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UP: 'मन की बात' में पीएम मोदी की सराहना से बाराबंकी की सुमन खुशी से गदगद, कहा- हौसले को मिली उड़ान

बराबंकी की सुमन देवी को जब बताया गया कि उनके कार्य की प्रधानमंत्री ने सराहना की है तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। उन्होंने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हम लोगों की पहल को सराहकर हौसला देने का काम किया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 03:07 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 10:26 PM (IST)
UP: 'मन की बात' में पीएम मोदी की सराहना से बाराबंकी की सुमन खुशी से गदगद, कहा- हौसले को मिली उड़ान
प्रधानमंत्री ने सराहना से सुमन देवी की खुशी का ठिकाना न रहा।

बाराबंकी, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के बराबंकी जिले की सराही झील और कल्याणी नदी के पुनरोद्धार का 'मन की बात' में जिक्र कर चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे रहे खादी के मास्क की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यूपी में बाराबंकी की सुमन देवी ने अपनी साथी महिलाओं के साथ मिलकर खादी के मास्क बनाना शुरू किया। धीरे-धीरे और महिलाएं भी जुड़ती चली गईं। अब वे सभी मिलकर हजारों खादी के मास्क बना रही हैं।

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बराबंकी जिले के त्रिवेदीगंज ब्लॉक के गुरुदत्तखेड़ा निवासी सुमन देवी को जब बताया गया कि उनके कार्य की प्रधानमंत्री ने सराहना की है तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। उन्होंने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हम लोगों की पहल को सराहकर हौसला देने का काम किया है। यह उनकी दूरदृष्टि का परिचायक है।

सुमन देवी ने अगस्त, 2016 में सुभद्रा वर्मा, विमला देवी, सुनीता, रेनू सहित 11 महिलाओं के साथ मिलकर मां वैष्णो स्वयं सहायता समूह का गठन किया था। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की ब्लॉक प्रबंधक ज्योति श्रीवास ने उन्हें बचत करने, मास्क बनाने, मिर्च व टमाटर खेती का प्रशिक्षण दिलवाया और स्वरोजगार कर आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया।

सुमन देवी बताती हैं कि लॉकडाउन में मास्क की किल्लत शुरू हुई। अखबार पढ़कर लोगों की ओर से किए जा प्रयास की जानकारी हुई तो मन में मास्क बनाकर लोगों को संक्रमण से बचाने में योगदान देने का विचार आया और इसे ब्लॉक मिशन प्रबंधक से साझा किया। उन्होंने प्रोत्साहित किया तो घर मे कथरी सिलने के लिए रखे खादी कपड़े से करीब 70 मास्क बनाए। इनका बच्चे, बुजुर्ग और जरूरतमंदों में वितरण किया।

सुमन देवी ने कहा कि लॉकडाउन में ढील होने पर बाजार से कपड़ा लाकर समूह की साथी महिलाओं के साथ मास्क सिलना शुरू किया। वर्तमान में समूह से जुड़कर करीब 24 महिलाएं कार्य कर रही हैं। इससे सुमन ही नहीं इस कार्य से जुड़ी अन्य महिलाओं की जहां आजीविका चल रही है। वहीं यह मास्क लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाने का काम कर रहे हैं। 

बीए पास हैं समूह की कोषाध्यक्ष सुमन : समूह में सुमन देवी पर कोषाध्यक्ष का दायित्व है और वह बीए तक पढ़ी हैं। वह बताती हैं कि खादी का मास्क धोकर अनेक बार प्रयोग में लाया जा सकता है। इसलिए खादी के ही मास्क बनाने की शुरुआत की।

सीआइएफ से मिली राशि से खोली परचून की दुकान : सुमन बताती हैं कि कमनियुटी इन्वेस्टमेंट फंड (सीआइएफ) के तहत एक लाख दस हजार की राशि खाते में आई। इसमें 50 हजार की राशि में चार सदस्यों ने बराबर धनराशि लेकर कारोबार शुरू किया। इसमें सुमन मास्क बना रही हैं। सुनीता ने मिर्च की खेती शुरू की और रेनू टमाटर की नर्सरी तैयार कर बेचती है। मैनावती ने किराना की दुकान खोल रखी है, जिससे परिवार की आजीविका चलाने में वह योगदान दे रही हैं। सरकार ने जो फंड दिया है वह ब्याज मुक्त है, लेकिन समूह से सदस्यों से एक प्रतिशत ब्याज दर पर लेती है, ताकि समूह सशक्त बन सके।

खादी के मास्क की उपयोगिता और बाजार पर प्रकाशित की थी खबर : दैनिक जागरण ने विश्व कपास दिवस पर 'बदले चोले में फब रही खादी, कोरोना काल में बढ़ी मांग' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसमें महिलाओं के खादी के मास्क बनाने और उसकी गैर जनपदों में डिमांड का जिक्र किया गया था।

पीएम का डीएम ने जताया आभार : जिले के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिला के प्रयासों की सराहना करने पर जिलाधिकारी डॉ आदर्श सिंह ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। डीएम ने लिखा है-'एक छोटे से गांव की साहसी महिला श्रीमती सुमन देवी की कहानी को पूरे देश के साथ साझा करने और हम सब का मान सम्मान बढ़ाने के लिए माननीय नरेंद्र मोदी जी का बहुत बहुत आभार। एक वर्ष में यह तीसरा अवसर है जब आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने बाराबंकी का ज़िक्र अपने मन की बात में किया है।'


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