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बंद होने लगीं चीनी मिलें, खेतों में अभी भी खड़ा है गन्ना

प्रदेश के गन्ना किसानों की दुविधा और बढ़ गई है। खेतों में गन्ना पर्याप्त मात्रा में खड़ा है और चीनी मिलें बंद होना शुरू हो गई हैं। चालू मिलों के पेराई सुस्त कर देने से भी किसानों को गन्ना बचने का संकट नजर आ रहा है। दूसरी ओर बकाया गन्ना

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2015 03:31 PM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2015 03:39 PM (IST)
बंद होने लगीं चीनी मिलें, खेतों में अभी भी खड़ा है गन्ना

लखनऊ (अवनीश त्यागी)। प्रदेश के गन्ना किसानों की दुविधा और बढ़ गई है। खेतों में गन्ना पर्याप्त मात्रा में खड़ा है और चीनी मिलें बंद होना शुरू हो गई हैं। चालू मिलों के पेराई सुस्त कर देने से भी किसानों को गन्ना बचने का संकट नजर आ रहा है। दूसरी ओर बकाया गन्ना मूल्य 3494 करोड़ रुपये से अधिक होने के कारण भुगतान समस्या जटिल होगी।

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महाराजगंज की गडौरा और हरदोई की बघौली चीनी मिलों ने गन्ना खरीद का काम बंद कर दिया है। बुलंदशहर की वेब शुगर मिल में एक पखवाड़े से रुकी पेराई को शुरू कराने को किसान धरना दे रहे हैं। इस सत्र में चली 118 चीनी मिलों में से अधिकतर ने पेराई रफ्तार धीमी करके गन्ना खरीद सुस्त कर दी। ऐसे में किसानों को डर सता रहा है कि कहीं खेतों में गन्ना बचा न रह जाए। किसान नरेंद्र सिंह बताते हैं कि 20-25 प्रतिशत गन्ना अभी खेतों में मौजूद है।

बीते पेराई सत्र की तुलना में इस बार एक कम यानि 118 चीनी मिलों ने गन्ना खरीद की है, जिसमें निगम की एक और सहकारी क्षेत्र की 23 मिलों के अलावा निजी मिलों की संख्या 94 है। गन्ना की गुणवत्ता बेहतर होने से इस बार चीनी उत्पादन में 17 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की सूचना है। बाजार में चीनी का दाम स्थिर रहने व अधिक गन्ना खरीदने से मिल संचालकों को वित्तीय घाटा बढऩे का डर सता रहा है जिसके चलते ही गन्ना खरीद सुस्त कर मिलों में पेराई बंद होने लगी है। आगामी 15 दिनों में काफी चीनी मिलों में चक्का जाम होने की उम्मीद है।

और गंभीर होगा भुगतान संकट

मौजूदा पेराई सत्र में किसानों का बकाया भुगतान समय से हो पाना नामुमकिन है। इस सत्र में चीनी मिलों पर 3912.32 करोड़ रुपये बकाया है। गन्ना किसानों को ब्याज देना अनिवार्य किए जाने से मिलों पर 62.77 करोड़ रुपये ब्याज हो चुका है। उप्र शुगर मिल्स एसोसिएशन सचिव दीपक गुप्तारा का कहना है कि सरकार ने हालात सुधारने में मदद नहीं की तो आगामी सत्र में मिलों का संचालन संभव नहीं होगा। दूसरी ओर प्रमुख सचिव गन्ना एवं चीनी उद्योग राहुल भटनागर कहते हैं कि पूरे हालात पर निगाह रखी जा रही है। किसानों के साथ ही मिल संचालकों के हितों का ध्यान रखा जाएगा।

सदन में गूंजेगा गन्ना संकट

विधानमंडल सत्र में गन्ना संकट का मुद्दा उठाने के लिए विपक्ष कमर कसे है। भाजपा विधानमंडल दल नेता सुरेश खन्ना, रालोद के दलवीर सिंह व कांग्रेस के प्रदीप माथुर का कहना है कि किसानों के हितों की अनदेखी नहीं होने दी जाएगी। भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विजयपाल तोमर ने सरकार और मिल मालिकों में साठगांठ का आरोप लगाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।

बकाया भुगतान की करोड़ रुपये में-

मिलें 2013-14 2014-15 ब्याज

निगम- 00 3.70 0.20

सहकारी- 00 333.44 5.74

निजी- 511.35 3575.18 62.77

योग-- 511.35 3912.32 68.71

चीनी उत्पादन व पेराई लाख क्विंटल में

मद 2013-14 2014-15

चीनी 439.36 508.85

गन्ना 4873.13 5435.57।


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