Move to Jagran APP

लखनऊ कचहरी ब्लास्ट में दो आतंकी दोषी करार, 27 अगस्त को सुनाई जाएगी सजा

23 नवंबर 2007 को दिन के सवा बजे करीब दीवानी न्यायालय परिसर स्थित बरगद के पेड़ के पास बम ब्लास्ट हुआ था

By Ashish MishraEdited By: Published: Fri, 24 Aug 2018 02:31 PM (IST)Updated: Fri, 24 Aug 2018 02:32 PM (IST)
लखनऊ कचहरी ब्लास्ट में दो आतंकी दोषी करार, 27 अगस्त को सुनाई जाएगी सजा
लखनऊ कचहरी ब्लास्ट में दो आतंकी दोषी करार, 27 अगस्त को सुनाई जाएगी सजा

लखनऊ (जेएनएन)। वर्ष 2007 में लखनऊ, बनारस व फैजाबाद की कचहरी में हुए बम विस्फोटों में लखनऊ कचहरी में ब्लास्ट करने के आरोपी तारिक काजमी को विशेष न्यायाधीश बबिता रानी ने दोषी ठहराया है। दोषी को 27 अगस्त को सजा सुनाई जाएगी। जेल में लगी अदालत में सरकारी वकील पी.के. श्रीवास्तव ने बताया कि 23 नवंबर 2007 को दिन के सवा बजे करीब दीवानी न्यायालय परिसर स्थित बरगद के पेड़ के पास बम ब्लास्ट हुआ था तथा साइकिल स्टैण्ड पर खड़ी की गई साइकिल में भी बम लगा हुआ था जो फट नहीं सका।

loksabha election banner

तत्कालीन थाना प्रभारी वजीरगंज, विजय कुमार मिश्र ने उसी दिन रिपोर्ट दर्ज कराकर बताया था कि उन्हें सूचना मिली कि जिला न्यायालय में बम विस्फोट हुआ है। प्रभारी निरीक्षक कोर्ट पहुंचे जहां से विस्फोट के बाद एक सायकिल, बैटरी, घड़ी, टाइमर घड़ी के टुकड़े, प्लास्टिक के टुकड़े, तार के कड़े, लोहे की पत्ती, आधा पीस गरारी, क्रीम कलर की चिपचिपा गोला केमिकल, लोहे के छर्रे काला बैग व उसके अंदर रखा रजिस्टर बरामद किया साथ ही स्टैण्ड पर खड़ी साइकिल में रखे जीवित बम को बरामद किया था।

बम निरोधक दस्ते ने उसे निष्क्रिय कर दिया था। पुलिस ने विवेचना के बाद पुलिस ने पहली चार्जशीट कश्मीर निशनी सज्जादुल रहमान तथा मोहम्मद अख्तर के खिलाफ दायर की थी। दूसरा आरोप पत्र खालिद मुजाहिद, तारिक काजमी, सज्जादुल रहमान तथा मो. अख्तर के खिलाफ, तीसरी चार्जशीट में मो. तारिक काजमी व खालिद मुजाहिद के खिलाफ दायर किया था जबकि चौथी व पांचवीं चार्जशीट में आरिफ उर्फ अब्दुल कदीर को आरोपी बनाया गया था।

सरकारी वकील ने बताया कि हूजी और इंडियन मुजाहिदीन के द्वारा अंजाम दिए गए इस बम ब्लास्ट के लिए आतंकियों को रियाज भटकल के नेतृत्व में ट्रेनिंग दी गई थी। इस मामले में सज्जादुल रहमान, तारिक काजमी, मो. अख्तर व खालिद मुजाहिद के खिलाफ मुकदमा चला। कोर्ट में मुकदमा चलने के दौरान खालिद मुजाहिद की मृत्यु हो गई तथा मो. अख्तर को डिस्चार्ज कर दिया गया था। इसके अलावा सज्जादुल को आरोपमुक्त कर दिया था। जबकि आरिफ उर्फ अब्दुल कदीर गिरफ्त में नहीं आया था। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.