विभाग के एक शिक्षक हैं। उन्होंने शिक्षकों के व्हाट्सएप ग्रुप पर 10 मई को 10.46 मिनट पर संदेश भेजा, जिसमें गाली गलौज व अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया था। इसी के बाद विद्यार्थी परिषद के छात्र नेताओं ने विरोध प्रदर्शन कर अपशब्दों का प्रयोग किया। साथ ही नारेबाजी भी की। शिक्षक का कहना है कि अब तक विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी इस ममाले में कोई कार्रवाई नहीं की है।

कैंपस में लगे पोस्टर : विश्वविद्यालय परिसर में कई जगह पर विवादित बयान देने वाले शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई के लिए पोस्टर चस्पा कर दिए गए हैं। इसमें लिखा है कि आखिर कार्रवाई कब तक?


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