Move to Jagran APP

'इंडो-इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन' नाम से गठ‍ित होगा ट्रस्‍ट, सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक आज

अयोध्या में मस्जिद निर्माण के साथ संचालित की जाएंगी कई अन्य गतिविधियां। मुतवल्ली की भूमिका निभायेगा ट्रस्ट सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक में आज आ सकता है प्रस्ताव।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 09:55 PM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 10:29 AM (IST)
'इंडो-इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन' नाम से गठ‍ित होगा ट्रस्‍ट, सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक आज
'इंडो-इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन' नाम से गठ‍ित होगा ट्रस्‍ट, सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक आज

लखनऊ, जेएनएन। अयोध्या की पांच एकड़ भूमि पर मस्जिद बनाने के साथ ही अन्य गतिविधियां संचालित करने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड 'इंडो-इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन' नाम से ट्रस्ट गठित करने जा रहा है। वक्फ संपत्तियों की देखरेख के लिए वक्फ बोर्ड जिस तरह मुतवल्ली नियुक्त करता है, उसी तरह अयोध्या की इस वक्फ संपत्ति पर यह ट्रस्ट मुतवल्ली की भूमिका निभायेगा। इस ट्रस्ट में फिलहाल नौ सदस्य होंगे। बाद में मुस्लिम समुदाय के प्रबुद्धजनों व उद्योगपतियों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।

loksabha election banner

सुन्नी वक्फ बोर्ड की गुरुवार को होने वाली बैठक में ट्रस्ट गठन के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। सूत्रों के अनुसार 'इंडो-इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन' नाम से ट्रस्ट का पंजीकरण भी करा लिया गया है। इसमें सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारूकी चीफ ट्रस्टी होंगे। ट्रस्ट में वक्फ बोर्ड के चार सदस्य शामिल किए जा रहे हैं। साथ ही लखनऊ के भी कुछ लोगों को इसमें सदस्य के रूप में शामिल किया जा रहा है। सुन्नी वक्फ बोर्ड के सीइओ भी इसमें सदस्य होंगे।

ट्रस्ट के नौ सदस्य बाद में मुस्लिम समुदाय के देश के प्रबुद्ध व बड़े उद्योगपतियों को नामित करेंगे। ऐसेे चार-पांच बड़े व चर्चित नाम बाद में सदस्य के रूप में ट्रस्ट में शामिल किए जाएंगे। अयोध्या में पांच एकड़ भूमि पर मस्जिद निर्माण के साथ ही ऐसा केंद्र स्थापित किया जाएगा, जो इंडो-इस्लामिक सभ्यता को प्रदर्शित करेगा। यह केंद्र भारतीय व इस्लामिक सभ्यता पर शोध करेगा। यहां चैरिटेबिल अस्पताल, पब्लिक लाइब्रेरी व समाज की उपयोगिता की अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इनके निर्माण व संचालन की पूरी जिम्मेदारी इसी ट्रस्ट की होगी।

ट्रस्ट में नहीं होंगे राजनीतिक दल के नेता

इंडो-इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन में किसी भी राजनीतिक दल के नेताओं को शामिल नहीं किया जाएगा। यह ऐसा ट्रस्ट होगा, जिसे राजनीतिक दलों की छाप से दूर रखा जाएगा। इसमें चीफ ट्रस्टी जुफर फारूकी होंगे। सुन्नी वक्फ बोर्ड में उनका कार्यकाल 31 मार्च को खत्म हो जाएगा। इसके बाद वह इस ट्रस्ट को पूरी तरह संभाल लेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.