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Ayodhya Ram Mandir: एक हजार वर्ष तक अक्षुण्ण रहने वाले मंदिर के अनुरूप होगी नींव

Ayodhya Ram Mandir शन‍ि‍वार को राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक सर्किट हाउस में संपन्न हुई। इस बैठक में लिए गए निर्णय गोपनीय रखे गए हैंं। टाटा कंस्ट्रक्शन के इंजीनियर व एलएंडटी के इंजीनियर के साथ ट्रस्ट के पदाधिकारी व सदस्य भी बैठक में शामिल हुए।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 05:51 PM (IST)Updated: Sun, 01 Nov 2020 05:53 AM (IST)
रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में टाटा कंस्ट्रक्शन के भी शामिल होने की संभावना।

अयोध्या, जेएनएन। Ayodhya Ram Mandir: रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की प्रक्रिया इन दिनों नींव पर केंद्रित है। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट चाहता है कि रामजन्मभूमि पर  ऐसे मंदिर का निर्माण हो, जो एक हजार वर्ष तक अक्षुण्ण रहे। नींव की मजबूती परखने के लिए तैयार की गयी टेस्ट पाइलि‍ंंग का इन दिनों आइआइटी चेन्नई के विशेषज्ञ अध्ययन कर रहे हैं। निर्माण शुरू करने के लिए इस अध्ययन की रिपोर्ट का इंतजार है। टेस्टि‍ंंग में पूरी तरह से खरी उतरने वाली पाइलि‍ंंग का निर्माण सुनिश्चित करने के लिए ट्रस्ट निर्माण के क्षेत्र से जुड़े कई विशेषज्ञों की सेवा ले रहा है। इसी क्रम में शुक्रवार एवं शनिवार को राम मंदिर निर्माण समिति  की स्थानीय सर्किट हाउस में बैठक की गयी।

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बैठक में मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, ट्रस्टी एवं  शीर्ष संत गोव‍िंंददेव गिरि, अयोध्या  राज परिवार के मुखिया बिमलेंद्रमोहन मिश्र, डॉ अनिल मिश्र सहित मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था एलएंडटी के शीर्ष अधिकारी, आइआइटी चेन्नई तथा इंस्टीट्यूट ऑफ बिल्डि‍ंंग रिसर्च- रुड़की के विशेषज्ञों के अलावा टाटा कंस्ट्रक्शन के शीर्ष अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ। टाटा कंस्ट्रक्शन के अधिकारी शुक्रवार को निर्माण समिति की पहले दिन हुई बैठक में भी शामिल हुए थे। तभी से यह संकेत मिलने लगा था कि मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में टाटा कंस्ट्रक्शन जैसी अति प्रतिष्ठित कंपनी के सहयोग का समीकरण बन रहा है। यह अनुमान सच साबित हो रहा है। शनिवार को निर्माण समिति की बैठक समाप्त होने के बाद तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने स्वीकार किया कि ट्रस्ट और टाटा कंस्ट्रक्शन के बीच बातचीत आगे बढ़ रही है।  उन्होंने बताया कि बैठक में टाटा के इंजीनियर्स ने मंदिर निर्माण को लेकर प्रजेंटेशन भी दिया और अब तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट टाटा के इंजीनियर्स की बात समझने की कोशिश कर रहा है।

बैठक के निर्णय को गोपनीय रखा गया

मंदिर निर्माण समिति की बैठक के निर्णय को गोपनीय रखा गया। ट्रस्ट  के सदस्य ने इशारों में कुछ बातें कहीं, पर इतना तय है कि दो दिन चली बैठक में मंदिर निर्माण शुरू करने की हर तैयारी परखी गयी है। सूत्रों की मानें तो मंदिर निर्माण की शीघ्रता के बावजूद ट्रस्ट नींव की मजबूती से कोई समझौता नहीं करना चाहता और इस बारे में कार्यदायी संस्था से लिखित गारंटी चाहता है। मंदिर एक हजार साल तक अक्षुण्ण रहे तथा सौंदर्य और भव्यता की ²ष्टि से भी बेमिसाल हो। बैठक में विभिन्न विशेषज्ञों से राय भी ली गयी।

अति सु²ढ़ नींव की तैयारी

प्रस्तावित राम मंदिर की नींव में 1200 पाइल‍िंंग बननी है, जो जरूरत के हिसाब से 20 से 60 मीटर तक गहरी एवं एक मीटर व्यास की होंगी।


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