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सुखदेव राजभर ने बसपा पर लगाए आरोप, कहा: स्वार्थी तत्वों से दिशाहीन हुआ बहुजन मूवमेंट; अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश का भविष्य

विधानसभा अध्यक्ष और मंत्री रहे आजमगढ़ के दीदारगंज से विधायक सुखदेव राजभर ने बसपा का साथ छोडऩे के साथ ही पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव को उन्होंने एक भावुक पत्र की प्रति भेजी है।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 07:46 AM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 01:30 PM (IST)
सुखदेव राजभर ने बसपा पर लगाए आरोप, कहा: स्वार्थी तत्वों से दिशाहीन हुआ बहुजन मूवमेंट; अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश का भविष्य
पूर्व विधान सभा अध्यक्ष व बसपा विधायक ने पत्र लिख पार्टी पर साधा निशाना।

लखनऊ राज्य ब्यूरो। विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बहुजन समाज पार्टी को शनिवार को एक और झटका लगा। विधानसभा अध्यक्ष और मंत्री रहे आजमगढ़ के दीदारगंज से विधायक सुखदेव राजभर ने बसपा का साथ छोडऩे के साथ ही पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव को उन्होंने एक भावुक पत्र की प्रति भेजते हुए लिखा है कि स्वार्थी तत्वों द्वारा बहुजन मूवमेंट को दिशाहीन किए जाने से वह बहुत आहत हैं। बसपा से राजभर समाज के मिशनरी लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। स्वास्थ्य कारणों से सक्रिय न होने का जिक्र करते हुए सुखदेव ने अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश का भविष्य बताते हुए दलितों, पिछड़ों व राजभर समाज की सेवा के लिए खुद के बेटे कमलाकांत को उनके हवाले करने की घोषणा की है।

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पांचवी बार विधायक बन 17वीं विधानसभा में पहुंचे सुखदेव ने इंटरनेट पर वायरल पत्र में लिखा है कि मैं प्रारंभ से ही बसपा का सक्रिय सदस्य रहा हूं। कांशीराम के साथ मिलकर शोषितों, वंचितों, दलितों व पिछड़ों के हक की लड़ाई लड़ी। बदलती परिस्थितियों में महसूस कर रहा हूं कि इनकी आवाज को अन्यायपूर्ण व शोषणकारी सरकार द्वारा दबाया जा रहा है। इन परिस्थितियों में बहुजन मूवमेंट और सामाजिक न्याय कमजोर पड़ रहा है। दो वर्षों से मेरा स्वास्थ्य बेहद खराब है। इसके कारण इनकी और अपने समाज की लड़ाई में योगदान नहीं दे पा रहा हूं।

सभी को संबोधित दो पेज के पत्र में राजभर ने लिखा है कि राजनीतिक परिस्थितियां जिस प्रकार की हैं, उसमें हमारे समाज के मिशनरी और जिम्मेदार लोगों को स्वार्थी तत्वों के दबाव में बसपा से बाहर या दरकिनार किया जा रहा है। इन्हीं स्वार्थी तत्वों द्वारा बहुजन मूवमेंट को दिशाहीन किया जा रहा है। इससे मैं बहुत आहत हूं। इस परिस्थिति में मेरे इकलौते पुत्र कमलाकांत राजभर (पप्पू) ने मुझसे सभी के हक और हुकूक की लड़ाई आगे बढ़ाने की इजाजत मांगी है। उसने सपा मुखिया अखिलेश यादव को अपना नेता स्वीकार किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अखिलेश का आशीर्वाद व स्नेह कमलाकांत को मिलेगा।


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