सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हटाए जाएंगे 500 मकान, लोग बोले सालों से यहां रह रहे अब कहां जाएं
लखनऊ में सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश ऐशबाग चित्ताखेड़ा में प्राधिकरण ने अपनी भूमि से हटने के लिए दिया था नोटिस।
लखनऊ, जेएनएन। ऐशबाग चित्ताखेड़ा में 14 नवंबर को लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से लोगों को दो सप्ताह में मकान खाली करने के लिए नोटिस दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने यहां करीब दो लाख वर्ग फीट भूमि खाली कराने का आदेश एलडीए को दिया है। इस भूमि पर मुख्य काबिज व्यक्ति को प्राधिकरण पहले ही बेदखल कर चुका है। बस्ती को अब खाली करवाया जाएगा। जिसको लेकर बस्ती के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं।
एलडीए के नोटिस से नाराज लोगों ने बुधवार को स्थानीय निवासी उमाशंकर के नेतृत्व में लखनऊ विकास प्राधिकरण के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। उमाशंकर व शिवेंद्र मिश्र ने एलडीए पर आरोप लगाते हुए कहा कि चित्ताखेड़ा में लोग पिछले 40 वर्षों से रहे हैं। अपना गृहकर, जलकर विद्युत शुल्क नियमित रूप से जमा कर रहे हैं। इसके बावजूद 14 नवंबर को क्षेत्र में लोगों को दो सप्ताह में मकान खाली करने की नोटिस दी। प्रदर्शन में सोनी तिवारी, शिवम मिश्रा, शकुंतला सिंह, सूरज वाल्मीकि, माया गोस्वामी, सचिन, विजयलक्ष्मी, नीतू राजपूत, राजकुमार शामिल थे।
लविप्रा संयुक्त सचिव ऋतु सुहास ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश इस भूमि से कब्जा हटाने का है। जिसमें एलडीए पर अवमानना हो रही है। इसलिए अब अंतिम नोटिस जारी किया गया है ताकि भूमि खाली कराकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जा सके।