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मदरसों व मौलाना पर एएमयू प्रोफेसर की टिप्पणी से खलबली

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर वसीम राजा द्वारा मदरसों में समलैंगिकता व मौलाना पर की गई कथित टिप्पणी से खलबली मची हुई है। इंतजामिया ने जहां आरोपी को अपना पक्ष रखने की बात कही है, वहीं मौलाना उनकी टिप्पणी को समझ नहीं पा रहे हैं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 27 May 2015 08:10 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2015 08:13 PM (IST)

लखनऊ। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर वसीम राजा द्वारा मदरसों में समलैंगिकता व मौलाना पर की गई कथित टिप्पणी से खलबली मची हुई है। इंतजामिया ने जहां आरोपी को अपना पक्ष रखने की बात कही है, वहीं मौलाना उनकी टिप्पणी को समझ नहीं पा रहे हैं।

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प्रोफेसर की शिकायत पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष शहजाद आलम बरनी ने कुलपति जमीरउद्दीन शाह से की थी। कहा था कि प्रोफेसर ने व्हाट्सएप पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है कि मदरसों में समलैंगिकता नियंत्रण से बाहर हो गई है और मौलाना ऐसे कृत्यों में शामिल हैं। उन्होंने नमाज अदा कर रहे एक शख्स पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की है। छात्र नेता की शिकायत पर कार्यवाहक कुलपति एस. अहमद अली का कहना है कि प्रोफेसर को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा, क्योंकि मीडिया में वह कह चुके हैं कि उनके बयान को गलत तरीके पेश किया गया है।

दूसरी ओर आज आरोपी प्रोफेसर उस व्हाट्सएप ग्रुप से भी अलग हो गए, जिस पर उनके मोबाइल से कमेंट डाला गया था। प्रोफेसर के बयान पर एएमयू के सुन्नी थ्योलॉजी के मौलाना सैयद एम. असगर का कहना है कि पता नहीं वसीम राजा ने किस संदर्भ में यह बयान दिया है, लेकिन किसी भी बुराई के लिए मदरसा जिम्मेदार नहीं हैं। शिकायतकर्ता शहजाद आलम बरनी का कहना है कि अगर इंतजामिया प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है तो मानव संसाधन विकास मंत्रालय में शिकायत की जाएगी।

बयान पर देवबंदी उलमा भड़के

मदरसों में समलैंगिकता नियंत्रण से बाहर होने और ऐसे कृत्यों में मौलाना के शामिल होने की एएमयू के प्रोफेसर की कथित टिप्पणी से आग बबूला हुए देवबंदी उलमा ने कहा है कि ऐसे बयान समाज को तोडऩे का काम कर रहे हैं। प्रोफेसर के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। मुसलमानों की आस्था के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम देवबंद के मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा कि मदरसे इस्लामी तालीम के मरकज हैं। इस्लामी तालीमात बुराइयों को रोकने का काम करती है। मदरसों में गलत कार्य हो, ऐसा मुमकिन नहीं है। मदरसों को बदनाम करने के लिए इस्लाम के दुश्मन ताकतों द्वारा प्रोफेसर का सहारा लिया गया है। दारुल उलूम वक्फ के वरिष्ठ मुफ्ती मोहम्मद आरिफ कासमी ने भी सख्त मजम्मत करते हुए कहा कि कुरान और हदीस में समलैंगिकता को बड़ा गुनाह बताया गया है। कुरान और हदीस पढऩे-पढ़ाने वालों पर इस तरह का इलजाम नाकाबिले बर्दाश्त है। इंतजामिया प्रोफेसर को तुरंत निलंबित करे। साथ ही विवि कानून के मुताबिक सख्त से सख्त कार्रवाई भी हो। मदरसा जायितुल अनवरिया के मोहतमिम मौलाना नसीम अख्तर शाह, मदरसा जामिया कासमिया के मोहतमिम कारी रहीमुद्दीन कासमी ने भी प्रोफेसर के निलंबन की मांग विवि प्रशासन से की है।


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